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लखनऊ: अन्तिम बड़े मंगल के अवसर पर डीसीपी नॉर्थ कार्यालय में हुआ भव्य भंडारा

  • ⁠डीसीपी नॉर्थ आईपीएस अभिजीत आर शंकर ने विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने के बाद भंडारे की शुरुआत की
  • बड़े मंगल के अवसर पर पूरे लखनऊ में जगह-जगह चल रहा भंडारा
  • आईटी चौराहे के पास स्थित पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के नॉर्थ ज़ोन के डीसीपी कार्यालय में भी हुआ भंडारा
  • ⁠डीसीपी नॉर्थ के साथ ही एडीसीपी नॉर्थ, ज़ोन के सभी सर्कल के एसीपी, डीसीपी के वाचक राधेश्याम मौर्या व सभी थानों के प्रभारी निरीक्षक समेत काफी संख्या में पुलिसकर्मी भी मौजूद रहे

लखनऊ: लखनऊ में ज्येष्ठ माह के बड़े मंगल का विशेष महत्व है, जिसे बड़े मंगल के नाम से जाना जाता है। यह त्योहार हर मंगलवार को मनाया जाता है और इसमें भगवान हनुमान की पूजा की जाती है। बड़े मंगल के दौरान, लखनऊ के विभिन्न हिस्सों में भंडारे का आयोजन किया जाता है। यह भंडारा शहर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और इसमें हजारों लोग शामिल होते हैं।

इसी कड़ी में लखनऊ के आईटी चौराहे के पास स्थित डीसीपी नॉर्थ कार्यालय में भी भंडारा किया गया है। डीसीपी नॉर्थ अभिजीत आर शंकर ने विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने के बाद भंडारे की शुरुआत की है। इस मौके पर डीसीपी नॉर्थ के साथ ही एडीसीपी नॉर्थ, ज़ोन के सभी सर्कल के एसीपी, डीसीपी के वाचक राधेश्याम मौर्या व सभी थानों के प्रभारी निरीक्षक समेत काफी संख्या में पुलिसकर्मी भी मौजूद रहे।

भंडारे में कई प्रकार के प्रसादों का भोग लगाते हैं श्रद्धालु

गौरतलब है कि ज्येष्ठ माह में होने वाले इस भंडारे में विभिन्न प्रकार के भोजन, जैसे पूड़ी, सब्जी, हलवा, और शरबत परोसे जाते हैं। इसे आयोजित करने वाले लोग इसे अपनी धार्मिक और सामाजिक जिम्मेदारी मानते हैं। भंडारा लगाने वाले श्रद्धालु सुबह से ही तैयारी में जुट जाते हैं और पूरे दिन लोगों की सेवा करते हैं।

बड़े मंगल के भंडारे में सभी वर्गों के लोग होते हैं शामिल

लखनऊ के बड़े मंगल के भंडारे की खासियत यह है कि इसमें हर जाति, धर्म और वर्ग के लोग शामिल होते हैं, जो आपसी भाईचारे और एकता का संदेश देता है। इस दिन शहर में एक मेले जैसा माहौल होता है, जहां लोग भगवान हनुमान के दर्शन के साथ-साथ भंडारे का प्रसाद ग्रहण करते हैं। इस परंपरा का पालन पीढ़ियों से हो रहा है और यह लखनऊ की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को दर्शाता है।

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