उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) और रूस के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। NATO ने बताया कि उसके लड़ाकू विमानों ने एस्टोनिया की हवाई सीमा में घुसे रूसी जेट्स को रोक दिया। NATO ने इसे रूस का ‘लापरवाह व्यवहार’ बताया और कहा कि यह गठबंधन की तुरंत कार्रवाई करने की क्षमता को दर्शाता है। प्रवक्ता एलिसन हार्ट के अनुसार तीन रूसी MiG-31 फाइटर जेट्स फिनलैंड की खाड़ी से एस्टोनिया की हवाई सीमा में दाखिल हुए और करीब 12 मिनट तक वहां रहे।
इतालवी F-35 विमानों ने दी चुनौती
NATO के मुताबिक, रूस के विमानों को रोकने के लिए इतालवी F-35 जेट्स बाल्टिक क्षेत्र में तैनात NATO मिशन का हिस्सा बनकर भेजे गए।
यूरोप का एस्टोनिया को समर्थन
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि रूस द्वारा हवाई सीमा का उल्लंघन गंभीर चिंता का विषय है और यूरोप एस्टोनिया के साथ मजबूती से खड़ा है। उन्होंने चेतावनी दी कि खतरे बढ़ने पर रूस पर और दबाव डाला जाएगा और यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस के खिलाफ नया प्रतिबंध पैकेज पेश किया जाएगा।
काया कल्लास का बयान
EU की शीर्ष राजनयिक और एस्टोनिया की पूर्व प्रधानमंत्री काया कल्लास ने इसे दो हफ्तों में तीसरा हवाई उल्लंघन बताया और कहा कि यह ‘बेहद खतरनाक उकसावा’ है। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ेगा और रूसी राष्ट्रपति पुतिन पश्चिम की दृढ़ता की परीक्षा ले रहे हैं। कल्लास ने EU सदस्य देशों की रक्षा प्रणाली मजबूत करने का भरोसा भी दिलाया।