- भारत निर्वाचन आयोग को प्राप्त शिकायत के बाद कड़े रुख अख्तियार करते हुए निर्वाचन आयोग ने वॉट्सएप मैसेज भेजने पर तत्काल प्रभाव से लगाई रोंक
- अमिताभ ठाकुर ने कहा “हमारे व नूतन ठाकुर के साथ-साथ हमारे कई सहयोगियों के वॉट्सएप पर भी आए प्रचार सम्बन्धित मैसेज”
- स्वयं को सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के “विकसित संपर्क योजना भारत” का बता रहे जिन नंबरों से मैसेज आ रहे उन नंबरों में कॉल करने पर वो बन्द जा रहे

लखनऊ: आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने स्वयं को भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विकसित भारत संपर्क योजना का बताते हुए तमाम लोगों को व्हाट्सएप पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कथित पत्र भेजे जाने के मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की है।
इंस्पेक्टर गोमती नगर को भेजी अपने शिकायती पत्र में उन्होंने कहा कि उन्हें, उनकी पत्नी डॉ नूतन ठाकुर तथा तमाम लोगों को विभिन्न मोबाइल नंबरों से विकसित भारत संपर्क नाम से व्हाट्सएप मैसेज आए। इन मैसेज के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कथित पत्र संलग्न था, इन नंबरों पर भारत सरकार का राष्ट्रीय चिन्ह लगा हुआ था और यह स्वयं को भारत सरकार बता रहे थे। इन नंबरों के संबंध में जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ कि ये यह सरकारी नंबर नहीं थे बल्कि अलग-अलग व्यक्तियों के निजी नंबर थे तथा यह सभी नंबर वर्तमान समय में स्विच ऑफ पाए गए।
अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि प्रथमदृष्ट्या यह कई मोबाइल नंबर के साथ कार्य कर रहे एक गैंग का कार्य दिखता है, जिनके द्वारा आपराधिक गतिविधि करके स्वयं को भारत सरकार बताते हुए तथा राष्ट्र चिन्ह का दुरुपयोग करते हुए भारतीय जनता पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए इस प्रकार के मैसेज भेजे गए। उन्होंने इसे आईपीसी, आईटी एक्ट तथा जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में गंभीर अपराध बताते हुए एफआईआर की मांग की है।साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग को भी इन तथ्यों से अवगत कराते हुए नियमानुसार कार्रवाई की मांग की है।

भारत निर्वाचन आयोग को इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के “विकसित भारत संपर्क योजना” के वॉट्सएप मैसेज की लिखित शिकायत प्राप्त होने के बाद निर्वाचन आयोग ने त्वरित संज्ञान लेते हुए विभाग को पत्र लिखते हुए तत्काल प्रभाव से ऐसे मैसेजों को बन्द करने के लिए निर्देशित किया है।