
लखनऊ: रवितेश प्रताप सिंह सोमवंशी, जो प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश के निवासी हैं, उन्हें सहकार भारती द्वारा प्रदेश सह प्रमुख विधि प्रकोष्ठ नियुक्त किया गया है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रशिक्षित कार्यकर्ता और कुशल विधिवेत्ता के रूप में पहचान बनाने वाले रवितेश प्रताप सिंह ने अपने कार्यक्षेत्र और समाज के प्रति योगदान के कारण व्यापक सराहना अर्जित की है। इस नई नियुक्ति के साथ, उनका मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश में सहकारिता क्षेत्र को प्रगति की नई ऊंचाइयों तक ले जाना है, जिससे राज्य आर्थिक रूप से और भी अधिक समृद्ध हो सके।
रवितेश प्रताप सिंह सोमवंशी का परिचय
रवितेश प्रताप सिंह सोमवंशी प्रतापगढ़ के मूल निवासी हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक प्रशिक्षित कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने समाज सेवा की दिशा में अपने कदम बढ़ाए हैं। वह एक कुशल अधिवक्ता होने के साथ-साथ राज्य विधि अधिकारी के रूप में लखनऊ उच्च न्यायालय की खंडपीठ में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। विधि और समाजशास्त्र में परास्नातक (LLM और MA) की शिक्षा प्राप्त कर उन्होंने अपने ज्ञान और अनुभव का इस्तेमाल समाज के विभिन्न वर्गों को न्याय दिलाने और सहकारिता के क्षेत्र में सुधार लाने में किया है।
सहकार भारती द्वारा प्रदेश सह प्रमुख विधि प्रकोष्ठ के रूप में नियुक्ति
रवितेश प्रताप सिंह सोमवंशी को सहकार भारती द्वारा प्रदेश सह प्रमुख विधि प्रकोष्ठ नियुक्त किया गया है। सहकार भारती, सहकारिता के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाली एक प्रमुख संस्था है, जिसका मुख्य उद्देश्य सहकारिता को सशक्त बनाना और इसे समाज में एक मजबूत आर्थिक ढांचे के रूप में स्थापित करना है। रवितेश की इस नियुक्ति का उद्देश्य सहकारिता क्षेत्र में विधिक विशेषज्ञता को और अधिक सशक्त बनाना है, जिससे सहकारी संस्थाएं कानूनी दृष्टिकोण से अधिक सुदृढ़ और पारदर्शी बन सकें।
सहकारिता के क्षेत्र में पारदर्शिता और सुचित्रा के लिए लड़ाई
रवितेश प्रताप सिंह सोमवंशी का मुख्य उद्देश्य सहकारिता के क्षेत्र में पारदर्शिता और सुचित्रा (नैतिकता) को बढ़ावा देना है। उन्होंने सहकारिता के कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कई प्रयास किए हैं। उनकी यह लड़ाई केवल कानूनी मसलों तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्होंने युवाओं को सहकारिता के क्षेत्र में जोड़कर उन्हें स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
युवाओं को सहकारिता में जोड़कर स्वरोजगार की ओर ले जाना
रवितेश प्रताप सिंह सोमवंशी का मानना है कि सहकारिता के क्षेत्र में युवाओं को जोड़ना समय की आवश्यकता है। उनका मानना है कि सहकारिता केवल एक आर्थिक व्यवस्था नहीं है, बल्कि यह समाज के विभिन्न वर्गों के बीच सहयोग और विश्वास को मजबूत करने का एक माध्यम है। उन्होंने युवाओं को सहकारिता के माध्यम से स्वरोजगार की ओर ले जाने की दिशा में कई पहल की हैं। उनके अनुसार, यदि युवा सहकारिता के क्षेत्र में सक्रिय होते हैं, तो यह न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि राज्य और देश की अर्थव्यवस्था को भी गति प्रदान करेगा।
उत्तर प्रदेश को सहकारी उद्यमशील राज्य बनाने का उद्देश्य
रवितेश का एक प्रमुख उद्देश्य उत्तर प्रदेश को एक सहकारी उद्यमशील राज्य बनाना है। उनका मानना है कि सहकारिता के माध्यम से राज्य की आर्थिक स्थिति को सुधारने के अनेक अवसर हैं। यदि सहकारी संस्थाएं पारदर्शी और नैतिक रूप से कार्य करें, तो वे राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार और विकास के अवसर पैदा कर सकती हैं। इसके साथ ही, सहकारिता के माध्यम से राज्य के संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जा सकता है, जिससे आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।
उत्तर प्रदेश को आर्थिक रूप से अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में प्रयास
रवितेश प्रताप सिंह सोमवंशी का एक और बड़ा लक्ष्य उत्तर प्रदेश को आर्थिक रूप से भारत के अग्रणी राज्यों में शामिल करना है। उनका मानना है कि यदि सहकारी संस्थाएं मजबूत हों और राज्य की आर्थिक नीतियां सही दिशा में हों, तो उत्तर प्रदेश न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी एक मजबूत आर्थिक शक्ति बन सकता है। उनका यह उद्देश्य भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में सहायक होगा।
गरीबों के लिए निशुल्क विधि परामर्श
रवितेश प्रताप सिंह सोमवंशी की विधि सेवा केवल अदालत तक सीमित नहीं है। वह समाज के गरीब और वंचित वर्गों के लिए निशुल्क विधि परामर्श भी प्रदान करते हैं। उनके अनुसार, न्याय केवल उन लोगों के लिए नहीं होना चाहिए जो इसे खरीद सकते हैं, बल्कि समाज के हर वर्ग को न्याय पाने का अधिकार है। उनके इस कदम से गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों को विधिक सहायता मिलती है, जिससे उन्हें अपने अधिकारों की रक्षा करने का अवसर मिलता है।
राज्य विधि अधिकारी रवितेश प्रताप सिंह सोमवंशी की उपलब्धियां
रवितेश प्रताप सिंह ने अपनी विधि और सहकारिता सेवाओं के माध्यम से कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। उच्च न्यायालय में राज्य विधि अधिकारी के रूप में उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों में सरकार और समाज के हित में फैसले दिलाने में मदद की है। इसके अलावा, उन्होंने सहकारिता के क्षेत्र में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं, जिससे सहकारी संस्थाओं की कार्यप्रणाली में सुधार हुआ है। उनके प्रयासों से सहकारिता के माध्यम से स्वरोजगार के कई अवसर उत्पन्न हुए हैं, जिससे समाज के विभिन्न वर्गों को आर्थिक सहायता मिली है।
रवितेश प्रताप सिंह सोमवंशी की सहकारिता और विधिक क्षेत्र में की गई सेवाएं और उनकी समाज सेवा की प्रतिबद्धता उन्हें एक प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित करती है। सहकार भारती द्वारा प्रदेश सह प्रमुख विधि प्रकोष्ठ के रूप में उनकी नियुक्ति उनके नेतृत्व और अनुभव का प्रमाण है। उनके द्वारा सहकारिता के क्षेत्र में पारदर्शिता लाने, युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित करने और उत्तर प्रदेश को एक सहकारी उद्यमशील राज्य बनाने के प्रयास निश्चित रूप से राज्य और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे।