
लखनऊ, 27 सितंबर, 2024: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय, कानपुर का छठवां दीक्षांत समारोह धूमधाम से संपन्न हुआ। समारोह में राज्यपाल ने विभिन्न पाठ्यक्रमों के स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को 899 उपाधियाँ प्रदान कीं। इसके साथ ही राज्यपाल ने मेधावी विद्यार्थियों को 48 मेडल भी दिए, जिनमें 21 छात्राओं और 27 छात्रों को उपकुलपति मेडल और चांसलर मेडल प्रदान किए गए।

इस विशेष समारोह का आयोजन विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल ने अपने संबोधन में प्राविधिक शिक्षा के महत्व पर जोर दिया और कहा कि विद्यार्थियों को अनुशासित रहकर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में लगातार प्रयास करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि केवल ज्ञान अर्जित करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि इसे प्रौद्योगिकी के साथ जोड़कर समाज के विकास में योगदान देना आवश्यक है।
प्राविधिक शिक्षा में छात्राओं की भूमिका पर विशेष जोर

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने संबोधन में इस बात पर विशेष ध्यान दिलाया कि छात्राओं का प्रदर्शन छात्रों की तुलना में अपेक्षाकृत कम है। उन्होंने छात्राओं से आग्रह किया कि वे प्राविधिक शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक मेहनत करें और अपने प्रदर्शन में सुधार लाएं। राज्यपाल ने कहा, “शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए छात्राओं को अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा और उत्कृष्ट प्रदर्शन करना होगा।”
अनुशासन का महत्व: सफलता की कुंजी, ज्ञान व प्रौद्योगिकी का युग

राज्यपाल ने अपने भाषण में अनुशासन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जीवन में अनुशासन बनाए रखना सफलता प्राप्त करने का महत्वपूर्ण कारक है। उन्होंने कहा, “अनुशासित व्यक्ति ही अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। अनुशासन से न केवल व्यक्तित्व निखरता है, बल्कि समाज में एक अलग पहचान भी बनती है।” राज्यपाल ने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे अनुशासन और कड़ी मेहनत के साथ अपने लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ें।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि वर्तमान युग केवल ज्ञान का नहीं है बल्कि ज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का है। उन्होंने कहा, “आज दुनिया में वही देश प्रगति कर रहे हैं, जो नवाचार और नई टेक्नोलॉजी को प्राथमिकता दे रहे हैं। पिछले 10 वर्षों में भारत ने विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में अपनी क्षमता का विश्व स्तर पर परिचय दिया है।” उन्होंने यह भी कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। देश में तीव्र गति से हो रहे विकास के कारण वैश्विक स्तर पर भारत के साथ व्यापारिक संबंध स्थापित करने में कई देशों की रुचि बढ़ी है।
पुस्तक और आंगनबाड़ी किटों का वितरण

समारोह में राज्यपाल ने राजभवन की ओर से स्कूलों की लाइब्रेरी के लिए पुस्तकें भी प्रदान कीं, जो छोटे बच्चों के बौद्धिक विकास में सहायक होंगी। इसके साथ ही उन्होंने 200 आंगनबाड़ी किटों का वितरण भी किया, जिससे आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की बेहतर देखभाल और स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सकेगा। राज्यपाल ने कहा, “इन किटों से आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की देखभाल का स्तर बेहतर होगा और उनके स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जा सकेगा।”
कौशल विकास और स्टार्टअप्स के लिए अवसर, शोध और नवाचार की बढ़ती प्रवृत्ति
राज्यपाल ने बजट में कौशल विकास, रोजगार, नवाचार और स्टार्टअप्स के लिए किए गए प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह प्रावधान आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री जी के विजन के तहत विद्यार्थियों के कौशल विकास के लिए 125 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो अब तक का सबसे बड़ा बजट है। इसके तहत अगले 5 वर्षों में एक करोड़ विद्यार्थियों को प्रतिष्ठित औद्योगिक संस्थानों में पेड इंटर्नशिप का अवसर प्रदान किया जाएगा।”
राज्यपाल ने देश में शोध और नवाचार की दिशा में हो रहे कार्यों पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि युवा अब रोजगार ढूंढने के बजाय स्टार्टअप्स के माध्यम से रोजगार सृजन कर रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा नवाचार और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता की भी उन्होंने सराहना की।
सफलता के लिए कड़ी मेहनत जरूरी
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है। उन्होंने कहा, “सफलता प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम करना जरूरी है। विद्यार्थियों को ऑनलाइन गेम्स और अन्य धोखाधड़ी से बचना चाहिए और अपने भविष्य के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम करना चाहिए।”
समाज के विकास में विश्वविद्यालय की भूमिका
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को अपने गोद लिए गांवों में जाकर वहां की समस्याओं को जानने और उनके समाधान के लिए काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “विश्वविद्यालय का यह कर्तव्य है कि वह समाज के विकास में सक्रिय भूमिका निभाए और ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाए।”
नवीन भवनों और डिजिटल सेवाओं का शुभारंभ
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के दो नए भवनों, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एवं केमिकल इंजीनियरिंग भवनों का लोकार्पण किया और ‘समर्थ पोर्टल’ का शुभारंभ भी किया। इसके साथ ही सभी उपाधियाँ, अंक पत्र और प्रमाण पत्र डिजीलॉकर में ऑनलाइन अपलोड किए गए, जिससे विद्यार्थियों को इन दस्तावेजों की पहुंच सुगम होगी।
सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ताओं और संकाय सदस्यों का सम्मान
समारोह में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ताओं और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों में शामिल विश्वविद्यालय के 06 संकाय सदस्यों को भी प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। इसके अलावा, राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के गोद लिए गए पांच गांवों के विद्यालयों में विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया और प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को सम्मानित किया।
मुख्य अतिथि का संबोधन
समारोह के मुख्य अतिथि, पद्मश्री प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने सभी उपाधि प्राप्तकर्ताओं को बधाई दी और उन्हें अपने करियर में सफल पेशेवर बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में सक्रिय योगदान देने के लिए भी प्रेरित किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समशेर सिंह, कार्यपरिषद और विद्यापरिषद के सदस्य, शिक्षकगण, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, विद्यार्थी और विभिन्न विद्यालयों के बच्चे उपस्थित रहे।