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UTTAR PRADESH: पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर अवैध पटाखा फैक्ट्रियों और गोदामों पर विशेष अभियान शुरू

UTTAR PRADESH: पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर अवैध पटाखा फैक्ट्रियों और गोदामों पर विशेष अभियान शुरू
  • उत्तर प्रदेश में 7 से 21 सितंबर 2025 तक 15 दिवसीय विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
  • अभियान का उद्देश्य अवैध पटाखा फैक्ट्रियों और गोदामों में होने वाले विस्फोटों की रोकथाम करना है।
  • सभी लाइसेंसधारी फैक्ट्रियों का संयुक्त निरीक्षण और वीडियोग्राफी कर क्रॉस-सत्यापन होगा।
  • बालश्रम मिलने पर तत्काल कानूनी कार्यवाही की जाएगी, छोटे विक्रेताओं को अनावश्यक रूप से परेशान नहीं किया जाएगा।
  • विस्फोट या आग की घटना पर जिम्मेदार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रदेशभर में अवैध पटाखा फैक्ट्रियों और गोदामों में हो रही दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए 15 दिवसीय विशेष अभियान की शुरुआत की है। पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा के निर्देश पर यह अभियान 7 सितंबर 2025 से 21 सितंबर 2025 तक चलेगा। इस दौरान प्रदेश भर में निरीक्षण, सत्यापन और सख्त कार्यवाही की जाएगी।

अभियान का उद्देश्य

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अवैध पटाखा निर्माण, भंडारण और बिक्री से जुड़ी घटनाओं को रोकना है। पिछले वर्षों में प्रदेश में अवैध फैक्ट्रियों और गोदामों में कई बार विस्फोट और आग की घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें जान-माल का भारी नुकसान हुआ। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश पुलिस ने यह कदम उठाया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके।

निरीक्षण और सत्यापन की प्रक्रिया

इस अभियान के तहत जिन फैक्ट्रियों को पटाखा बनाने का लाइसेंस मिला हुआ है, उनका संयुक्त निरीक्षण क्षेत्राधिकारी, उपजिलाधिकारी, थाना प्रभारी और अग्निशमन विभाग की टीम द्वारा किया जाएगा। निरीक्षण की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी और इसका अभिलेखीकरण अपर पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त/उपायुक्त तथा जिलाधिकारी द्वारा किया जाएगा। इसके बाद इनका क्रॉस-सत्यापन भी अनिवार्य होगा।

सुरक्षा तैयारियों पर विशेष ध्यान

पटाखा फैक्ट्रियों में आग लगने की संभावना हमेशा बनी रहती है, खासकर रासायनिक आग की स्थिति में। इसलिए अभियान के दौरान सुरक्षा तैयारियों की गहन समीक्षा की जाएगी। दुर्घटना की स्थिति में कर्मचारियों और प्रबंधकों द्वारा की जाने वाली तैयारियों का भी विस्तृत परीक्षण होगा। यदि कहीं लापरवाही पाई जाती है तो जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ तत्काल कार्यवाही की जाएगी।

बालश्रम पर रोक और कानूनी कार्यवाही

निरीक्षण के दौरान यदि कहीं भी बालश्रम का इस्तेमाल पाया गया तो संबंधित फैक्ट्री मालिक या प्रबंधक पर तुरंत प्रभावी और कड़ी कानूनी कार्यवाही होगी। यह अभियान केवल अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए है, इसलिए छोटे व अस्थायी विक्रेताओं को अनावश्यक रूप से परेशान न करने के निर्देश दिए गए हैं।

अवैध फैक्ट्रियों और भंडारण पर कार्यवाही

अभियान के दौरान यदि कोई अवैध फैक्ट्री, गोदाम या पटाखों का अवैध परिवहन और विक्रय करते पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करके तुरंत बंद कराने की कार्यवाही की जाएगी। बिक्री के स्थान केवल लाइसेंस और अनुमति पत्र के आधार पर ही निर्धारित किए जाएंगे। साथ ही, बिक्री स्थलों को आबादी और व्यस्त बाजारों से दूर सीमांकित और सुरक्षित स्थानों पर ही व्यवस्थित किया जाएगा।

अधिकारियों की जवाबदेही

इस विशेष अभियान में यह भी स्पष्ट किया गया है कि भविष्य में यदि कहीं भी विस्फोट या आगजनी की कोई घटना होती है, तो संबंधित चौकी प्रभारी, बीट प्रभारी, थाना प्रभारी और वरिष्ठ अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। लापरवाही या उदासीनता पाए जाने पर उनके खिलाफ भी आवश्यक कार्यवाही होगी।

प्रदेश पुलिस का यह 15 दिवसीय विशेष अभियान केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि जन सुरक्षा और जनहित को ध्यान में रखते हुए एक ठोस कदम है। अवैध फैक्ट्रियों और गोदामों की पहचान कर उन्हें बंद कराया जाएगा, साथ ही लाइसेंसधारी इकाइयों की सुरक्षा व्यवस्था भी परखी जाएगी। इस प्रकार यह अभियान प्रदेश में पटाखा उद्योग को सुरक्षित और नियंत्रित बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास साबित होगा

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