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लखनऊ: प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना, उत्तर प्रदेश में क्रियान्वयन का उत्कृष्ट उदाहरण

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना: उत्तर प्रदेश में क्रियान्वयन का उत्कृष्ट उदाहरण
  • उत्तर प्रदेश में 14 इन्क्यूबेशन सेंटर और कॉमन फैसिलिटी सेंटर की स्थापना, कुल लागत 47 करोड़ रुपये।
  • 15,000 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए परियोजनाओं के माध्यम से सहायता।
  • 10,000 स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए 30 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत।
  • 46,897 उद्यमियों का पंजीकरण और 13,933 परियोजनाओं को बैंकों द्वारा ऋण स्वीकृत।
  • योजना के तहत 1,500 करोड़ रुपये का निवेश और 1 लाख लोगों को रोजगार।

    लखनऊ, 22 दिसंबर 2024: उत्तर प्रदेश में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने और राज्य में अधिक से अधिक इकाइयों की स्थापना के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत उत्तर प्रदेश में कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं चलाई जा रही हैं, जो राज्य के उद्यमियों, खासकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध हो रही हैं।

    योजना के तहत भारत सरकार द्वारा निर्धारित 14 इन्क्यूबेशन सेंटर और कॉमन फैसिलिटी सेंटर उत्तर प्रदेश में स्थापित किए गए हैं। इन परियोजनाओं की कुल लागत 47 करोड़ रुपये है, जिसमें प्लांट और मशीनरी की आपूर्ति शामिल है। इन केंद्रों के माध्यम से लगभग 15,000 महिलाओं को परोक्ष और अपरोक्ष रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।

    महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल: उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 10,000 स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को कार्यशील पूंजी और छोटे औजारों की खरीद के लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और राज्य शहरी आजीविका मिशन के तहत 30 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। यह कदम ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक सराहनीय पहल है।

    उद्यमियों के लिए ऋण और पंजीकरण: प्रधानमंत्री एफएमई योजना के एमआईएस वेब पोर्टल पर अब तक 46,897 उद्यमियों का पंजीकरण हो चुका है। पंजीकरण के बाद, 32,176 आवेदनों को पोर्टल पर प्राप्त किया गया, जिनमें से 13,933 परियोजनाओं को बैंकों द्वारा ऋण स्वीकृत किया गया है। इन स्वीकृत इकाइयों को 3 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की अनुदान राशि प्रदान की गई है।

    योजना का निवेश और रोजगार पर प्रभाव: इस योजना के तहत अब तक लगभग 1,500 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। इसके परिणामस्वरूप लगभग 1 लाख लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। यह योजना न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ कर रही है, बल्कि स्थानीय स्तर पर उद्यमशीलता को भी बढ़ावा दे रही है।

    प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना उत्तर प्रदेश में एक सफल उदाहरण प्रस्तुत कर रही है, जहां महिलाओं और उद्यमियों को सशक्त बनाकर आर्थिक विकास को गति दी जा रही है। सरकार द्वारा की गई यह पहल न केवल राज्य के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को नया आयाम दे रही है, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को मुख्यधारा में लाने का भी प्रयास कर रही है।

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