
अयोध्या, उत्तर प्रदेश: डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या का 29वां दीक्षांत समारोह प्रदेश की राज्यपाल और विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इस महत्वपूर्ण समारोह में राज्यपाल ने 2,00,218 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान कीं और 102 मेधावी छात्र-छात्राओं को कुल 116 स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। समारोह में राज्यपाल ने समाज के निर्माण में विश्वविद्यालयों की अग्रणी भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ शिक्षित करना नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर बनाना भी होना चाहिए।
2,00,218 उपाधियां और 116 स्वर्ण पदक प्रदान

समारोह में आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय और इसके सम्बद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को विभिन्न पाठ्यक्रमों की 2,00,218 उपाधियां प्रदान कीं। इसके साथ ही 102 मेधावी छात्र-छात्राओं को कुल 116 स्वर्ण पदक भी प्रदान किए गए, जिनमें 33 कुलपति स्वर्ण पदक, 66 कुलाधिपति स्वर्ण पदक, और 17 दानस्वरूप स्वर्ण पदक शामिल थे। उल्लेखनीय है कि 14 छात्र-छात्राओं ने कुलपति और कुलाधिपति दोनों स्वर्ण पदक प्राप्त किए।
इस वर्ष, छात्राओं का प्रदर्शन अत्यधिक प्रभावशाली रहा, जहाँ 65 स्वर्ण पदक छात्राओं को मिले, जो कुल स्वर्ण पदकों का 64% रहा। वहीं 37 स्वर्ण पदक छात्रों को प्राप्त हुए, जो 36% रहा।
डिजिलॉकर के जरिए डिजिटल उपाधियों की पहल

राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह के दौरान डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए सफल विद्यार्थियों के अंक-पत्र और उपाधियों को भारत सरकार के डिजिलॉकर में अपलोड करवाया, जिससे छात्र अपने प्रमाणपत्रों को डिजिटल माध्यम से प्राप्त कर सकेंगे।
आंगनबाड़ी किट वितरण और शिक्षा का विस्तार

समारोह में आनंदीबेन पटेल ने बहराइच जिले की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 200 आंगनबाड़ी किट प्रदान कीं, जो राज्यपाल की समाज सेवा की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके अलावा, उन्होंने पांच विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को विद्यालय के पुस्तकालय हेतु राजभवन से उपहार स्वरूप पुस्तकें भेंट कीं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए प्राथमिक और पूर्व प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को भी चित्रकला, भाषण, और संवाद प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।
स्वच्छता और सामाजिक बुराइयों पर राज्यपाल का संदेश, स्वरोजगार पर विशेष जोर

समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने स्वच्छता के महत्व पर जोर दिया और कहा कि स्वच्छता हमारा स्वभाव बननी चाहिए। उन्होंने नशा और दहेज प्रथा को समाज की सबसे बड़ी बुराइयां बताते हुए कहा कि शिक्षण संस्थानों को इनसे दूर रहना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से नशामुक्ति का संकल्प लेने का आह्वान किया और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया।

राज्यपाल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल शिक्षित करना नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर बनाना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने छात्र-छात्राओं से आग्रह किया कि वे अपने ज्ञान का उपयोग न केवल अपने व्यक्तिगत विकास के लिए, बल्कि देश के विकास में भी करें। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था पांचवे स्थान पर है और वर्ष 2030 तक इसे तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए विद्यार्थियों को संकल्पित होकर कार्य करना चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सहयोग देना चाहिए।
विश्वविद्यालयों की शोध और विकास नीति की प्रशंसा

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा क्रियान्वित शोध एवं विकास नीति की प्रशंसा की और इसे शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए लाभकारी बताया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को समाज और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए और साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों की शिक्षा पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए।
अयोध्या का विकास और संस्कृति व कार्यक्रम के अन्य मुख्य बिंदु

राज्यपाल ने कहा कि अयोध्या अपनी पुरातन संस्कृति के साथ सज-धज रही है और इसे एक धर्म नगरी के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अयोध्या रेलवे स्टेशन का पुनरुद्धार और वंदे भारत ट्रेनों का संचालन इस विकास का हिस्सा है। समारोह के मुख्य अतिथि भगवती प्रकाश शर्मा, विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी, और विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. प्रतिभा गोयल ने भी छात्र-छात्राओं को संबोधित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय का 29वां दीक्षांत समारोह एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक कार्यक्रम साबित हुआ, जहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ आत्मनिर्भरता और समाज निर्माण के महत्व को समझाया।इस अवसर पर बहराइच सीडीओ मुकेश चंद्र, उप कुलसचिव दिनेश कुमार मौर्य, डॉ. रीमा श्रीवास्तव, विश्वविद्यालय के शिक्षक, विद्यार्थी, कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां, और स्कूली बच्चे भी उपस्थित रहे।