
- यूपी एटीएस ने सिराज और उसकी पत्नी हलीमा को अलीगढ़ से पकड़ा।
- दोनों ने कूटरचित दस्तावेजों से भारतीय नागरिकता प्राप्त कर कई देशों की यात्रा की।
- सिराज ने भारत में प्रवेश के लिए बेनाफुल बॉर्डर पर दलालों की मदद ली।
- बीएनएस और विदेशी अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।
- इस घटना से राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले अवैध नेटवर्क की सक्रियता उजागर हुई।
लखनऊ, 23 दिसम्बर, 2024: उत्तर प्रदेश एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अलीगढ़ से एक बांग्लादेशी दंपत्ति को गिरफ्तार किया है। यह दंपत्ति फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारतीय नागरिक बनकर देश में रह रहा था। पकड़े गए व्यक्ति की पहचान सिराज के रूप में हुई है, जो बांग्लादेश के फरीदपुर जिले के साउथ कालामरिधा थाना क्षेत्र का रहने वाला है। सिराज की पत्नी हलीमा भी इस कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार की गई।
एटीएस की जांच में यह खुलासा हुआ कि सिराज ने दलालों की मदद से बेनाफुल बॉर्डर के जरिए भारत में अवैध तरीके से प्रवेश किया था। उसने भारतीय दस्तावेज जैसे आधार कार्ड और पासपोर्ट बनवाकर खुद को भारतीय नागरिक साबित किया। इतना ही नहीं, इन फर्जी दस्तावेजों के सहारे सिराज ने सऊदी अरब, बांग्लादेश और दुबई जैसे देशों की यात्रा भी की। उसकी पत्नी हलीमा ने भी भारतीय पासपोर्ट के जरिए कई बार बांग्लादेश की यात्रा की है।
एटीएस ने दंपत्ति के खिलाफ बीएनएस की धारा 318(4), 336(3), 337, 339, 340(2), और विदेशी अधिनियम 14, 14(A) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। यह कार्रवाई दलालों के नेटवर्क और उनकी अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
एटीएस की टीम ने यह भी बताया कि यह मामला केवल फर्जी दस्तावेजों तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को भी गंभीर खतरा हो सकता है। इस प्रकार की घटनाएं यह संकेत देती हैं कि दलालों का नेटवर्क न केवल देश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सक्रिय है। एटीएस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और इसमें शामिल अन्य लोगों की पहचान की कोशिश कर रही है।