
लखनऊ, बख्शी का तालाब (बीकेटी): पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के उत्तरी ज़ोन के बीकेटी तहसील के अन्तर्गत विकास खण्ड चिनहट के फ़र्रुख़ाबाद ग्राम पंचायत के सैदापुर गाँव में हाल ही में बड़ा विवाद उत्पन्न होने की आशंका है, अब भूमाफ़िया अमरेन्द्र यादव पैसों के दम पर विभिन्न संगठनों का सहारा लेकर “श्री हनुमान टेकरी धाम” में एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन करने की फ़िराक़ में है, दरअसल इसके आयोजन के पीछे की जो वजह है वो पूर्णतया मंदिर परिसर में क़ाबिज़ होने की नीयत है, जो कि इसने पिछले भंडारे के वक्त सार्वजनिक रूप से ज़बरदस्ती महंत रामेश्वर दास जी से मंदिर का महंत बनाने के रूप में ज़ाहिर करने के बाद सार्वजनिक रूप से ही एक पत्रकार को भी देख लेने की धमकी दी थी।

उसके बाद मंदिर परिसर में डेरा डाल लिया था, जिस उच्च स्तरीय शिकायत होने के बाद लगभग 10 दिन बाद इस भूमाफ़िया अमरेन्द्र यादव को एसएचओ सैरपुर जितेन्द्र कुमार गुप्ता ने मौक़े पर पहुँचकर इसे इसकी फॉर्च्यूनर कार समेत मंदिर से बाहर का रास्ता दिखाते हुए दोबारा मंदिर में दख़लंदाज़ी न करने के लिए कहा था।

अब एक बार फिर से श्री हनुमान टेकरी धाम में क़ब्ज़े की नीयत से यह भूमाफ़िया सक्रिय हो गया है, फ़िलहाल खबर लिखे जाने तक इस भूमाफ़िया को किसी भी आयोजन के लिए अनुमति नहीं दी गई थी।
धार्मिक आयोजन और विवाद की शुरुआत

यह विवाद तब शुरू हुआ जब भूमाफ़िया प्रवृत्ति के अमरेन्द्र यादव ने श्री हनुमान टेकरी धाम में पुनः एक आयोजन का ऐलान किया। जब इसकी विवादित छवि को मद्देनज़र रखते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा इसको आयोजन के संबंध में अनुमति नहीं दी गई तो इसने हिन्दू धर्म के अनुयायियों का समर्थन जुटाने के लिए कई संगठनों से मदद माँगी। भूमाफ़िया अमरेन्द्र यादव ने पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए इस आयोजन को धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर प्रचारित किया और पुलिस पर आरोप लगाया कि वे धार्मिक आयोजन को रोकने के लिए दबाव डाल रहे हैं। इसके साथ ही इसने पुलिस पर हिन्दू धर्म के अनुयायियों के अधिकारों का हनन करने जैसा बेबुनियादी आरोप भी लगाया।
श्री हनुमान टेकरी धाम के नाम पर आयोजन के संबंध में पुलिस और प्रशासन का पक्ष

पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने अमरेन्द्र यादव के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अमरेन्द्र यादव के खिलाफ पहले से ही लोगों के पैसे हड़पने, अवैध जमीन कब्जे और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के कई मामले लंबित हैं। अधिकारियों का कहना है कि यादव धार्मिक कार्यक्रम की आड़ में अपनी अवैध गतिविधियों को ढकने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल, यादव पर पहले से ही सरकारी जमीनों पर कब्जा करने, तालाबों और चकमार्गों की जमीन बेचने के गंभीर आरोप हैं। मुंबई के जिस कंपनी में यह कोई कार्य करता था उनसे भी ज़मीन के नाम पर 10 लाख रुपये हड़प लिया और आज तक वो लखनऊ के चक्कर काट रहे हैं, इस माफिया प्रवृत्ति के युवक ने आजतक उन्हें उनका पैसा वापस नहीं लौटाया, अब आप ही बताइए कि इस प्रवृत्ति का गृहस्थ में रहने वाला एक अर्द्ध साधु वेशधारी क्या वाक़ई में साधु हो सकता है, इस पर गंभीर जाँच कर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।
स्थानीयों समेत पुलिस का भी मानना है कि श्री हनुमान टेकरी धाम के आयोजन के पीछे अमरेन्द्र यादव की मंशा मंदिर पर कब्जा करने की है। यह स्थिति तब और भी गंभीर हो गई है जब बीती जनवरी में मंदिर परिसर में हुए भंडारे के दौरान अमरेन्द्र यादव ने मंदिर के महंत रामेश्वर दास जी से बदसलूकी की। अमरेन्द्र ने महंत जी को ख़ुद को मंदिर का महंत बनने के लिए न सिर्फ़ दबाव बनाया बल्कि सार्वजनिक रूप से मंदिर परिसर में ही अपमानित भी किया था। जब महंत जिनके कहने पर भंडारे में मौजूद एक स्थानीय पत्रकार ने महंत जी के समर्थन में आवाज उठाई, तो यादव और उसके गुर्गों ने उस पत्रकार को धमकियाँ दीं और उसके साथ बवाल किया। पत्रकार ने इस धमकी के खिलाफ स्थानीय सैरपुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी और मामले में उचित कार्रवाई की मांग की थी। जिसके बाद अमरेन्द्र के ख़िलाफ़ एक के बाद एक कार्रवाई हो रही हैं जिसका विवरण स्थानीय पुलिस प्रशासन से प्राप्त किया जा सकता है।
अमरेन्द्र द्वारा महंत और स्थानीय समाज का विरोध

