
- भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षान्त समारोह में कुल 40 पदक वितरित किए गए।
- अंशिका कटारिया ने सर्वाधिक 08 पदक प्राप्त कर नया रिकॉर्ड बनाया।
- 09 शोधार्थियों को पीएचडी उपाधि से अलंकृत किया गया।
- मेडल प्राप्तकर्ताओं में महिलाओं की 51% भागीदारी रही।
- पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, “हर जिले के विकास से ही 2047 तक भारत विकसित बनेगा।”

लखनऊ: भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ के कलामण्डपम् प्रेक्षागृह में आयोजित भव्य 15वें दीक्षान्त समारोह में उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।

इस अवसर पर उन्होंने मेधावियों को कुल 40 पदक प्रदान किए और 09 शोधार्थियों को पीएचडी उपाधि से अलंकृत किया। समारोह में छात्र-छात्राओं के उत्साह के साथ शिक्षा और संस्कृति का अद्वितीय संगम देखने को मिला।
मेधावियों को 40 पदक का सम्मान और अंशिका कटारिया का उत्कृष्ट प्रदर्शन
दीक्षान्त समारोह में मेधावियों को कुल 40 पदक प्रदान किए गए, जिनमें 25 स्वर्ण, 07 रजत और 08 कांस्य पदक शामिल रहे। इसमें अंशिका कटारिया ने एमपीए कथक नृत्य में सर्वाधिक 08 पदक जीतकर समारोह का मुख्य आकर्षण बनीं। वैभवी को 02 रजत पदक, अभय सिंह को एमपीए गायन में 04 पदक, शीवम कुमार और स्वणिर्मा वर्मा को क्रमशः 05-05 पदक मिले। इसके अलावा कई अन्य छात्र-छात्राओं ने विभिन्न विधाओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए पदक प्राप्त किए। मंत्री जयवीर सिंह ने सभी को बधाई देते हुए कहा कि ये मेधावी विद्यार्थी न केवल अपने परिवार और संस्थान का बल्कि पूरे प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं।
महिलाओं की उल्लेखनीय उपलब्धि और 51 प्रतिशत की भागीदारी
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने समारोह में यह भी रेखांकित किया कि इस बार पदक प्राप्त करने वालों में 51 प्रतिशत महिलाएँ शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बेटियों ने हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करके यह साबित कर दिया है कि अवसर मिलने पर वे किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। उन्होंने इस उपलब्धि को महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बताते हुए कहा कि नई पीढ़ी की बेटियाँ शिक्षा और कला के क्षेत्र में समाज के लिए प्रेरणा बन रही हैं।
09 शोधार्थियों को पीएचडी उपाधि से सम्मानित किया गया
दीक्षान्त समारोह में 09 शोधार्थियों को पीएचडी उपाधि से नवाजा गया। इनमें रश्मि उपाध्याय, अमिता चौहान, पूजा द्विवेदी, शिवरूचि सिंह, अस्मिता श्रीवास्तव, अर्चना तिवारी, मंजू मलकानी, शैलजा शुक्ला और उपास्ना दीक्षित शामिल हैं। मंत्री ने कहा कि शोध और नवाचार किसी भी समाज की प्रगति का आधार होते हैं और इन शोधार्थियों का योगदान निश्चित रूप से संगीत, कला और संस्कृति के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा।
विकसित भारत और उत्तर प्रदेश के विकास का विज़न
अपने संबोधन में मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना है और इस दिशा में मेधावी युवाओं की भूमिका सबसे अहम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारत और उत्तर प्रदेश नई-नई उपलब्धियाँ हासिल कर रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक उत्तर प्रदेश के हर जिले का संतुलित विकास नहीं होगा, तब तक प्रदेश का पूर्ण विकास संभव नहीं है। इस दिशा में सरकार ने विधानमंडल में लगातार 26 घंटे की चर्चा कर विकास का विज़न डॉक्यूमेंट पेश किया है।
समारोह का भव्य आयोजन और विशेष अतिथियों की उपस्थिति
दीक्षान्त समारोह का शुभारंभ शोभा यात्रा, राष्ट्रगीत और विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ हुआ। विश्वविद्यालय की छात्राओं ने आकर्षक प्रस्तुतियाँ दीं। कुलपति प्रोफेसर मांडवी सिंह ने विश्वविद्यालय की प्रगति और संस्थापक पं. विष्णु नारायण भातखण्डे के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह संस्थान आज संगीत, नाट्य और कला के क्षेत्र में नई विभूतियाँ तैयार कर रहा है।
समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल वर्चुअली जुड़ीं और मेधावियों को अपनी शुभकामनाएँ दीं। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती रजनी तिवारी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं और कहा कि महिलाओं की उपलब्धियाँ यह संकेत देती हैं कि यदि बेटियों को अवसर मिले तो वे असंभव को भी संभव कर सकती हैं। मुख्य अतिथि डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने वर्चुअल माध्यम से समारोह को शुभकामनाएँ दीं।
समाजसेवा और शिक्षा को प्रोत्साहन की पहल
दीक्षान्त समारोह के दौरान शिक्षा और समाजसेवा के क्षेत्र में भी विशेष पहल की गई। हरदोई जनपद के आंगनबाड़ी केंद्रों को किट वितरित किए गए और सीडीओ हरदोई सान्या छाबड़ा को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। प्राथमिक विद्यालयों के प्राचार्यों को पुस्तकें भेंट कर शिक्षा को बढ़ावा देने का संदेश दिया गया।