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यूपी में पत्रकार हित: पत्रकारों के सम्बन्ध में पुलिस मुख्यालय से पुनः जारी हुआ पत्र

लखनऊ: उत्तरप्रदेश में पत्रकारों की समस्याओं के निराकरण, उनकी सुरक्षा व्यवस्था, उनके साथ पुलिस द्वारा शिष्ट व्यवहार करने के साथ ही पत्रकारों व उनके परिजनों के ख़िलाफ़ दर्ज हो रहे मनगढ़ंत मामलों की जानकारी के संबंध में डीजीपी मुख्यालय ने पूरे प्रदेश के सभी जनपदों से जानकारी तलब की है।

उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने 27 अगस्त को सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को एक विस्तृत पत्र जारी किया, जिसमें पत्रकारों की सुरक्षा, उनके साथ किए जाने वाले व्यवहार, और उनके अधिकारों की सुरक्षा पर जोर दिया गया है। यह पत्र राज्य में पत्रकारों की बढ़ती चिंताओं और उनकी सुरक्षा को लेकर हो रही घटनाओं के मद्देनजर जारी किया गया है। पत्र में निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं को विशेष रूप से शामिल किया गया है।

पत्रकारों के साथ शिष्ट और सम्मानजनक व्यवहार

पत्र में सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे पत्रकारों के साथ हमेशा शिष्ट, सम्मानजनक और सहयोगात्मक व्यवहार करें। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि पत्रकारों को उनके कार्यस्थल पर किसी भी प्रकार की धमकी, अपमान या उत्पीड़न का सामना न करना पड़े। पत्रकारों की भूमिका को समझते हुए, उनके साथ पेशेवर और सम्मानजनक तरीके से संवाद स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं।

फर्जी मामलों पर रोक

पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पत्रकारों और उनके परिजनों के खिलाफ किसी भी प्रकार का फर्जी मामला दर्ज नहीं होना चाहिए। यह बिंदु इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कई बार पत्रकारों की निष्पक्ष रिपोर्टिंग के कारण उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण तरीके से मामले दर्ज किए जाते हैं। पुलिस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि किसी भी पत्रकार के खिलाफ दर्ज होने वाले मामलों की पहले सही ढंग से जांच की जाए और कोई भी अनुचित कार्रवाई न की जाए।

निष्पक्ष और पारदर्शी जांच

पत्रकारों के खिलाफ शिकायतें या दर्ज मामले की जांच निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ की जानी चाहिए। पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे किसी भी मामले में पक्षपातपूर्ण रवैया न अपनाएं और जांच प्रक्रिया में पत्रकारों के अधिकारों और स्वतंत्रता का पूरा सम्मान करें। जांच के दौरान पत्रकारों के साथ सहयोगात्मक रवैया अपनाने और उनकी चिंता को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए गए हैं।

सुरक्षा की प्राथमिकता

पत्रकारों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि पत्रकारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। यदि किसी पत्रकार को जान से मारने की धमकी, उत्पीड़न, या अन्य प्रकार के हमले का सामना करना पड़ता है, तो पुलिस को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और उनकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करने चाहिए।

समय-समय पर संवाद और समन्वय

पत्र में यह भी कहा गया है कि पुलिस अधिकारियों को पत्रकारों के साथ नियमित संवाद बनाए रखना चाहिए। अधिकारियों को सलाह दी गई है कि वे पत्रकारों के साथ नियमित बैठकें करें, जिससे किसी भी प्रकार के मुद्दे, सुझाव, या शिकायत को सुना और समझा जा सके। संवाद के माध्यम से पुलिस और पत्रकारों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जा सकता है, जिससे कार्य में पारदर्शिता और सुरक्षा की भावना विकसित हो सके।

जिम्मेदारियों के प्रति जागरूकता

पत्र में पुलिस अधिकारियों को पत्रकारिता की महत्ता और पत्रकारों की जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करने के लिए भी कहा गया है। पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होते हैं, और उनका कार्य समाज में जागरूकता फैलाना और सरकार व जनता के बीच सूचना के पुल का काम करना होता है। पुलिस अधिकारियों को पत्रकारों के इस कार्य की महत्ता को समझते हुए उनके प्रति सम्मानजनक रवैया अपनाने के निर्देश दिए गए हैं।

कानूनी कार्रवाई की सतर्कता

पत्र में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि यदि किसी भी पत्रकार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना अपरिहार्य हो, तो पुलिस अधिकारियों को सतर्कता और निष्पक्षता के साथ यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उस कार्रवाई का आधार तथ्यात्मक और वैध हो। किसी भी प्रकार के भेदभाव या पूर्वाग्रह से बचते हुए निष्पक्ष कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए।

इस पत्र का मुख्य उद्देश्य पत्रकारों के लिए एक सुरक्षित, स्वतंत्र और सहयोगात्मक कार्य वातावरण तैयार करना है। उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि पत्रकारों के खिलाफ कोई भी अनुचित या अवैध कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह पहल न केवल पत्रकारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करती है, बल्कि पुलिस और मीडिया के बीच एक सकारात्मक और सहयोगी संबंध स्थापित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है। पत्र के माध्यम से पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे पत्रकारों के अधिकारों का सम्मान करें और उन्हें उनके कार्य को स्वतंत्र और निर्भीक रूप से करने का अवसर प्रदान करें।

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