
- योगी सरकार ने माफियाओं की संपत्तियों की जब्ती और नीलामी के लिए नई प्रक्रिया शुरू की।
- कुर्की के बाद नीलामी से प्राप्त आय को अपराध से प्रभावित लोगों में बांटा जाएगा।
- पुलिस अब गैंगस्टर एक्ट या PMLA के मुकदमे के बिना भी संपत्ति जब्त कर सकेगी।
- छोटे अपराधियों और माफियाओं के सहयोगियों की संपत्तियां भी कार्रवाई के दायरे में आएंगी।
- नई व्यवस्था पीड़ितों को त्वरित सहायता प्रदान करेगी और कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाएगी।
लखनऊ, 26 नवम्बर 2024: उत्तरप्रदेश की योगी सरकार माफियाओं और अपराधियों के खिलाफ अपनी सख्ती को एक नए स्तर पर ले जा रही है। अब माफियाओं की अवैध संपत्तियों को जब्त कर उसे कुर्की के माध्यम से नीलाम किया जाएगा। इसके बाद उससे अर्जित धनराशि को अपराध से पीड़ित लोगों में बांटने की तैयारी है। यह कदम प्रदेश में कानून व्यवस्था को और मजबूत करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
नई पहल के मुख्य बिंदु
- संपत्ति की कुर्की और नीलामी: पुलिस माफियाओं और अपराधियों की संपत्ति को जब्त करेगी। कोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी दो महीने के भीतर कुर्क की गई संपत्ति को नीलाम करेंगे और उससे होने वाली आय पीड़ितों में बांटी जाएगी।
- गैंगस्टर एक्ट के दायरे से बाहर: पहले यह कार्रवाई केवल गैंगस्टर एक्ट या PMLA एक्ट के तहत होती थी, लेकिन अब धारा 107 के तहत बिना मुकदमे के भी पुलिस सीधे संपत्ति जब्त कर सकती है।
- माफियाओं के साथ मददगार भी निशाने पर: सिर्फ बड़े अपराधियों ही नहीं, उनके सहयोगियों और छोटे अपराधियों की संपत्तियां भी जब्त की जाएंगी।
- सरकारी योजना से बदलाव: पहले माफियाओं की संपत्तियां जब्त कर उन्हें सरकारी आवास या अन्य सुविधाओं में बदला जा रहा था। अब कुर्की से हुई आय सीधे पीड़ितों में बांटी जाएगी।
- न्याय प्रक्रिया को मजबूती: यह पहल न केवल अपराध पर लगाम लगाने में मदद करेगी बल्कि पीड़ितों को त्वरित आर्थिक सहायता भी प्रदान करेगी।
डीजीपी का आदेश: SOP लागू
उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी प्रशांत कुमार ने सभी जिलों के SSP, SP और पुलिस कमिश्नरों को मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी कर दी है। इसके तहत माफिया और अपराधियों की अवैध संपत्तियों को चिन्हित कर जब्त किया जाएगा। कुर्की के आदेश अदालत से प्राप्त करने के बाद जिलाधिकारी द्वारा दो महीने के भीतर इन संपत्तियों को नीलाम किया जाएगा।
गैंगस्टर एक्ट के दायरे से बाहर कार्रवाई
पहले माफियाओं की संपत्तियों को केवल गैंगस्टर एक्ट और PMLA के तहत जब्त किया जाता था। लेकिन अब बीएनएस की धारा 107 के तहत पुलिस बिना गैंगस्टर ऐक्ट के मुकदमे के भी अपराधियों की संपत्ति जब्त कर सकती है। यह नई व्यवस्था अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई को तेज और प्रभावी बनाएगी।
छोटे अपराधियों पर भी नजर
इस अभियान में सिर्फ बड़े माफियाओं को ही नहीं, बल्कि उनके सहयोगियों, मददगारों और छोटे अपराधियों को भी निशाने पर लिया जाएगा। पुलिस की यह रणनीति अपराध के हर स्तर पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित करेगी।
संपत्ति कुर्की से पीड़ितों को न्याय
पहले जब्त की गई संपत्तियों का उपयोग सरकारी आवास बनाने जैसे कार्यों के लिए किया जाता था। लेकिन अब कुर्क की गई संपत्ति से अर्जित आय को सीधे अपराध से प्रभावित लोगों में वितरित किया जाएगा। यह पहल पीड़ितों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ-साथ अपराधियों पर दबाव बढ़ाने का काम करेगी।
योगी सरकार की यह नई पहल न केवल अपराधियों की अवैध संपत्तियों पर लगाम लगाने में मदद करेगी, बल्कि प्रदेश में न्याय और कानून व्यवस्था को भी और मजबूत करेगी। इससे पीड़ितों को आर्थिक और सामाजिक रूप से राहत मिलने की उम्मीद है।