अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि जब तक वह राष्ट्रपति हैं, चीन ताइवान पर हमला नहीं करेगा। इसके जवाब में ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उनका देश खुद अपनी रक्षा कर सकता है। पिछले कुछ वर्षों से ताइवान चीन की सैन्य और राजनीतिक दबाव का सामना कर रहा है, और चीन अक्सर ताइवान को अपने क्षेत्र में शामिल करने की बात करता रहा है।
ताइवान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि उनकी सरकार अमेरिका और चीन के बीच की बातचीत पर बारीकी से नजर रखती है। उन्होंने यह भी कहा कि ताइवान के पास अपनी रक्षा करने की पर्याप्त क्षमता है और देश अपनी आत्मरक्षा क्षमताओं को लगातार बढ़ा रहा है।
संयुक्त राज्य अमेरिका ताइवान का सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समर्थक और हथियार आपूर्तिकर्ता है, लेकिन दोनों देशों के बीच कोई औपचारिक राजनयिक संबंध या रक्षा संधि नहीं है। इसका मतलब यह है कि यदि चीन हमला करता है तो अमेरिका मदद करने के लिए बाध्य नहीं है, हालांकि अमेरिका कानूनन ताइवान को अपनी रक्षा के साधन उपलब्ध कराने के लिए बाध्य है और रणनीतिक अस्पष्टता की नीति पर कायम है।