
- लखनऊ से शुरू हुआ एम-पैक्स सदस्यता महाअभियान 2025, किसानों को मिलेगा यूनिक आईडी।
- डिजिटल पोर्टल और टोल-फ्री नंबर के जरिए आसान हुई सदस्यता प्रक्रिया।
- पिछली बार 30 लाख नए सदस्य जुड़े और 70 करोड़ रुपये का अंशधन प्राप्त हुआ।
- उर्वरक, बीज, मशीनरी और ब्याजमुक्त कैश क्रेडिट का सीधा लाभ मिलेगा किसानों को।
- उत्कृष्ट कार्य करने वाली समितियों और सचिवों को दिया गया सम्मान।

लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना “सहकार से समृद्धि” को साकार करने की दिशा में आज राजधानी लखनऊ से एक नया अध्याय शुरू हुआ। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित भव्य समारोह में केन्द्रीय सहकारिता एवं नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल ने एम-पैक्स सदस्यता महाअभियान 2025 का शुभारम्भ किया।

इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण विकास, किसानों की आत्मनिर्भरता और सहकारी समितियों की सशक्त भूमिका को नए आयाम देना है।
अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 और अभियान की पृष्ठभूमि

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2025 को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया है। इसी भावना के अनुरूप भारत सरकार ने सहकारी संस्थाओं को आर्थिक और सामाजिक विकास की धुरी बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस अवसर पर श्री मोहोल ने कहा कि सहकारिता आंदोलन न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है बल्कि समाज को संगठित कर एक बेहतर भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त कर रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय ने बीते कुछ वर्षों में पैक्स कम्प्यूटरीकरण, किसान समृद्धि केंद्र, भंडारण क्षमता विस्तार और ब्याजमुक्त ऋण जैसी योजनाओं से सहकारी समितियों को नया जीवन दिया है।
डिजिटल पोर्टल और टोल-फ्री सुविधा का शुभारम्भ

कार्यक्रम में एम-पैक्स सदस्यता को और आसान बनाने के लिए एक डिजिटल पोर्टल (www.pacsmember.in) और टोल-फ्री नंबर (1800212884444) की शुरुआत की गई। अब किसान केवल एक कॉल या ऑनलाइन आवेदन करके सदस्य बन सकते हैं।
राज्यमंत्री ने बताया कि किसान को मोबाइल नंबर दर्ज करने पर ओटीपी मिलेगा और सत्यापन के बाद उसकी सदस्यता पूरी हो जाएगी। इसके बाद हर सदस्य को एक यूनिक आईडी मिलेगी, जिसके माध्यम से वह नैनो यूरिया, उर्वरक, बीज, कृषि मशीनरी और कीटनाशक जैसी सुविधाओं का लाभ प्राप्त कर सकेगा।
पिछली उपलब्धियाँ और नए लक्ष्य
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री जे.पी.एस. राठौर ने बताया कि प्रदेश में यह अभियान पहले भी चलाया गया था। वर्ष 2023 में चले अभियान में 30 लाख नए सदस्य जुड़े और 70 करोड़ रुपये अंशधन प्राप्त हुआ। इस सफलता ने यह साबित कर दिया कि सहकारिता अब नागरिकों के विश्वास का आधार बन चुकी है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश की 6900 एम-पैक्स समितियों को उर्वरक व्यवसाय के लिए 10 लाख रुपये की ब्याजमुक्त कैश क्रेडिट लिमिट दी गई है, जिससे अब तक 5400 करोड़ रुपये का व्यवसाय हुआ है और समितियों को 120 करोड़ रुपये की आय हुई है। आगामी समय में इस सीमा को 15 लाख रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव है, जिससे व्यवसाय विविधीकरण को और गति मिलेगी।
किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रत्यक्ष लाभ
इस अभियान से जुड़ने वाले किसानों को न केवल सस्ती दरों पर उर्वरक और बीज मिलेंगे बल्कि उन्हें कृषि उपकरण, मशीनरी, ड्रोन सेवाओं और विभिन्न योजनाओं का भी सीधा लाभ मिलेगा। सहकारिता मंत्री ने कहा कि हर किसान को एम-पैक्स से जोड़ना ही सरकार की प्राथमिकता है।
इस अभियान से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और किसान आत्मनिर्भर बन सकेंगे। इसके साथ ही महिलाओं और वंचित वर्ग को भी सहकारी समितियों से जोड़कर सामाजिक न्याय और समान अवसरों की दिशा में बड़ा कदम उठाया जाएगा।
सौर ऊर्जा, भंडारण और नई योजनाएँ
राज्य सरकार ने एम-पैक्स समितियों को आधुनिक बनाने के लिए कई योजनाएँ लागू की हैं।
- वर्ष 2024-25 में 258 समितियों में सोलर रूफटॉप लगाए गए और वर्ष 2025-26 में 300 समितियों में इन्हें स्थापित करने की योजना है।
- प्रदेश में अब तक 715 नए एम-पैक्स गठित किए जा चुके हैं।
- सहकारी समितियों के पुराने गोदामों की मरम्मत हेतु अब तक 980 एम-पैक्स को 70 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है।
- मिर्जापुर जिले में 1500 एमटी क्षमता वाला भंडारण गोदाम निर्मित किया गया है और आगामी वित्तीय वर्ष में 24 समितियों में नए गोदाम बनाए जाएंगे।
उत्कृष्ट कार्य करने वाली समितियों का सम्मान
समारोह में विभिन्न समितियों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया।
- रायबरेली की समिति को जनऔषधि केंद्र में सर्वाधिक व्यवसाय करने के लिए सम्मान मिला।
- मुजफ्फरनगर की समिति को 770 एमटी यूरिया वितरण हेतु पुरस्कृत किया गया।
- अलीगढ़ की समिति को 354.81 लाख रुपये का व्यवसाय करने पर विशेष सम्मान दिया गया।
- इसके अलावा कई सचिवों और सभापतियों को उनके प्रयासों के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
सहकारिता आंदोलन को नई दिशा
कार्यक्रम में मत्स्य विकास मंत्री डॉ. संजय निषाद और पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने भी सहकारिता आंदोलन की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियाँ किसानों, पशुपालकों और युवाओं को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का सबसे प्रभावी माध्यम हैं।
मोबाइल वेटरिनरी यूनिट जैसी योजनाओं से अब पशुपालक भी सीधे लाभान्वित हो रहे हैं। कॉल करने पर एक घंटे में डॉक्टर और कंपाउंडर दवा के साथ गाँव तक पहुँच रहे हैं। इससे किसानों और पशुपालकों को बड़ी राहत मिली है।
कार्यक्रम में भागीदारी और धन्यवाद ज्ञापन
इस अवसर पर प्रमुख सचिव सहकारिता सौरभ बाबू ने स्वागत भाषण दिया और अभियान की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम में सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में सहकारी बंधु मौजूद रहे।
आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता योगेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि सहकारी संस्थाएँ सतत विकास, गरीबी उन्मूलन और सामाजिक एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।