विश्व एड्स दिवस के मौके पर पूरे बिहार में जागरूकता अभियान ज़ोरों पर रहा। स्वास्थ्य विभाग और एड्स नियंत्रण समिति ने पटना से लेकर सभी जिलों में रैलियां, नुक्कड़ नाटक, पोस्टर अभियान और सेमिनार आयोजित किए। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य लोगों को HIV/AIDS के बारे में सही जानकारी देना, डर कम करना और बचाव के तरीके बताना था।
बिहार में कितने लोग HIV संक्रमित?
एड्स नियंत्रण समिति के अधिकारियों के अनुसार, इस समय बिहार में लगभग 97 हज़ार लोग HIV पॉज़िटिव हैं। सभी मरीजों का इलाज और देखभाल विभाग द्वारा की जा रही है। बताया गया कि यदि दवा नियमित रूप से ली जाए तो बीमारी बढ़ती नहीं है और संक्रमित व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है।
HIV कैसे फैलता है?
विशेषज्ञों के अनुसार, HIV वायरस मुख्यतः चार कारणों से फैलता है:
- असुरक्षित यौन संबंध — सबसे अधिक संक्रमण इसी कारण होता है।
- इस्तेमाल की हुई सुई का प्रयोग, खासकर नशा करने वालों में।
- संक्रमित खून चढ़ाने से।
- गर्भवती मां से बच्चे में संक्रमण, हालांकि अब इसका प्रभावी उपचार मौजूद है।
HIV को लेकर आम गलतफहमी
सबसे बड़ी भ्रांति यह है कि यदि मां HIV पॉज़िटिव है, तो बच्चा भी संक्रमित होगा। यह सही नहीं है। गर्भावस्था के दौरान सही दवा लेने पर लगभग 99% बच्चों का जन्म पूरी तरह स्वस्थ होता है। बिहार में यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक चल रहा है।
HIV के लक्षण कब दिखने लगते हैं?
शुरुआती कई वर्षों तक HIV के कोई खास लक्षण नहीं दिखते।
जब इम्यून सिस्टम काफी कमजोर हो जाता है, यानी बीमारी अंतिम स्टेज पर पहुँचती है, तब लक्षण नज़र आते हैं।
संभावित लक्षण:
- बार-बार बुखार आना
- लंबे समय तक दस्त रहना
- अचानक वजन कम होना
- मुंह में छाले या गले में बार-बार संक्रमण
- त्वचा पर रैशेज़
- बार-बार टीबी या निमोनिया होना
ऐसी स्थिति में HIV टेस्ट करवाना बेहद जरूरी है।
HIV से बचाव कैसे करें?
- हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करें।
- नशे के लिए कभी सुई साझा न करें।
- सैलून में नया ब्लेड इस्तेमाल कराएं, टैटू बनवाते समय नई सुई का इस्तेमाल सुनिश्चित करें।
- खून चढ़वाने या ऑपरेशन से पहले ऐसे अस्पताल चुनें जो पूरी स्क्रीनिंग करते हों।
- शक हो तो तुरंत HIV की फ्री टेस्टिंग कराएं।
HIV के इलाज को लेकर बिहार की तैयारी
- पूरे राज्य में 186 ART सेंटर सक्रिय हैं, जहाँ HIV की दवा मुफ्त उपलब्ध है।
- दवाइयाँ आजीवन मुफ्त मिलती हैं।
- हर जिला अस्पताल से लेकर PHC तक निःशुल्क टेस्टिंग की सुविधा मौजूद है।
- किसी भी जानकारी के लिए हेल्पलाइन 1800-180-5544 उपलब्ध है।
किसे होती है सबसे अधिक दिक्कत?
जिन लोगों को बीमारी के अंतिम चरण में पता चलता है और जो समय पर इलाज शुरू नहीं करते, उनकी स्थिति गंभीर हो सकती है। जबकि समय रहते टेस्ट कराकर इलाज शुरू करने वाले लोग लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जीते हैं।


































