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लखनऊ पुलिस को मिली बड़ी सफलता: अंतरजनपदीय गो तस्कर गैंग के चार सदस्य गिरफ्तार

लखनऊ: पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ की पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए अंतरजनपदीय गो तस्कर गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी लखनऊ पुलिस और बिजनौर पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन के दौरान हुई। ज्वाइंट सीपी क्राइम आकाश कुलहरी के नेतृत्व में किए गए इस ऑपरेशन में बिजनौर पुलिस ने भी अहम भूमिका निभाई। इस सफलता से गो तस्करी के एक बड़े नेटवर्क पर शिकंजा कसने में मदद मिली है। पकड़े गए अपराधियों में लखनऊ, सीतापुर और बाराबंकी के रहने वाले तस्कर शामिल हैं।

घटना की पृष्ठभूमि

इस ऑपरेशन की शुरुआत 5 सितंबर को हुई थी जब बिजनौर के मवैया गांव में एक टेंपो से गो मांस बरामद किया गया। गो मांस मिलने के बाद पुलिस ने टेंपो मालिक से पूछताछ की और इस पूछताछ के दौरान गो तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ। टेंपो मालिक की जानकारी के आधार पर पुलिस ने मात्र सात दिनों में इस गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई।

गिरफ्तार अपराधियों की पहचान

गिरफ्तार किए गए तस्करों में लखनऊ के ऐशबाग का गयासुद्दीन उर्फ मुन्ना उर्फ शहाबुद्दीन, सीतापुर का आकिब, बाराबंकी का अबरार सिद्दीकी, और लखनऊ के मोहनलालगंज का सुरेश पासी शामिल हैं। ये सभी आरोपी लंबे समय से गो तस्करी में संलिप्त थे और गो मांस की सप्लाई पुराने लखनऊ के इलाकों में कर रहे थे।

पुलिस के हत्थे चढ़ने वालों में लखनऊ के दो, सीतापुर व बाराबंकी के एक-एक अपराधी

गयासुद्दीन, जो लखनऊ के ऐशबाग क्षेत्र का निवासी है, इस गैंग का एक प्रमुख सदस्य है। वह तस्करी के संचालन और मांस की सप्लाई की जिम्मेदारी संभालता था। सुरेश पासी, मोहनलालगंज का निवासी है, जो गो तस्करी के काम में सक्रिय रूप से शामिल था। तो वहीं आकिब सीतापुर का निवासी है और वह गो तस्करी के नेटवर्क में शामिल था और बाराबंकी का रहने वाला अबरार सिद्दीकी टेंपो ड्राइवर है और गो मांस को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने का काम करता था। पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ कि मोहनलालगंज में गोकसी के बाद अबरार ही गो मांस को लखनऊ लेकर जा रहा था।

गो तस्करी का नेटवर्क और उसकी गतिविधियाँ

गिरफ्तार किए गए सभी तस्कर एक संगठित नेटवर्क के माध्यम से गो मांस की तस्करी कर रहे थे। इस नेटवर्क का संचालन विभिन्न जिलों में फैला हुआ था, और ये लोग गो मांस को लखनऊ के पुराने इलाकों में सप्लाई करते थे। मोहनलालगंज में गोवंश की हत्या के बाद टेंपो के जरिए मांस की सप्लाई की जाती थी। यह नेटवर्क विभिन्न स्थानों पर गोकसी करता था और गो मांस को स्थानीय बाजारों में ऊंचे दामों पर बेचता था।

पुलिस का ऑपरेशन और गिरफ्तारियाँ

पुलिस ने बिजनौर के मवैया गांव में टेंपो से मिले गो मांस के बाद शुरू की गई पूछताछ के आधार पर सात दिनों के भीतर इस गैंग के चार सदस्यों को दबोचने में सफलता पाई। पुलिस द्वारा पकड़े गए गैंग के दो सदस्य अभी भी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है। इन फरार अपराधियों के खिलाफ उन्नाव और लखनऊ में कई मुकदमे दर्ज हैं, जो इस नेटवर्क के बड़े और खतरनाक होने का संकेत देते हैं।

पुलिस की चुनौती और आगे की कार्रवाई

पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए फरार अपराधियों की धरपकड़ के लिए सघन तलाशी अभियान चलाया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस गैंग के दो फरार सदस्यों पर दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं, और वे लखनऊ और उन्नाव में कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं। पुलिस ने इन अपराधियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की योजना भी बनाई है, जिससे इनकी गिरफ्तारी के बाद कठोर सजा दिलाई जा सके।

पुलिस की अपील और समाज की भूमिका

लखनऊ पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। पुलिस का कहना है कि गो तस्करी जैसी अवैध गतिविधियों को जड़ से खत्म करने के लिए समाज का सहयोग अत्यंत आवश्यक है। पुलिस द्वारा जागरूकता अभियानों के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है ताकि वे ऐसी गतिविधियों की पहचान कर सकें और समय रहते कार्रवाई की जा सके।

योगी सरकार का सख्त रुख

योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य में गो तस्करी और गोवंश हत्या के मामलों पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। सरकार के निर्देश पर पुलिस और प्रशासन ने तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का संकल्प लिया है। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि गोवंश हत्या और तस्करी के मामलों में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो।

कानून व्यवस्था और सुरक्षा

योगी सरकार के कार्यकाल में कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिसमें गो तस्करी जैसी अवैध गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया गया है। राज्य सरकार ने कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस बल को अधिक संसाधन और स्वतंत्रता प्रदान की है, जिससे पुलिस अपने काम को प्रभावी ढंग से अंजाम दे सके। पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के दक्षिणी ज़ोन की बिजनौर थाने की पुलिस के इस ऑपरेशन में अंतरजनपदीय गो तस्कर गैंग के चार सदस्यों की गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता है। इस ऑपरेशन से स्पष्ट होता है कि योगी सरकार और राज्य पुलिस अवैध तस्करी और अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। गो तस्करी जैसे अपराधों को खत्म करने के लिए सरकार, पुलिस, और समाज को मिलकर काम करना होगा। इससे न केवल अपराधों में कमी आएगी, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी जाएगा कि अपराध की कोई जगह नहीं है। इस गिरफ्तारी से पुलिस ने गो तस्करी के एक बड़े नेटवर्क को ध्वस्त किया है, लेकिन अभी भी दो अपराधी फरार हैं। पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है, और उम्मीद है कि जल्द ही वे भी कानून के शिकंजे में होंगे। इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि अपराध चाहे कितना भी संगठित क्यों न हो, कानून और प्रशासन की पैनी नजर से बच नहीं सकता।

आगे भी पुलिस का यह प्रयास जारी रहेगा कि राज्य में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों को बढ़ावा न मिले और उत्तर प्रदेश को अपराध-मुक्त बनाने का सरकार का संकल्प सफल हो। पुलिस और प्रशासन के इसी प्रतिबद्धता से यह संभव हो पाएगा कि भविष्य में गो तस्करी जैसे अपराधों पर पूरी तरह लगाम लगाई जा सके।

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