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यूपीएसआरटीसी: निदेशक मंडल की 249वीं बैठक में महाकुंभ 2025 के लिए बड़े निर्णय, नई बसों की खरीद को मंजूरी

  • महाकुंभ 2025 की तैयारी के लिए सेवानिवृत्त कर्मियों को संविदा पर पुनः नियुक्ति
  • साहिबाबाद में इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग डिपो की स्थापना को सैद्धांतिक मंजूरी
  • 1000 करोड़ की लागत से 3108 नई बसों की खरीद की योजना
  • सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए चालकों की ट्रेनिंग और स्वास्थ्य चेकअप पर जोर
  • सेवानिवृत्त चालकों को 62 वर्ष की आयु तक पुनः सेवा में रखने का निर्णय

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) के निदेशक मंडल की 249वीं बैठक आज अध्यक्ष एल.वेंकटेश्वर लू की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में कुल 32 एजेंडा बिंदुओं पर चर्चा की गई, जिसमें महाकुंभ 2025 और परिवहन सेवाओं में सुधार के लिए कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक का मुख्य उद्देश्य निगम की कार्यक्षमता बढ़ाना और आगामी महाकुंभ मेले की तैयारी करना था।

महाकुंभ 2025 की तैयारी

महाकुंभ 2025 को ध्यान में रखते हुए, निगम ने भवन शाखा के सेवानिवृत्त सहायक अभियंता, अवर अभियंता (सिविल/विद्युत) और सहायक वर्क सुपरवाइजर को संविदा/मानदेय पर 31 मार्च 2025 तक पुनः नियुक्त करने की सहमति दी। यह कदम महाकुंभ के दौरान सुचारू प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग डिपो

बैठक में गाजियाबाद के साहिबाबाद स्थित डिपो कार्यशाला में इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग डिपो बनाने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक सहमति मिली। इस कदम से प्रदेश में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को बढ़ावा मिलेगा।

3108 नई बसों की खरीद, चालकों की ट्रेनिंग और स्वास्थ्य चेकअप और समीक्षा

निगम ने 1000 करोड़ रुपये की लागत से 3108 नई बसों के क्रय की योजना को मंजूरी दी। इनमें 100 हाई एंड लग्जरी, 39 एसी स्लीपर, 51 नॉन-एसी स्लीपर, 197 एसी मिड सेगमेंट बसें शामिल हैं। लखनऊ जिले को 10 हाई एंड लग्जरी बसें और अन्य साधारण वातानुकूलित बसें आवंटित की जाएंगी।

बैठक में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या पर चर्चा की गई। चालकों की ट्रेनिंग व्यवस्था और उनके स्वास्थ्य चेकअप पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए। इस पहल से सड़क सुरक्षा में सुधार की संभावना है।

निगम के अनुशासनिक प्रकरणों और प्रवर्तन दल द्वारा किए गए निरीक्षणों की भी समीक्षा की गई। साथ ही, 62 वर्ष की आयु तक सेवानिवृत्त नियमित और संविदा चालकों को पुनः सेवा में रखने की सहमति भी प्राप्त हुई।

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