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डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने किया फ़ूड एंड बेकरी एक्सपो-2025 का शुभारम्भ, यूपी को ‘बेकरी कैपिटल’ बनाने का रखा विज़न

  • अवध शिल्पग्राम, लखनऊ में शुरू हुआ तीन दिवसीय फ़ूड एंड बेकरी एक्सपो-2025।
  • उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने किया शुभारम्भ।
  • डॉ. सिंह बोले – भारत के केवल 6% खाद्य उत्पाद प्रोसेस, लक्ष्य 20% तक पहुँचाना।
  • यूपी को “भारत की बेकरी कैपिटल” बनाने का दिया प्रस्ताव, हर जिले में फूड प्रोसेसिंग क्लस्टर की वकालत।
  • मुख्यमंत्री को भेजा बेकरी एवं प्रसंस्कृत खाद्य नीति 2025 का विज़न, 2027 तक 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य।

लखनऊ। राजधानी के शहीद पथ स्थित अवध शिल्पग्राम में गुरुवार को तीन दिवसीय फ़ूड एंड बेकरी एक्सपो-2025 की शुरुआत हुई। इस एक्सपो का शुभारम्भ प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। इस दौरान डॉ. सिंह ने स्टॉलों का निरीक्षण किया और उपस्थित उद्यमियों, उद्योगपतियों तथा आगंतुकों को संबोधित किया।

भारत में केवल 6% खाद्य उत्पाद होते हैं प्रोसेस

अपने संबोधन में डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि भारत में खाद्य उत्पादों का केवल 6 प्रतिशत ही प्रोसेस होता है, जबकि सरकार का लक्ष्य आने वाले वर्षों में इस अनुपात को कम से कम 20 प्रतिशत तक ले जाने का है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वर्ष 2022 से 2027 तक की फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी लागू की गई है, जिसके अंतर्गत सब्सिडी, सिंगल विंडो क्लीयरेंस और त्वरित अनुमोदन जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

डॉ. सिंह ने बताया कि यह नीति प्रदेश के किसानों और उद्यमियों के लिए नए अवसरों का द्वार खोल रही है और यह सुनिश्चित करेगी कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को मजबूती मिले।

यूपी बने ‘इंडिया की बेकरी कैपिटल’

डॉ. सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश 56 मिलियन टन कृषि उत्पादन के साथ आज देश का फ़ूड बाउल है। इस सामर्थ्य को आगे बढ़ाते हुए राज्य को ‘भारत की बेकरी राजधानी’ बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग वह शक्ति है जो प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में निर्णायक भूमिका निभाएगी।

उन्होंने प्रस्ताव रखा कि उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में आधुनिक फ़ूड प्रोसेसिंग क्लस्टर विकसित किए जाएं। इन क्लस्टरों में उद्यमियों को सिंगल विंडो क्लीयरेंस, आसान पर्यावरण अनुमति और त्वरित बिजली कनेक्शन जैसी बुनियादी सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराई जाएं। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि युवाओं के लिए नए रोजगार अवसर भी पैदा होंगे।

उद्यमियों को मिला आश्वासन

अपने संबोधन में डॉ. सिंह ने उद्यमियों और उद्योगपतियों को आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार हर संभव सहयोग और संसाधन उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि सरकार की प्रतिबद्धता है कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को उत्तर प्रदेश की नई आर्थिक शक्ति के रूप में विकसित किया जाए।

इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, फ़ूड इंडस्ट्री वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरीश गुप्ता, शशांक देव सिंह, सोनू गुप्ता, रजत नागपाल, पंकज मिश्रा, मीनू अरोड़ा, डॉ. यश विक्रम और राजू बत्रा सहित बड़ी संख्या में उद्यमी और विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे।

यूपी को “भारत की बेकरी राजधानी” बनाने का नीति प्रस्ताव

विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक विस्तृत “बेकरी एवं प्रसंस्कृत खाद्य नीति 2025” का विज़न प्रस्ताव भेजा है। इस नीति का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को वैश्विक स्तर पर “भारत की बेकरी कैपिटल” के रूप में स्थापित करना है।

प्रस्ताव की मुख्य बातें

इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास : लखनऊ, कानपुर, नोएडा और वाराणसी में बेकरी एवं फूड प्रोसेसिंग पार्क की स्थापना।

MSME और महिला उद्यमिता : छोटे उद्योगों और स्टार्टअप्स को सॉफ्ट लोन, क्रेडिट गारंटी और महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए विशेष क्रेडिट लाइन।

कौशल विकास : निफ्टेम, होटल मैनेजमेंट संस्थान और पॉलिटेक्निक कॉलेजों के सहयोग से बेकरी स्किल सेंटर और लघु अवधि के कोर्सेज।

नवाचार एवं अनुसंधान : फूड-टेक इनक्यूबेटर और शुगर-फ्री, ग्लूटेन-फ्री तथा मिलेट-आधारित उत्पादों पर शोध के लिए अनुदान।

निर्यात और वैश्विक ब्रांडिंग : APEDA साझेदारी के तहत Export Facilitation Cell की स्थापना और Lucknow Bakes, Agra Cookies जैसे ODOP उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग।

पोषण व जनस्वास्थ्य : मिड-डे मील और ICDS योजनाओं में फोर्टिफाइड व मिलेट-आधारित बेकरी उत्पाद शामिल करना।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस : उद्यमियों के लिए आसान FSSAI अनुपालन, सिंगल विंडो क्लियरेंस और क्लस्टर आधारित लाइसेंसिंग व्यवस्था।

2027 तक का विज़न

इस नीति से प्रदेश में लाखों रोजगार सृजित होंगे, महिला और ग्रामीण उद्यमियों को आत्मनिर्भरता मिलेगी और उत्तर प्रदेश वैश्विक स्तर पर “भारत की बेकरी कैपिटल” के रूप में स्थापित होगा।

डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि APEDA के सहयोग से यह नीति खाद्य प्रसंस्करण और बेकरी सेक्टर को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाएगी और 2027 तक राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में अहम योगदान देगी।

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