
- लखनऊ में UIDAI ने आधार योजनाओं के प्रभाव को बढ़ाने हेतु राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया।
- मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सखी योजना और जीरो पॉवर्टी स्कीम में आधार की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
- UIDAI के CEOअमित अग्रवाल ने चेहरा प्रमाणीकरण और QR कोड प्रिंटिंग के महत्व पर जोर दिया।
- इस कार्यशाला में DBT, स्वास्थ्य, शिक्षा, पुलिस सहित विभिन्न सरकारी विभागों ने भाग लिया।
- कार्यशाला में आधार द्वारा 175 खोए हुए बच्चों और महिलाओं को उनके परिवारों से मिलाने की उपलब्धि पर भी चर्चा हुई।

लखनऊ, 29 अक्टूबर 2024: आधार आधारित योजनाओं के प्रभाव को बढ़ाने के उद्देश्य से, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI), क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ ने आज एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और UIDAI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित अग्रवाल ने दीप प्रज्वलन से किया।
इस कार्यशाला में कई वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल हुए, जिन्होंने उत्तर प्रदेश में आधार के उपयोग, उसकी प्रभावशीलता और इसकी सहायता से विभिन्न योजनाओं के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से लाभार्थियों तक सुविधाएं पहुंचाने के पहलुओं पर चर्चा की। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए “सखी योजना” में आधार की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और आधार के माध्यम से लाभार्थियों तक सीधा लाभ पहुँचाने के महत्व को समझाया। उन्होंने ‘जीरो पॉवर्टी स्कीम’ की भी चर्चा की, जिसके तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में 25 परिवारों को योजना का लाभ दिया जाएगा।
UIDAI के CEO, अमित अग्रवाल ने आधार-आधारित चेहरा प्रमाणीकरण की शक्ति पर जोर दिया, जो वरिष्ठ नागरिकों को डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र प्राप्त करने में सहायता कर रहा है। उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती में आधार प्रमाणीकरण की प्रशंसा करते हुए अन्य सभी दस्तावेज़ों पर QR कोड लगाने का सुझाव दिया ताकि नामांकन प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सके।
कार्यशाला में दिए गए अन्य मुख्य बिंदु:
- UIDAI के उप महानिदेशक अमोद कुमार ने आधार से जुड़े सर्वोत्तम प्रथाओं पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।
- मनीष भारद्वाज ने आधार प्रमाणीकरण प्रणाली की कानूनी आवश्यकताओं और आधार इकोसिस्टम का अवलोकन प्रस्तुत किया।
- सौरभ कुमार तिवारी, संयुक्त सचिव, DBT, भारत सरकार ने DBT के अनुभव और आधार की भूमिका पर अपने विचार साझा किए।
अधिकारियों और विशेषज्ञों के अनुसार, आधार ने अब तक उत्तर प्रदेश में 175 बच्चों और महिलाओं को उनके परिवारों से मिलाने में सहायता की है, जो इसकी सामाजिक महत्ता को प्रदर्शित करता है।
कार्यशाला का महत्व
इस कार्यशाला में राज्य के विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें नियोजन, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, ऊर्जा, खाद्य एवं आपूर्ति, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, रेलवे, कर विभाग और भारतीय डाक सहित अन्य महत्वपूर्ण विभाग शामिल थे। इस कार्यशाला में UIDAI के वरिष्ठ अधिकारी प्रशांत कुमार सिंह ने राज्य में आधार की अब तक की प्रगति पर जानकारी दी, जिसमें 23.5 करोड़ आधार जारी होने और प्रतिदिन लगभग 16,000 नामांकन एवं 1 लाख अपडेट किए जाने का डेटा साझा किया।