
लखनऊ, 01 अक्टूबर 2024: उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने गोरखनाथ पीठ की सामाजिक समरसता और राम मंदिर आंदोलन में निभाई गई भूमिका की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि गोरखनाथ मठ ने राम मंदिर आंदोलन में जो ऐतिहासिक योगदान दिया है, वह न केवल अयोध्या के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय सामाजिक और धार्मिक संरचना को मजबूती प्रदान करता है।
राम मंदिर आंदोलन में गोरखनाथ पीठ का ऐतिहासिक योगदान
मोती सिंह ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष केवल 1990 के दशक का नहीं है, बल्कि इसका इतिहास बहुत पुराना है। गोरखनाथ मठ ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से पहले ही राम मंदिर के लिए आवाज उठानी शुरू कर दी थी। महंत दिग्विजय नाथ, महंत अवैद्यनाथ और वर्तमान में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गोरखनाथ पीठ ने इस आंदोलन को सक्रिय रूप से समर्थन दिया और इसे जन-जन तक पहुंचाया। इस पीठ का योगदान राम मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष में अत्यंत अनुकरणीय रहा है।
पूर्व मंत्री मोती सिंह की टिप्पणी
राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह, जो प्रतापगढ़ जिले की पट्टी विधानसभा से कई बार विधायक रहे हैं और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं, ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरों में अशोक सिंघल, लालकृष्ण आडवाणी और कल्याण सिंह के साथ गोरखनाथ पीठ का भी विशेष स्थान रहा है। उन्होंने गोरखनाथ पीठ के महंत अवैद्यनाथ द्वारा राम मंदिर शिलान्यास के लिए कामेश्वर चौपाल का चयन करने को सामाजिक समरसता की मिसाल बताया।
गोरखनाथ पीठ की सामाजिक समरसता में भूमिका
मोती सिंह ने यह भी कहा कि गोरखनाथ पीठ का योगदान सिर्फ धार्मिक आंदोलनों तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि यह पीठ सामाजिक समरसता और जातिगत विभाजनों को समाप्त करने की दिशा में भी सक्रिय रहा है। महंत अवैद्यनाथ और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गोरखनाथ मठ ने समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट किया और सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।
शशि प्रकाश सिंह की डॉक्युमेंट्री का अनावरण
इस मुलाकात के दौरान, प्रसिद्ध शिक्षाविद् और ब्लॉसम इंडिया फाउंडेशन के निदेशक शशि प्रकाश सिंह ने पूर्व मंत्री मोती सिंह से मुलाकात की और उन्हें “गोरखनाथ पीठ का राम मंदिर में योगदान” पर आधारित एक डॉक्युमेंट्री का डिजिटल वर्जन भेंट किया। इस डॉक्युमेंट्री में गोरखनाथ पीठ के विभिन्न पीठाधीश्वरों द्वारा राम मंदिर आंदोलन में किए गए योगदान का विस्तार से वर्णन किया गया है। करीब 25 मिनट की इस डॉक्युमेंट्री में गोरखनाथ मठ की ऐतिहासिक भूमिका को दर्शाया गया है।
डॉक्युमेंट्री और सामाजिक संदेश
शशि प्रकाश सिंह ने बताया कि यह डॉक्युमेंट्री विशेष रूप से गोरखनाथ मठ के सामाजिक और धार्मिक आंदोलनों में योगदान पर केंद्रित है। इससे पहले, शशि प्रकाश सिंह ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक गीत का निर्माण भी किया था, जिसे काफी सराहना मिली थी।
गोरखनाथ मठ का अनुकरणीय नेतृत्व
मोती सिंह ने वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उनके गुरु महंत अवैद्यनाथ ने राम मंदिर आंदोलन के दौरान जो नेतृत्व दिखाया था, वह आज भी सभी के लिए प्रेरणादायक है। योगी आदित्यनाथ ने उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए समाज में शांति और एकता की भावना को प्रोत्साहित किया है।
गोरखनाथ पीठ ने न केवल राम मंदिर निर्माण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि समाज में समरसता और एकजुटता की मिसाल भी कायम की है। राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने इस पीठ के योगदान को अनुकरणीय बताते हुए समाज के अन्य धार्मिक और सामाजिक संस्थानों को भी इस दिशा में प्रेरित होने की बात कही।