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स्वच्छता ही सेवा 2024: ‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’ थीम पर उत्तर प्रदेश में विशेष सफाई अभियान

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ‘स्वच्छता ही सेवा’ वर्ष 2024 के तहत प्रदेश की सभी नगरीय निकायों में 17 सितंबर से 02 अक्टूबर तक एक व्यापक स्वच्छता अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का उद्देश्य नगरों, मोहल्लों और वार्डों को स्वच्छ और साफ-सुथरा बनाना है। अभियान के तहत महात्मा गांधी के 155वें जन्मदिवस पर ‘‘स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम‘‘ के अंतर्गत 26 सितंबर से 02 अक्टूबर तक 155 घंटे का नॉन-स्टॉप सफाई अभियान चलाया जाएगा।

स्वच्छता ही सेवा अभियान की थीम और उद्देश्य

नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा के नेतृत्व में ‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’ थीम पर इस 15 दिवसीय अभियान को वृहद जन-सहभागिता के साथ मनाने का निर्णय लिया गया है। इस थीम के अंतर्गत स्वच्छता की भागीदारी, संपूर्ण स्वच्छता और सफाईमित्र सुरक्षा के तीन प्रमुख घटक शामिल हैं। अभियान का उद्देश्य न केवल सफाई करना है, बल्कि लोगों को सफाई के प्रति जागरूक करना और स्वच्छता को उनके दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना है।

अभियान के प्रमुख पहलू

  1. सार्वजनिक भागीदारी: अभियान में नागरिकों के जुड़ाव हेतु विभिन्न आई.ई.सी. गतिविधियां जैसे साइक्लोथॉन, मैराथॉन और प्लॉग रन का आयोजन किया जाएगा। साथ ही स्वच्छ सारथी क्लब, स्वयंसेवी संस्थाएं, युवा मंडल दल और अन्य संस्थाएं स्वच्छता में सहयोग प्रदान करेंगी।
  2. स्वच्छता की भागीदारी: स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में स्वच्छ सारथी क्लबों की भूमिका अहम होगी। इन क्लबों के माध्यम से प्लास्टिक मुक्त स्वच्छ स्कूल बनाने की योजना है, जिसमें स्वच्छ टॉयलेट और स्वच्छ परिसर की व्यवस्था होगी।
  3. विशेष सफाई अभियान: महात्मा गांधी के जन्मदिवस पर 155 घंटे का नॉन-स्टॉप सफाई अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान नगरों के प्रमुख स्थान जैसे बाजार, रोड के किनारे, कार्यालय परिसर, और खान-पान की जगहों पर विशेष सफाई की जाएगी।
  4. सफाई मित्रों की भूमिका: सफाई मित्र इस अभियान के प्रमुख अंग हैं। उनके स्वास्थ्य की जांच, किट वितरण और सरकारी योजनाओं का लाभ देने का प्रबंध किया जाएगा।

पुरस्कृत होंगे उत्कृष्ट कार्य करने वाले निकाय

अभियान के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वाले 02 नगर निगम, 05 पालिकाएं और 10 पंचायतें पुरस्कृत की जाएंगी। इसके साथ ही सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले स्कूलों को “स्वच्छ स्कूल” की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा।

जीरो वेस्ट और प्लास्टिक मुक्त त्योहार, संसाधनों की उपलब्धता और मॉनिटरिंग

मंत्री ए0के0 शर्मा ने आने वाले त्योहारों को जीरो वेस्ट और प्लास्टिक मुक्त बनाने पर जोर दिया है। नवरात्रि, दिवाली और छठ पूजा जैसे त्योहारों के दौरान किसी भी स्थान पर लेगसी वेस्ट नहीं दिखना चाहिए। साथ ही छठ पूजा के लिए सभी घाटों की व्यापक रूप से सफाई की जाएगी। मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी निकाय में सफाई का अभाव नहीं होना चाहिए। संसाधनों की कमी वाले निकायों को निकटतम नगर निगमों या पालिकाओं से सहायता प्रदान की जाएगी। प्रत्येक जिले और निकाय में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति होगी, जो सफाई व्यवस्था की निगरानी करेंगे। रिपोर्ट की डायरेक्टरेट स्तर पर समीक्षा की जाएगी, और नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

स्वच्छता योद्धा और स्वच्छ सारथी क्लबों की भागीदारी, सफाई मित्रों के लिए विशेष प्रबंध

स्वच्छता योद्धा और स्वच्छ सारथी क्लब अभियान के मुख्य स्तंभ हैं। इनकी संख्या बढ़ाकर उन्हें और मजबूत किया जाएगा। साथ ही, निकाय स्तर पर सहयोगियों और योद्धाओं को सम्मानित किया जाएगा, इसके साथ ही सफाई मित्रों की कार्य क्षमता और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनकी स्वास्थ्य जांच, किट वितरण और सरकारी योजनाओं के लाभ दिए जाएंगे। निकाय स्तर पर कैंप लगाकर सफाई मित्रों को 17 सितंबर से पहले स्वच्छता किट उपलब्ध कराई जाएगी।

संसाधनों का सुचारू उपयोग, सुंदरीकरण और आधुनिकता की दिशा में कदम

निदेशक नगर निकाय अनुज कुमार झा ने बताया कि हाल ही में विभिन्न निकायों में 490 वाहन दिए गए हैं। जिन निकायों में संसाधनों की कमी है, उन्हें अपने प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इस अभियान के दौरान सभी संसाधनों का सही ढंग से उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा ताकि नगरों को स्वच्छ और सुंदर बनाया जा सके। अभियान के अंतर्गत नगरों के पार्क, उद्यान, ओपन जिम और वेन्डिंग जोन जैसी व्यवस्थाओं को उत्कृष्ट स्थानों की श्रेणी में स्थापित किया जाएगा। साथ ही पीपीपी मॉडल के तहत चौराहों का सुंदरीकरण करने के लिए नागरिकों और व्यापारिक संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा।

स्वच्छता सर्वेक्षण और ग्लोबल सिटी की ओर कदम, सफाई मित्रों की सुरक्षा और सम्मान

आगामी स्वच्छ सर्वेक्षण में नगरों को ग्लोबल सिटी के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए स्वच्छता योद्धाओं और क्लबों की भूमिका अहम होगी। मंत्री ने साफ-सफाई को गंभीरता से लेने और गंदगी फैलाने वालों पर जुर्माना लगाने के निर्देश दिए हैं। सफाई मित्रों का नगर की स्वच्छता में बड़ा योगदान है। उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए उन्हें नियमित स्वास्थ्य जांच और किट वितरण किया जाएगा। विभागीय अधिकारियों को सफाई मित्रों की समस्याओं के समाधान के लिए संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वच्छता ही सेवा अभियान का मुख्य उद्देश्य न केवल सफाई करना है, बल्कि स्वच्छता को समाज का एक अभिन्न हिस्सा बनाना है। जनसहभागिता और सरकारी प्रयासों के साथ यह अभियान उत्तर प्रदेश को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस अभियान की सफलता में नागरिकों की सक्रिय भागीदारी और जागरूकता अहम भूमिका निभाएगी। स्वच्छता ही सेवा के इस महाअभियान में प्रदेश के हर नागरिक का स्वागत है, ताकि हम सब मिलकर अपने नगरों को स्वच्छ, सुंदर और आधुनिक बना सकें।

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