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सोने और चांदी की कीमतों में उछाल: पहली बार ₹75 हजार के पार पहुंचा सोना

सोना ₹75,248 प्रति 10 ग्राम पर, चांदी ₹90,730 प्रति किलो बिकी

लखनऊ/नई दिल्ली: भारत में सोने और चांदी की कीमतों में एक बार फिर बड़ा उछाल देखने को मिल रहा है। बुधवार को सोने की कीमत ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया, जब 10 ग्राम 24 कैरेट सोना ₹75,248 तक पहुंच गया। यह सोने का अब तक का सबसे ऊँचा स्तर है। चांदी भी पीछे नहीं रही और इसमें ₹2,328 की बढ़त दर्ज की गई, जिससे चांदी का भाव ₹90,730 प्रति किलो हो गया।

यह उछाल निवेशकों और ग्राहकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन रहा है, क्योंकि सोना और चांदी की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है। इस बढ़ती मांग और वैश्विक बाजार में हो रहे उतार-चढ़ाव के चलते सोने और चांदी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।


सोने की कीमत का ऑल टाइम हाई: ₹75,248 प्रति 10 ग्राम

सोना निवेश के लिए एक बेहतरीन विकल्प

भारत में सोना न केवल आभूषणों के रूप में बल्कि एक सुरक्षित निवेश के तौर पर भी देखा जाता है। पिछले कुछ वर्षों में, सोने की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है, और अब यह पहली बार ₹75 हजार के पार पहुंच गया है। इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, बुधवार को सोने की कीमत ₹484 की बढ़त के साथ ₹75,248 प्रति 10 ग्राम हो गई। इससे पहले मंगलवार को इसका भाव ₹74,764 प्रति 10 ग्राम था।

इस साल सोने में लगातार बढ़त देखी जा रही है, जो इस हफ्ते में अब तक ₹1,100 से ज्यादा महंगा हो चुका है। यह वृद्धि दर्शाती है कि सोना अभी भी निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और लाभदायक विकल्प बना हुआ है, खासकर उन लोगों के लिए जो लंबी अवधि के निवेश की योजना बना रहे हैं।

सोने की कीमत बढ़ने के कारण

सोने की कीमत में वृद्धि के कई कारण होते हैं। यहां प्रमुख कारणों की सूची दी गई है:

  1. वैश्विक आर्थिक अस्थिरता (Global Economic Instability):
    जब वैश्विक बाजारों में आर्थिक अनिश्चितता का माहौल होता है, तब निवेशक सोने की ओर रुख करते हैं। सोने को एक सुरक्षित निवेश माना जाता है और इसका मूल्य समय के साथ बढ़ता है।
  2. डॉलर की कमजोरी (Weakness of Dollar):
    जब अमेरिकी डॉलर कमजोर होता है, तो सोने की कीमत बढ़ने की संभावना रहती है। यह इसलिए होता है क्योंकि सोने की कीमतें आमतौर पर डॉलर में मापी जाती हैं, और डॉलर के कमजोर होने पर इसकी कीमत बढ़ती है।
  3. मुद्रास्फीति (Inflation):
    मुद्रास्फीति के समय सोने का मूल्य तेजी से बढ़ता है, क्योंकि लोग इसे अपने धन को सुरक्षित रखने के तरीके के रूप में देखते हैं।
  4. केंद्रीय बैंकों की नीतियाँ (Policies of Central Banks):
    जब केंद्रीय बैंक ब्याज दरों को कम करते हैं या बाजार में अधिक तरलता उपलब्ध कराते हैं, तब सोने की कीमत में वृद्धि होती है।

चांदी की कीमतों में बड़ी छलांग: ₹90,730 प्रति किलो

चांदी का बढ़ता मूल्य और निवेशक रुचि

सोने के साथ ही चांदी की कीमतों में भी बड़ा उछाल देखने को मिला है। बुधवार को चांदी ₹2,328 की बढ़त के साथ ₹90,730 प्रति किलो पर पहुंच गई, जो इस साल की एक बड़ी बढ़त है। इससे पहले मंगलवार को चांदी ₹88,402 प्रति किलो पर थी।

