
- मोती महल लॉन, लखनऊ में श्रीराम कथा महोत्सव का शुभारंभ, स्वामी राघवाचार्य जी महाराज ने भक्त और भगवान के अद्भुत संबंध पर प्रकाश डाला।
- स्वामी राघवाचार्य जी ने कहा कि भगवान भक्त के वश में होते हैं, जब भक्त की भक्ति पराकाष्ठा को पार कर जाती है।
- कथा में नारद की भूमिका पर चर्चा करते हुए स्वामी जी ने कहा कि नारद जिसे मिलते हैं, वह भगवान से मिलते हैं।
- वेदों और आर्ष ग्रंथों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए स्वामी जी ने कहा कि इनका पठन गुरमुख से करना चाहिए।
- श्रीराम कथा महोत्सव के पहले दिन यजमानों में समाजसेवी अजय बाजपेई, पूर्व सांसद प्रियंका रावत और अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
लखनऊ, 26 दिसंबर 2024: राजधानी के मोती महल लॉन में आयोजित श्रीराम कथा महोत्सव के पहले दिन अयोध्या धाम से आए प्रख्यात कथा मर्मज्ञ स्वामी राघवाचार्य जी महाराज ने भक्त और भगवान के अद्भुत संबंध पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “भगवान भक्त के वश में होते हैं। जब भक्त की भक्ति पराकाष्ठा को पार कर जाती है, तो परमेश्वर उसकी हर इच्छा को पूरा करने के लिए तत्पर होते हैं।”
नारद की महिमा और भारतीय संस्कृति पर प्रकाश
स्वामी जी ने श्रीराम कथा में देवर्षि नारद की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि नारद जिसे मिलते हैं, उसे भगवान अवश्य प्राप्त होते हैं। उन्होंने भारतीय संस्कृति में दान परंपरा की महत्ता बताते हुए कहा कि कथा का आयोजन एक महादानी व्यक्ति का कार्य है, क्योंकि इसके माध्यम से हजारों-लाखों लोग लाभान्वित होते हैं।
वेदों और आर्ष ग्रंथों का महत्व
कथा व्यास राघवाचार्य जी महाराज ने वेदों के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि वेदों का पठन गुरमुख से करना चाहिए। उन्होंने बताया कि पुराण, रामायण, रामचरितमानस, और श्रीमद्भगवद्गीता, वेदों का विस्तार हैं। उन्होंने भगवती सीता और श्रीराम के यशस्वी पुत्र कुश और लव के जीवन वृत्तांत पर भी प्रकाश डाला।
सीता जी का चरित्र और रामायण की महिमा
स्वामी जी ने पुरुषोत्तम श्रीराम और भगवती सीता के यशस्वी पुत्रों कुश और लव का जीवन वृतांत भी सुनाया और कहा कि कुश और लव ने श्रीराम जी को सीताजी का महान चरित्र पद्य शैली में सुनाया था। वह सीता कथा इतिहास में अमर हो गई। कथा व्यास राघवाचार्य जी महाराज ने कहा कि विदेह जनक के कुल में उत्पन्न नारियों में सीताजी का चरित्र सर्वश्रेष्ठ है और रामायण ग्रंथ उसका प्रत्यक्ष प्रतिपादन है।
आयोजन का विवरण
कथा आयोजन का नेतृत्व संजीव पांडेय और डॉ. सप्तर्षि मिश्र कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सात दिवसीय श्रीराम कथा महोत्सव में हर दिन हजारों श्रद्धालु कथा श्रवण के लिए उपस्थित हो रहे हैं। आज के यजमानों में समाजसेवी अजय बाजपेई, पूर्व सांसद प्रियंका रावत, पूर्व मंत्री डॉ. अशोक बाजपेई, शिव कुमार सिंह, सतीश अवस्थी, सुनील मिश्र, मनोज राय, डीजीसी क्रिमिनल मनोज त्रिपाठी, राजेश शर्मा, अखिलेश जायसवाल, जीतू यादव, कुलदीप नारायण मिश्र, और अन्नू मिश्र पार्षद आदि मौजूद रहे।
अगले दिन का कार्यक्रम
श्रीराम कथा का अगला सत्र कल अपराह्न 3 बजे से प्रारंभ होगा, जिसमें श्रीराम के जीवन और आदर्शों पर विस्तृत चर्चा होगी। श्रद्धालु बड़ी संख्या में कथा श्रवण के लिए उपस्थित होने की संभावना है।
यह कथा महोत्सव भगवान श्रीराम और भगवती सीता के आदर्श जीवन के माध्यम से श्रद्धालुओं को प्रेरणा देने का एक महत्वपूर्ण आयोजन है।