
लखनऊ: राजधानी लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र के वृंदावन योजना में चल रहे फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का पुलिस कमिश्नरेट ने शनिवार को भंडाफोड़ किया है। इस कॉल सेंटर में काम करने वाले आरोपी अमेरिका और कनाडा के नागरिकों से ठगी कर चुके थे। साइबर क्राइम सेल, सर्विलांस टीम और पीजीआई पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो तकनीक का दुरुपयोग कर विदेशी नागरिकों से लाखों रुपये ठग चुके थे।
डीसीपी ईस्ट शशांक सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि थाना पीजीआई के वृंदावन योजना सेक्टर 18 में एवरेस्ट एनक्लेव के फ्लैट नंबर 201 में यह फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था। सूचना के आधार पर साइबर क्राइम सेल और क्राइम ब्रांच पूर्वी जोन की टीम ने पीजीआई पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी की और इस अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया। पुलिस ने मौके से कुल 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें कॉल सेंटर का सुपरवाइजर मोहन श्याम शर्मा भी शामिल है।
ऐसे करते थे ठगी: तकनीकी धोखाधड़ी का खुलासा
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि ये ठग विदेशी नागरिकों के कंप्यूटर सिस्टम में सॉफ्टवेयर के जरिए पॉप-अप एरर और बग डालते थे, जिससे सिस्टम में रुकावट आ जाती थी। इसके बाद ठगों द्वारा दिए गए नंबर पर विदेशी नागरिक कॉल करते थे। इसके बाद, ठग X-Lite और eyeBeam सॉफ्टवेयर का उपयोग करके अल्ट्राविया एप्लिकेशन के जरिए सिस्टम को ठीक करने के नाम पर विदेशी कस्टमरों का एक्सेस कंट्रोल कर लेते थे। इस प्रक्रिया के जरिए या फिर धोखे से गिफ्ट कार्ड, क्रिप्टो करेंसी, और अन्य माध्यमों से लाखों रुपए की ठगी की जाती थी।
पुलिस ने जब्त किए उपकरण
पुलिस ने छापेमारी के दौरान कॉल सेंटर से कई लैपटॉप, टैबलेट, फाइबर यूनिट राउटर, हेडफोन, माउस और 17 मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं। यह गिरोह पहले दिल्ली, गुड़गांव, और नोएडा में ठगी का कारोबार चला रहा था और तीन महीने पहले ही लखनऊ के इस फ्लैट में ठगी का नेटवर्क शुरू किया था। गिरफ्तार सभी आरोपी naukri.com और अन्य वेबसाइट के जरिए भर्ती किए गए थे और वे मोटी सैलरी लेकर इस ठगी के धंधे में शामिल थे।
फर्जी कॉल सेंटर का बड़ा नेटवर्क
डीसीपी शशांक सिंह ने कहा कि यह गिरोह पूरी तरह से संगठित है और इसके तार कई अन्य शहरों से भी जुड़े हो सकते हैं। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है, जो लखनऊ से बाहर भी ठगी के इस नेटवर्क को चला रहे हो सकते हैं।