चांदी भी सोने की तरह एक महत्वपूर्ण निवेश विकल्प है। इस साल 29 मई को चांदी ₹94,280 प्रति किलो के ऑल टाइम हाई पर पहुंच चुकी है। चांदी की कीमत में यह बढ़त दर्शाती है कि इस कीमती धातु की मांग भी तेजी से बढ़ रही है।

चांदी की कीमत बढ़ने के कारण

  1. औद्योगिक मांग (Industrial Demand):
    चांदी का उपयोग कई उद्योगों में किया जाता है, विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स और सोलर पैनल उत्पादन में। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में भी चांदी की मांग बढ़ी है, जिससे इसकी कीमत में उछाल आया है।
  2. वैश्विक आपूर्ति और मांग (Global Supply and Demand):
    चांदी की मांग बढ़ने के साथ-साथ इसकी आपूर्ति में कमी आ रही है, जिससे इसकी कीमतें बढ़ रही हैं।

सोने और चांदी के बढ़ते भाव का बाजार पर प्रभाव

सोने और चांदी की कीमतों में इस वृद्धि का सीधा असर भारतीय बाजारों पर भी देखने को मिल रहा है। आम आदमी के लिए आभूषण खरीदना महंगा हो रहा है, लेकिन वहीं दूसरी ओर, निवेशक इन कीमती धातुओं में निवेश कर अपने धन को सुरक्षित कर रहे हैं।

आभूषण उद्योग पर असर

सोने और चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा प्रभाव आभूषण उद्योग पर पड़ता है। सोने की बढ़ती कीमतों के चलते ग्राहकों की आभूषण खरीदने की क्षमता कम हो रही है। हालांकि, त्योहारों और शादियों के मौसम में सोने और चांदी की मांग बनी रहती है, लेकिन ऊंची कीमतों के कारण ग्राहकों को ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है।

निवेशकों के लिए क्या है सही समय?

सोने और चांदी में निवेश करने वालों के लिए यह समय काफी महत्वपूर्ण हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और मुद्रास्फीति का दौर जारी रहता है, तो सोने और चांदी की कीमतों में और भी वृद्धि हो सकती है।

लंबी अवधि के लिए निवेश

विशेषज्ञों के अनुसार, जो निवेशक लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए सोना एक बेहतरीन विकल्प है। सोने की कीमत में लगातार बढ़त होती रही है, और मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए इसमें भविष्य में भी वृद्धि की संभावना है।

सोने और चांदी की कीमतों पर विशेषज्ञों की राय

विभिन्न बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि सोने और चांदी की कीमतों में यह उछाल अगले कुछ महीनों तक जारी रह सकता है। वैश्विक बाजारों में हो रही अस्थिरता, डॉलर की कमजोरी, और केंद्रीय बैंकों की नीतियों का सोने और चांदी की कीमतों पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है।

वैश्विक बाजार का असर

वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों का भारतीय बाजारों पर भी गहरा असर पड़ता है। जब वैश्विक बाजारों में आर्थिक अस्थिरता होती है, तो भारतीय निवेशक भी सोने और चांदी में निवेश करने की ओर आकर्षित होते हैं। इससे घरेलू बाजारों में भी इन धातुओं की मांग बढ़ जाती है, जिससे कीमतें ऊपर जाती हैं।

क्या आगे भी जारी रहेगी सोने और चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी ?

सोने और चांदी की कीमतों में वर्तमान वृद्धि कई कारकों पर निर्भर करती है, जिनमें वैश्विक आर्थिक परिस्थितियाँ, मुद्रास्फीति, और केंद्रीय बैंकों की नीतियाँ शामिल हैं। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए ऐसा लगता है कि सोने और चांदी की कीमतों में यह वृद्धि आने वाले समय में भी जारी रह सकती है। निवेशकों के लिए यह समय महत्वपूर्ण है, और जो लोग इन धातुओं में निवेश करना चाहते हैं, उन्हें वर्तमान बाजार परिस्थितियों का विश्लेषण करके सही निर्णय लेना चाहिए।

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