
लखनऊ, 28 सितंबर 2024: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रतिबंधित चाइनीज लहसुन की बिक्री का मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए खाद्य सुरक्षा आयुक्त और लखनऊ के डीएम को तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने सवाल उठाया कि जब 2014 से चाइनीज लहसुन पर प्रतिबंध लगा हुआ है, तो यह कैसे खुलेआम बाजारों में बिक रहा है?
चाइनीज लहसुन की बिक्री पर क्यों लगा प्रतिबंध?
चाइनीज लहसुन, जो चीन के शेडोंग प्रांत में उगाया जाता है, आकार में बड़ा और देखने में अधिक आकर्षक होता है। इसका रंग सफेद और चमकदार होता है, जो इसे सामान्य लहसुन से अलग करता है। हालांकि, यही लहसुन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना गया है क्योंकि इसमें कई खतरनाक धातुएं जैसे जिंक, आर्सेनिक, और सिंथेटिक रसायन पाए जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह लहसुन खाने से लीवर संबंधी समस्याएं और यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है।

चाइनीज लहसुन पर भारत में 2014 में प्रतिबंध लगा दिया गया था, क्योंकि इसके सेवन से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी खतरों की पुष्टि की गई थी। इसके बावजूद, लखनऊ सहित कई बाजारों में यह धड़ल्ले से बिक रहा है, जो खाद्य सुरक्षा अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है।
कोर्ट में पहुंचे वकील, साथ लाए चाइनीज लहसुन
मामले की सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता मोतीलाल यादव ने अदालत के सामने चाइनीज लहसुन से जुड़े खतरे और उसकी बिक्री के बारे में विस्तार से जानकारी दी। यादव ने चिनहट के बाजार से खरीदा गया चाइनीज लहसुन कोर्ट में पेश किया, जिसे देखकर जज भी हैरान रह गए। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत खाद्य सुरक्षा आयुक्त और लखनऊ के जिलाधिकारी को जांच के आदेश दिए।
हाईकोर्ट ने कहा, “2014 से चाइनीज लहसुन पर प्रतिबंध है, फिर भी यह बाजार में बिक रहा है। प्रशासन इसे रोकने के लिए क्या कदम उठा रहा है?” कोर्ट ने यह भी सवाल किया कि खाद्य सुरक्षा विभाग और STF (स्पेशल टास्क फोर्स) ने अब तक क्या कार्रवाई की है?
नेपाल के रास्ते भारत में आ रहा है चाइनीज लहसुन
जांच में सामने आया है कि चाइनीज लहसुन नेपाल के रास्ते भारत में लाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों, जैसे महराजगंज, बहराइच, और लखीमपुर खीरी, से चाइनीज लहसुन की तस्करी हो रही है। इन जिलों की सीमा नेपाल से सटी हुई है, जिससे तस्करों के लिए यह रास्ता आसान हो जाता है। भारत-नेपाल की खुली सीमा का फायदा उठाकर चाइनीज लहसुन को अवैध तरीके से देश में प्रवेश कराया जा रहा है।
चाइनीज लहसुन की पहचान और स्वास्थ्य पर असर
चाइनीज लहसुन को आसानी से पहचाना जा सकता है। इसका आकार सामान्य लहसुन से बड़ा होता है और रंग अत्यधिक सफेद और चमकीला होता है। यह लहसुन दिखने में बेहद आकर्षक होता है, जिससे लोग इसे खरीदने में झिझक नहीं करते। हालांकि, यह लहसुन स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। इसमें जिंक और आर्सेनिक जैसी खतरनाक धातुएं पाई जाती हैं, जो शरीर में घातक बीमारियों का कारण बन सकती हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, चाइनीज लहसुन में इस्तेमाल होने वाले सिंथेटिक रसायन लीवर के लिए बेहद नुकसानदायक होते हैं। लंबे समय तक इसका सेवन करने से लीवर की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा, इसमें मौजूद हानिकारक धातुएं शरीर में जमा होकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं।
एफएसडीए (खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन) और STF की कार्रवाई
हाईकोर्ट के आदेश के बाद, खाद्य सुरक्षा विभाग और STF की संयुक्त टीम ने लखनऊ की मंडियों में छापेमारी शुरू कर दी है। टीमों ने कई बाजारों में जाकर चाइनीज लहसुन की बिक्री की जांच की और कुछ दुकानों से नमूने भी एकत्रित किए। चिनहट बाजार, जहां चाइनीज लहसुन धड़ल्ले से बिक रहा था, वहां कई दुकानों पर छापेमारी की गई।
STF ने चाइनीज लहसुन के व्यापार से जुड़े तस्करों का भी पता लगाने के लिए कार्रवाई शुरू की है। नेपाल से लाकर इसे यूपी के विभिन्न जिलों में वितरित किया जा रहा है, जिसमें कुछ बड़ी मंडियों का भी नाम सामने आया है।
कोर्ट ने तंत्र बनाने के दिए निर्देश
हाईकोर्ट ने यह भी पूछा कि प्रशासन चाइनीज लहसुन की बिक्री को रोकने के लिए क्या तंत्र अपना रहा है। कोर्ट ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाजारों में नियमित रूप से जांच की जाए और अगर किसी दुकान पर प्रतिबंधित चाइनीज लहसुन पाया जाता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
अदालत ने यह भी कहा कि चाइनीज लहसुन के खतरों के बारे में आम जनता को जागरूक करना बेहद जरूरी है। बाजारों में जो लोग इस लहसुन को बेच रहे हैं, उन्हें इसके स्वास्थ्य संबंधी खतरों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए, ताकि वे इसे बेचना बंद कर दें।
आखिर क्यों बिक रहा है चाइनीज लहसुन?
चाइनीज लहसुन, अपने बड़े आकार और आकर्षक रंग के कारण, भारतीय बाजार में लोकप्रिय है। लोग इसकी ओर आकर्षित होते हैं, लेकिन उन्हें इसके खतरों के बारे में जानकारी नहीं होती। चूंकि यह लहसुन सामान्य लहसुन की तुलना में दिखने में बेहतर होता है, इसलिए दुकानदार इसे आसानी से बेच देते हैं।
इसके अलावा, इसका मूल्य भी सामान्य लहसुन की तुलना में कम होता है, जिससे इसकी बिक्री बढ़ जाती है। लेकिन इसकी सस्ती कीमत के पीछे छिपे स्वास्थ्य खतरों के बारे में लोगों को शायद ही पता हो।
हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणियां
हाईकोर्ट ने चाइनीज लहसुन की अवैध बिक्री पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या का कारण बन सकता है। कोर्ट ने खाद्य सुरक्षा विभाग से यह सुनिश्चित करने को कहा कि बाजारों में इस लहसुन की बिक्री तुरंत रोकी जाए। कोर्ट ने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे सुनिश्चित करें कि किसी भी बाजार में चाइनीज लहसुन की खेप न पहुंचे।
अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच इस मामले में 1 अक्टूबर 2024 को फिर से सुनवाई करेगी, जिसमें खाद्य सुरक्षा आयुक्त और डीएम लखनऊ को अपनी जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि अगर जांच में किसी भी प्रकार की लापरवाही या गैर-जिम्मेदाराना रवैया सामने आया, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस मुद्दे पर अब सभी की नजरें 1 अक्टूबर की सुनवाई पर टिकी हैं, जिसमें यह स्पष्ट होगा कि चाइनीज लहसुन की बिक्री पर रोक लगाने के लिए प्रशासन क्या कदम उठाएगा और तस्करों के खिलाफ किस प्रकार की कार्रवाई की जाएगी।
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