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राजभवन में ‘स्वच्छता सेवा पखवाड़ा’ के तहत आयोजित नुक्कड़ नाटक, भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के छात्रों ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

लखनऊ, 20 सितंबर 2024: उत्तर प्रदेश के राजभवन में ‘स्वच्छता सेवा पखवाड़ा’ के तहत आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला के अंतर्गत, भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक ‘नई सोच’ प्रस्तुत किया। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा और मार्गदर्शन में आयोजित इस नाटक में पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, और स्वच्छता पर महत्वपूर्ण संदेश दिया गया।

नुक्कड़ नाटक की मुख्य बातें

राजभवन के छोटे लॉन में आयोजित इस कार्यक्रम में वैश्विक तापन (ग्लोबल वार्मिंग) के मुद्दे को प्रभावशाली तरीके से उठाया गया। नाटक के जरिए छात्र-छात्राओं ने जल, वायु, और ध्वनि प्रदूषण के खतरों को उजागर किया और जल संरक्षण तथा प्राकृतिक संसाधनों के बचाव के उपाय बताए।

नाटक के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि कैसे वृक्षों का कटाव, प्रदूषण और मानव गतिविधियां हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही हैं। भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के छात्रों ने प्रभावी प्रस्तुति के जरिए पॉलीथीन के उपयोग को हतोत्साहित किया और फलदार तथा छायादार वृक्ष लगाने के लिए जागरूक किया। साथ ही उन्होंने यह भी आह्वान किया कि यत्र-तत्र कचरा न फेंकें और अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी लें।

नुक्कड़ नाटक का निर्देशन उपस्थित गणमान्य

इस नुक्कड़ नाटक का निर्देशन सरबजीत सिंह द्वारा किया गया था, जो अपने निर्देशन के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने छात्रों के साथ मिलकर स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के विषय को सरल लेकिन प्रभावी तरीके से पेश किया। कार्यक्रम में विशेष कार्याधिकारी शिक्षा डॉ. पंकज एल. जानी, विशेष सचिव राज्यपाल श्री प्रकाश गुप्ता, राजभवन के अधिकारी, कर्मचारी और अध्यासितगण भी उपस्थित थे। भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने पूरे जोश और उत्साह के साथ इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और नाटक के जरिए उपस्थित जनसमूह को स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया।

नाटक के माध्यम से प्रमुख संदेश

  1. जल संरक्षण – पानी की बर्बादी को रोकने और जल संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग का महत्व बताया गया।
  2. वृक्षारोपण – अधिक से अधिक वृक्ष लगाने और पर्यावरण को हरा-भरा रखने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
  3. प्रदूषण से बचाव – वायु, जल, और ध्वनि प्रदूषण के नुकसान के बारे में जागरूक किया और इन्हें कम करने के उपाय सुझाए गए।
  4. स्वच्छता का महत्व – लोगों से आग्रह किया गया कि वे अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखें और कचरा इधर-उधर न फेंके।

स्वच्छता सेवा पखवाड़ा के तहत आयोजित इस नुक्कड़ नाटक ने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया। छात्रों ने अपनी प्रस्तुति के जरिए समाज को जागरूक करने का प्रयास किया और पर्यावरण को बचाने के लिए छोटे-छोटे लेकिन महत्वपूर्ण कदम उठाने की अपील की। यह पहल न केवल स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाती है, बल्कि हमारे पर्यावरण को सुरक्षित रखने की दिशा में एक सार्थक कदम भी है।

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