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बलिया: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय का छठा दीक्षांत समारोह सम्पन्न

  • 23,242 विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान, राज्यपाल ने 150 आंगनबाड़ी किटें वितरित कीं

लखनऊ, 24 सितंबर 2024: जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया का छठा दीक्षांत समारोह आज राज्यपाल और राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। समारोह में 23,242 विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान की गईं, जिसमें 59% छात्राएं थीं। 43 पदकों में से 34 छात्राओं ने प्राप्त किए, जो कुल पदकों का 81% है। इस विशेष उपलब्धि पर राज्यपाल ने गर्व प्रकट किया और कहा कि बेटियाँ हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं।

समारोह के दौरान सभी उपाधियों को डिजीलॉकर में अपलोड किया गया, जिससे छात्र-छात्राओं को डिजिटली अपनी डिग्री प्राप्त करने में आसानी होगी।

समारोह के मुख्य बिंदु

  1. विद्यार्थियों को रोजगार देने वाले बनने की प्रेरणा:
    राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय और शिक्षकों से आग्रह किया कि वे विद्यार्थियों को न केवल रोजगार मांगने वाले बल्कि रोजगार देने वाले बनाने की दिशा में प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि भारत सरकार कौशल विकास के लिए बजट में अलग से प्रावधान कर रही है और इसका लाभ विद्यार्थियों को मिलना चाहिए।
  2. शैक्षणिक प्रदर्शन और व्यक्तित्व विकास:
    राज्यपाल ने गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि मेडल का महत्त्व सिर्फ शैक्षणिक प्रदर्शन में नहीं, बल्कि इसके प्रभाव को व्यवहार और व्यक्तित्व में भी दिखना चाहिए। उन्होंने छात्राओं के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर विशेष रूप से गर्व व्यक्त किया और उन्हें भविष्य में भी इस सम्मान को बनाए रखने की प्रेरणा दी।
  3. आंगनबाड़ी के बच्चों के लिए 150 किटें वितरित:
    समारोह के दौरान राज्यपाल ने आंगनबाड़ी के बच्चों के समग्र विकास के लिए 150 किटें प्रदान कीं। इन किटों में तौलिया, कंघी, आईना, सुई-धागा, बटन, नेल कटर, और साबुन जैसी वस्तुएं शामिल थीं, जो बच्चों की स्वच्छता और स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए दी गईं।
  4. सामाजिक और कृषि विकास पर जोर:
    राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि वे पद्मश्री प्राप्त किसानों से मिलकर उनसे राय लें और अपने क्षेत्र के किसानों को आगे बढ़ाएं। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय को वार्षिक कैलेंडर बनाकर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए, ताकि विद्यार्थियों को ज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में प्रोत्साहन मिले।
  5. कृषि और उद्योग में योगदान:
    राज्यपाल ने शिक्षकों को भी लेखन कार्य और शोध में योगदान देने की सलाह दी ताकि विद्यार्थियों को औद्योगिक क्षेत्रों में इंटर्नशिप का अवसर मिल सके और उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
  6. प्रशासनिक भवन का लोकार्पण और स्मारिका का विमोचन:
    राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के नवनिर्मित प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया और विश्वविद्यालय की स्मारिकाओं का विमोचन भी किया।

समारोह में उपस्थित विशिष्ट अतिथिगण

इस अवसर पर बलिया के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार, मुख्य विकास अधिकारी ओजस्वी राज, जनप्रतिनिधिगण, विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद-विद्यापरिषद सदस्य, सम्बद्ध महाविद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाएं, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां और स्कूली बच्चे उपस्थित रहे।

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