
- योगी सरकार द्वारा 4 दिसंबर को परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 का आयोजन।
- कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों की शैक्षिक उपलब्धियों का मूल्यांकन।
- 9,715 चयनित विद्यालयों में सरकारी, निजी, और मदरसों के छात्रों की भागीदारी।
- भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान पर फोकस।
- शिक्षा सुधारों के लिए पारदर्शिता और गोपनीयता सुनिश्चित।
लखनऊ, 24 नवंबर 2024: उत्तर प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और छात्रों की शैक्षिक उपलब्धियों का आकलन करने के उद्देश्य से योगी सरकार ने एक ऐतिहासिक पहल की है। इस दिशा में 4 दिसंबर 2024 को परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण का आयोजन किया जाएगा। यह सर्वेक्षण शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार और एनसीईआरटी के सहयोग से होगा, जिसमें प्रदेश के 9,715 चयनित विद्यालयों के लाखों छात्र भाग लेंगे। इसमें सरकारी, सहायता प्राप्त निजी विद्यालय, मदरसे और अन्य बोर्डों से मान्यता प्राप्त विद्यालय भी शामिल होंगे।
शिक्षा के स्तर का व्यापक आकलन
इस सर्वेक्षण का उद्देश्य कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों का आकलन करना है। प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर भाषा, गणित, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान जैसे विषयों में छात्रों की समझ और प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा।
कक्षा-वार विषय:
- कक्षा 3 और 6: भाषा, गणित और हमारे आस-पास की दुनिया।
- कक्षा 9: भाषा, गणित, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान।
सर्वेक्षण का क्रियान्वयन और दायित्व
प्रशिक्षण और अनुश्रवण
प्रत्येक जिले में फील्ड इन्वेस्टिगेटर (FI) के प्रशिक्षण और सर्वेक्षण के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी जिला स्तर पर समन्वयकों और डायट प्राचार्यों को सौंपी गई है।
सर्वेक्षण की पारदर्शिता
सर्वेक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सीलबंद अचीवमेंट टेस्ट पैकेट और नियंत्रित सैंपलिंग सुनिश्चित की गई है।
परीक्षण केंद्र
हापुड़, मुजफ्फरनगर, सुल्तानपुर, मुरादाबाद और एटा जैसे जिलों में इन्वेस्टिगेटर्स का प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा।
इस सर्वेक्षण को व्यवस्थित और पारदर्शी तरीके से लागू करने के लिए जिम्मेदारियां तय की गई हैं।
- डायट प्राचार्य और जिला विद्यालय निरीक्षक सर्वेक्षण के जिला-स्तरीय समन्वय की जिम्मेदारी निभाएंगे।
- फील्ड इन्वेस्टिगेटर (FI), जिन्हें मास्टर ट्रेनर्स द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा, सर्वेक्षण की प्रक्रिया को सुनिश्चित करेंगे।
फील्ड इन्वेस्टिगेटर के प्रमुख कार्य:
- सर्वेक्षण गाइडलाइन के अनुसार स्कूल पहुँचकर गतिविधियों को लागू करना।
- अचीवमेंट टेस्ट पैकेट्स की सील की जांच और सैंपलिंग प्रक्रिया को अंजाम देना।
प्रशिक्षण केंद्रों की व्यवस्था
गाजियाबाद, शामली, अमेठी, सम्भल और कासगंज जिलों में डायट संस्थान नहीं होने के कारण इनके लिए हापुड़, मुजफ्फरनगर, सुल्तानपुर, मुरादाबाद और एटा डायट में प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा कि इस सर्वेक्षण से छात्रों की शैक्षिक क्षमता का सटीक मूल्यांकन होगा। इससे नीति निर्धारण में मदद मिलेगी और शिक्षा में सुधार के ठोस प्रयास सुनिश्चित होंगे।