HomeDaily Newsसरोजनीनगर के परवर पश्चिम से 47वीं "रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा" सम्पन्न :...

सरोजनीनगर के परवर पश्चिम से 47वीं “रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा” सम्पन्न : विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने बुजुर्गों के जीवनभर के सपने को किया साकार

सरोजनीनगर के परवर पश्चिम से 47वीं "रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा" सम्पन्न : विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने बुजुर्गों के जीवनभर के सपने को किया साकार
  • डॉ. राजेश्वर सिंह की पहल से सरोजनीनगर के बुजुर्गों का अयोध्या दर्शन का सपना पूरा हुआ।
  • 47वीं रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा श्रद्धा, सेवा और सामाजिक समरसता का प्रतीक बनी।
  • अयोध्या पहुंचकर श्रद्धालुओं ने श्रीराम जन्मभूमि, हनुमानगढ़ी, कनक भवन और सरयू घाट पर पूजा-अर्चना की।
  • हर यात्री को प्रसाद और श्रीमद्भगवद्गीता की प्रति भेंट की गई, जिससे यात्रा का महत्व और बढ़ा।
  • बुजुर्गों की आंखों के आंसू और मुस्कान ने यात्रा को समाज की सामूहिक भक्ति और सेवा का उत्सव बना दिया।

लखनऊ : सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र में विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह की पहल पर सोमवार को 47वीं रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा का सफल आयोजन किया गया। यह यात्रा ग्राम पंचायत परवर पश्चिम से रवाना हुई, जिसमें बड़ी संख्या में बुजुर्गों और महिलाओं ने भाग लिया। श्रद्धालुओं को पावन नगरी अयोध्या धाम में श्रीरामलला के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस यात्रा ने सरोजनीनगर में भक्ति, सेवा और सामाजिक समरसता का एक अद्वितीय संगम प्रस्तुत किया।

मातृस्मृति से जनसेवा का अनूठा अभियान

डॉ. राजेश्वर सिंह ने अपनी माताजी स्व. श्रीमती तारा सिंह की स्मृति को केवल व्यक्तिगत भावनाओं तक सीमित न रखकर उसे जनसेवा का संकल्प बना दिया। उनके अनुसार, क्षेत्र का कोई भी बुजुर्ग या महिला जीवनभर अयोध्या दर्शन की इच्छा अधूरी लेकर न रहे। इसी उद्देश्य से उन्होंने रामरथ यात्रा की शुरुआत की। हर पखवाड़े इस यात्रा का आयोजन लगातार किया जा रहा है, जो अब 47वें पड़ाव पर पहुँच चुकी है। यह यात्रा केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व और संवेदनशीलता का परिचायक भी है।

श्रद्धालुओं का सम्मानपूर्वक स्वागत

यात्रा की शुरुआत ग्राम परवर पश्चिम से हुई। विधायक की टीम सुबह गाँव पहुँची और श्रद्धालुओं का विशेष अंगवस्त्र भेंट कर स्वागत किया। वातावरण जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा और ग्रामीणों ने इसे जीवन की एक बड़ी उपलब्धि माना। सम्मान और आत्मीयता से भरा यह स्वागत समारोह यात्रा के महत्व को और भी गहरा बना गया।

सेवा और सुविधाओं की विशेष व्यवस्था

पूरे सफर के दौरान टीम राजेश्वर के स्वयंसेवक श्रद्धालुओं की सेवा में पूरी तरह समर्पित रहे। यात्रा में बुजुर्गों और महिलाओं के लिए भोजन, नाश्ते और ठंडे पानी की व्यवस्था की गई। साथ ही स्वास्थ्य सुविधा के लिए मेडिकल टीम और चिकित्सक मौजूद रहे ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटा जा सके।

अयोध्या पहुँचने के बाद श्रद्धालुओं ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, हनुमानगढ़ी, सरयू घाट और कनक भवन में दर्शन-पूजन किया। बुजुर्ग श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए स्थानीय परिवहन हेतु बैटरी रिक्शों का प्रबंध किया गया, जिससे वे आराम से सभी स्थलों पर पहुँच सके।

धार्मिक ग्रंथ और प्रसाद का वितरण

यात्रा समाप्ति पर प्रत्येक श्रद्धालु को श्रीमद्भगवद गीता की प्रति और अयोध्या का प्रसाद भेंट किया गया। साथ ही सभी यात्रियों को उसी बस से सुरक्षित उनके गाँव वापस पहुँचाया गया। इस पहल ने न केवल यात्रा को आध्यात्मिक रूप से सार्थक बनाया बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व और सेवा भाव को भी मजबूत किया।

भावनाओं में आभार और चेहरों पर संतोष

यात्रा में शामिल कई बुजुर्गों ने भावुक होकर कहा कि अयोध्या दर्शन उनके लिए जीवन का सबसे बड़ा सपना था, जिसे विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने साकार कर दिया। किसी ने आँखों में आँसू भरकर आभार व्यक्त किया, तो किसी ने संतोष भरी मुस्कान के साथ विधायक और उनकी टीम को आशीर्वाद दिया। इन क्षणों ने यह सिद्ध कर दिया कि यह यात्रा केवल दर्शन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भक्ति और सेवा का उत्सव है।

सामाजिक समरसता और भाईचारे का संदेश

रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा अब केवल धार्मिक आयोजन नहीं रह गई है। यह सरोजनीनगर क्षेत्र में सामाजिक समरसता और भाईचारे का प्रतीक बन चुकी है। विभिन्न वर्गों और समुदायों के लोग इसमें शामिल होकर न केवल अपनी आस्था व्यक्त करते हैं बल्कि समाज को एकता और सहयोग का संदेश भी देते हैं।

डॉ. राजेश्वर सिंह का संकल्प

विधायक डॉ. सिंह ने स्पष्ट कहा कि उनका संकल्प है – “सरोजनीनगर का कोई बुजुर्ग या महिला अयोध्या दर्शन की इच्छा अधूरी लेकर न रहे। हर व्यक्ति को जीवन में एक बार अयोध्या दर्शन का अवसर अवश्य मिले। यह केवल धार्मिक यात्रा नहीं बल्कि सेवा, त्याग और मातृस्मृति को जनसेवा में बदलने का प्रयास है।”

भक्ति, सेवा और त्याग का अद्वितीय उदाहरण

आज सरोजनीनगर की यह यात्रा पूरे प्रदेश में एक प्रेरणादायी मिसाल बन चुकी है। यह केवल अयोध्या दर्शन तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज को जोड़ने, सामूहिक आस्था जगाने और सेवा-भाव को आगे बढ़ाने का एक ऐतिहासिक प्रयास है। रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा भक्ति, सेवा और त्याग का ऐसा अनोखा संगम है, जो समाज में हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments