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अमेरिका के पूर्व NSA का ट्रंप को चेतावनी, कहा टैरिफ बड़ी भूल है; ट्रेड डील पर असर

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन ने एक बार फिर भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने को लेकर ट्रंप प्रशासन पर निशाना साधा है। बोल्टन ने कहा कि टैरिफ नीति ही अमेरिका की गलती है। उनका कहना है कि हमें ऐसी चीजों को प्राथमिकता देनी चाहिए, जिससे टैरिफ कम हो और ट्रेड डील पर बातचीत के द्वार खुले रहें।

टैरिफ पर आम सहमति बनाने की जरूरत

बोल्टन ने कहा, “टैरिफ कम करने और आगे की बातचीत के लिए रास्ता खुला रखने वाला समझौता करना सबसे बेहतर रहेगा। हमारा ध्यान टैरिफ पर आम सहमति बनाने और उसी आधार पर आगे बढ़ने पर होना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप को पीएम मोदी से फोन पर बात करनी चाहिए और संबंध सुधारने पर चर्चा करनी चाहिए, साथ ही क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए भारत जाना चाहिए।

ट्रंप ने कहा कि भारत रूस से तेल खरीदता है, इसलिए उस पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया है। इस पर बोल्टन ने कहा, “रूस पर कोई प्रत्यक्ष टैरिफ नहीं लगाया गया। चीन, जो भारत से भी ज्यादा तेल खरीदता है, उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।” उन्होंने यह भी कहा कि रूस के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंध चुनौतियां पेश करते हैं।

दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत तालमेल जरूरी

बोल्टन ने कहा, “मुझे लगता है कि हमें रूस से तेल और गैस की खरीद कम करने की जरूरत है। ऐसा करने के कई तरीके हैं, जिससे भारत को आर्थिक रूप से नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।” उन्होंने सुझाव दिया कि दोनों पक्षों को टैरिफ कम करने और विश्वास बहाल करने के लिए फिर से वार्ता शुरू करनी चाहिए। नेताओं के बीच व्यक्तिगत तालमेल दोनों देशों के सहयोग को बढ़ावा देने के लिए बहुत जरूरी है।

ट्रंप को क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए भारत जाना चाहिए

बोल्टन ने कहा कि अगर दोनों नेता इस बारे में फिर से बात करने के करीब हैं तो यह एक अच्छा संकेत है। उन्होंने क्वाड के जरिए भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच सहयोग के महत्व पर भी अपनी बात रखी और कहा कि ट्रंप को क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए भारत जाना चाहिए।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता को लेकर पाकिस्तान ने ट्रंप के दावों की पोल खोली थी। इस पर बोल्टन ने कहा, “ट्रंप अक्सर अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों को श्रेय लेने की कोशिश करते हैं और नोबेल शांति पुरस्कार की बात करते हैं। यह बयान इस बात का सबूत है कि उन्हें भारत के बारे में कितना कम पता है।”

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