महंत रामेश्वर दास जी और स्थानीय समाज ने अमरेन्द्र यादव के इन कृत्यों का कड़ा विरोध किया है। महंत जी का कहना है कि अमरेन्द्र यादव का उद्देश्य धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि मंदिर परिसर पर अवैध कब्जा करना है। अमरेन्द्र ने धार्मिक आयोजन की आड़ में मंदिर की संपत्तियों पर अपना नियंत्रण जमाने की कोशिश की, जो कि पूरी तरह से अस्वीकार्य है। इस घटना से स्थानीय समाज में भी गहरा आक्रोश है, और लोगों ने पुलिस और प्रशासन से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
आपराधिक पृष्ठभूमि और साधु वेश का सहारा

अमरेन्द्र यादव की आपराधिक गतिविधियाँ नई नहीं हैं। वह हाल ही में एक मामले में जेल जाकर भी आया है और उसके खिलाफ पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के जॉइंट पुलिस कमिश्नर के न्यायालय में गुंडा एक्ट का मामला भी लंबित है। उसकी भूमाफ़िया प्रवृत्ति और आपराधिक मानसिकता का प्रमाण यह भी है कि उसने अपने गाँव उमरभारी के पास स्थित पल्हरी गाँव में स्थित अपनी प्लानिंग में सरकारी तालाब, चकमार्ग, और अन्य सरकारी जमीनों को भी बेच दिया है। जिसकी विस्तृत जाँच हुई तो इस धन से अर्जित अकूत संपत्तियों को कुर्क होना तय है। इसके कारण स्थानीय लोगों में भी गहरा आक्रोश है, लेकिन अमरेन्द्र यादव की आपराधिक छवि और उसके गुर्गों के डर के कारण लोग खुलकर इस भूमाफ़िया का विरोध नहीं कर पा रहे हैं।
भूमाफ़िया अमरेन्द्र यादव अपने आपराधिक कृत्यों को ढकने के लिए गृहस्थ होने के बावजूद समय-समय पर साधु वेश भी धारण कर लेता है। उसने अपनी गतिविधियों को धार्मिकता का आवरण देने की कोशिश की है ताकि लोगों का ध्यान उसके अवैध कार्यों से हट सके। हालाँकि, स्थानीय प्रशासन और पुलिस को उसकी यह चाल समझ में आ चुकी है। इसी कारण से पुलिस ने “श्री हनुमान टेकरी धाम” के आसपास किसी भी प्रकार के धार्मिक या अन्य आयोजन की अनुमति नहीं दी है।
जनवरी में भंडारे के दिन की घटना और पत्रकार पर हमले की कोशिस

बीती जनवरी में मंदिर परिसर में हुए भंडारे के दौरान अमरेन्द्र यादव ने महंत रामेश्वर दास जी को जबरन मंदिर का महंत बनाने के लिए अपमानित किया। जब इस पर एक स्थानीय पत्रकार ने विरोध किया, तो यादव और उसके गुर्गों ने पत्रकार को धमकी दी और उसे देख लेने की बात कही। यह घटना भंडारे के दौरान सार्वजनिक रूप से हुई, जिससे आयोजन में मौजूद लोगों में खलबली मच गई। पत्रकार ने इस घटना की शिकायत स्थानीय सैरपुर थाने में की और मामले में सख्त कार्रवाई की माँग की। इस घटना के बाद से स्थानीय समाज में तनाव की स्थिति बनी हुई है।
श्री हनुमान टेकरी धाम पर कब्जे की साजिश

अमरेन्द्र यादव ने श्री हनुमान टेकरी धाम के आयोजन के माध्यम से मंदिर पर कब्जे की योजना बनाई है। उसकी मंशा है कि वह हिन्दू संगठनों के समर्थन का इस्तेमाल कर मंदिर की संपत्तियों को अपने कब्जे में ले ले। हालांकि, पुलिस और प्रशासन की सतर्कता के कारण उसकी यह योजना विफल होती दिख रही है और प्रशासन ने भी स्पष्ट किया है कि अमरेन्द्र यादव को श्री हनुमान टेकरी धाम और उसके आसपास की किसी भी सरकारी जमीन पर किसी भी प्रकार के आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी।उसको अगर आयोजन ही करना है तो पास में ही उसका घर है वहाँ कर ले या फिर किसी निजी भूमि में कर ले, तब उसको कोई मदद चाहिए तो बताए लेकिन इस प्रकार से विवाद उत्पन्न करने के बाद मंदिर परिसर या फिर आसपास की सार्वजनिक भूमि में आयोजन की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
समाज में बढ़ता आक्रोश

अमरेन्द्र यादव की इन गतिविधियों के खिलाफ स्थानीय लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। कई लोग प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि यादव के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए और उसकी अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाई जाए। लोगों का कहना है कि यादव जैसे अपराधियों को धार्मिक आयोजनों का सहारा लेकर अपनी आपराधिक गतिविधियों को छुपाने का अवसर नहीं मिलना चाहिए। भूमाफिया अमरेन्द्र यादव की आपराधिक गतिविधियों और श्री हनुमान टेकरी धाम में धार्मिक आयोजन के बहाने मंदिर पर कब्जे की साजिश ने स्थानीय समाज में गंभीर तनाव पैदा कर दिया है। पुलिस और प्रशासन ने यादव के आरोपों को खारिज करते हुए उसकी अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की दिशा में काम किया है। इस पूरे मामले से यह स्पष्ट होता है कि धार्मिकता का सहारा लेकर अपराधी अपनी गतिविधियों को ढकने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन सतर्क प्रशासन और समाज इसे रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने भूमाफ़िया अमरेन्द्र यादव के किसी भी आयोजन को अनुमति देने से इनकार कर दिया है, जिससे समाज में एक सकारात्मक संदेश गया है कि कानून का पालन हर हाल में किया जाएगा, चाहे व्यक्ति कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो।