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वाराणसी में नमो घाट का भव्य उद्घाटन: काशी को नई पहचान और विकास का प्रतीक

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  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नमो घाट के उद्घाटन समारोह में काशी के विकास की प्रशंसा की।
  • उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से गंगा का जल आचमन योग्य बन चुका है।
  • देव दीपावली के अवसर पर समारोह में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोहा।
  • काशी को विकास और विरासत के संगम के रूप में नई वैश्विक पहचान मिली।
  • उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मुख्य अतिथि के तौर पर किया ‘नमो घाट’ का उद्घाटन।

वाराणसी/लखनऊ, 15 नवंबर 2024 — देव दीपावली के पावन अवसर पर शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रहे और देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मुख्य अतिथि के तौर पर ‘नमो घाट’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की भूरी-भूरी प्रशंसा की और कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में चल रही ‘नमामि गंगे’ परियोजना से गंगा का जल अब आचमन योग्य बन चुका है। जहां पहले इसे प्रदूषण व गंदगी के कारण स्नान के लिए भी असुरक्षित माना जाता था, वहीं अब यह बदलाव काशीवासियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। सीएम योगी ने गुरुनानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजाति गौरव दिवस के रूप में शुभकामनाएं भी दीं।

समारोह की भव्यता और मुख्य अतिथि

इस आयोजन के दौरान उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। उनके साथ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी, प्रदेश के विभिन्न मंत्री, विधायक, और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप राष्ट्रपति को अंगवस्त्र पहनाकर और नमो मुद्रा के स्मृति चिह्न के रूप में भेंट कर उनका स्वागत किया, जबकि राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने उप राष्ट्रपति की पत्नी सुदेश धनखड़ को गणेश प्रतिमा भेंट कर अभिनंदन किया।

‘नमो घाट’ की विशेषताएं

मुख्यमंत्री योगी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘नमो घाट’ देश का सबसे लंबा और सबसे सुंदर घाट है। उन्होंने बताया कि पहले यह क्षेत्र गंदगी और उपेक्षा के कारण वीरान रहता था, लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से यह जगह पर्यटकों और श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बन चुकी है। यहां हाल ही में जी 20 शिखर सम्मेलन और काशी तमिल संगमम जैसे भव्य कार्यक्रमों का आयोजन हुआ है, जिसने घाट की महत्ता और आकर्षण को और बढ़ाया है।

काशी के विकास की कहानी

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी ने पिछले दस वर्षों में अपने रूप और पहचान में एक अद्वितीय बदलाव देखा है। जहां पहले काशी विश्वनाथ धाम में मात्र 50 श्रद्धालु दर्शन कर पाते थे, वहीं अब 50 हजार से अधिक श्रद्धालु आराम से दर्शन कर सकते हैं। विशेष अवसरों पर यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है। उन्होंने कहा कि काशी की सड़कों का चौड़ीकरण, बेहतर ट्रेन कनेक्टिविटी, और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा जैसी सुविधाओं ने इसे नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि काशी से हल्दिया तक जाने वाला देश का पहला वाटर वे भी यहीं से शुरू होता है। इस प्रकार, काशी को न केवल एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में बल्कि एक आधुनिक शहर के रूप में भी पहचाना जा रहा है। उन्होंने बताया कि घाट पर 700 से अधिक नावें अब सीएनजी इंधन से संचालित होती हैं, जिससे पर्यावरण संरक्षण को बल मिला है।

समारोह की सांस्कृतिक झलकियां

नमो घाट के उद्घाटन समारोह की शुरुआत शंखों के नाद और डमरू वादन के साथ हर हर महादेव के जयघोष से हुई। इस अवसर पर ओडिशा के कलाकारों के एक समूह ने ‘नमो नमो’ गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। इसके बाद, यूएसए और ऑस्ट्रेलिया के कलाकारों ने ‘कॉस्मिक शिवा’ थीम पर कुचीपुड़ी नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

देव दीपावली: एक वैश्विक पहचान

मुख्यमंत्री ने कहा कि देव दीपावली, जिसे देवताओं की दीपावली माना जाता है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से एक वैश्विक पहचान बना चुकी है। यह पर्व काशी के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है। नमो घाट के उद्घाटन ने इस पर्व के उल्लास को और बढ़ा दिया।

मुख्य बिंदु:

  1. नमो घाट का उद्घाटन: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में ‘नमो घाट’ का उद्घाटन किया, जिसमें उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।
  2. गंगा का आचमन योग्य जल: पीएम मोदी के नेतृत्व में ‘नमामि गंगे’ परियोजना से गंगा का जल अब आचमन के योग्य हो गया है।
  3. काशी के विकास की नई ऊंचाईयां: मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दस वर्षों में काशी ने विकास और विरासत के संगम के रूप में एक नई वैश्विक पहचान प्राप्त की है।
  4. सांस्कृतिक कार्यक्रम: ओडिशा के कलाकारों का नृत्य और अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की कुचीपुड़ी प्रस्तुति ने समारोह को खास बनाया।
  5. पर्यावरणीय प्रयास: घाट पर सीएनजी से संचालित 700 से अधिक नावें प्रदूषण नियंत्रण में योगदान दे रही हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि काशी का विकास, यहां के लोगों के दृढ़ संकल्प और पीएम मोदी की दूरदृष्टि का परिणाम है। उन्होंने बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना की कि यह देव दीपावली सभी के जीवन में सुख और आनंद लेकर आए।

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