
वाराणसी, 25 सितंबर 2024: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी में आज 46वां दीक्षांत समारोह बड़ी धूमधाम के साथ संपन्न हुआ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में हुए इस समारोह में कुल 97,252 डिग्रियां और उपाधियां वितरित की गईं। राज्यपाल ने बटन दबाकर इन सभी डिग्रियों को डिजिलॉकर पर अपलोड भी किया, जिससे विद्यार्थियों को आसानी से डिजिटल माध्यम से उनकी डिग्रियां प्राप्त हो सकें।
दीक्षान्त समारोह में डिग्रियों का वितरण और मेधावी छात्रों का सम्मान

- 97,252 डिग्रियां वितरित – स्नातक, स्नातकोत्तर, और पीएचडी उपाधियां।
- 18 मेधावी विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल प्रदान किए गए, जिनमें स्नातक, स्नातकोत्तर और खेल प्रतिभाएं शामिल रहीं।
- डिजिटल क्रांति को बढ़ावा देने के लिए डिजिलॉकर पर डिग्रियों का अपलोड।
- राज्यपाल ने शिक्षा और कौशल विकास योजनाओं का लाभ उठाने का आह्वान किया।
समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 18 मेधावी छात्रों को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया, जिसमें सात स्नातक, नौ स्नातकोत्तर और दो उत्कृष्ट खिलाड़ी शामिल थे। स्नातक स्तर पर कुल 78,196 डिग्रियां वितरित की गईं, जिनमें 41,474 छात्र और 36,722 छात्राएं थीं। इसके साथ ही स्नातकोत्तर स्तर पर 19,056 डिग्रियां दी गईं, जिसमें 13,479 छात्र और 5,577 छात्राएं शामिल रहीं। पीएचडी उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या 98 रही, जिनमें 53 छात्र और 45 छात्राएं शामिल थे।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का संबोधन: प्रौद्योगिकी का सार्थक उपयोग और कौशल विकास पर जोर

दीक्षांत समारोह के दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने संबोधन में सभी विद्यार्थियों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने शिक्षा और कौशल विकास की योजनाओं का समुचित लाभ उठाने की अपील की। राज्यपाल ने कहा, “विद्यार्थियों को आने वाले समय में होने वाले बदलावों के लिए तैयार रहना चाहिए, और प्रौद्योगिकी का उपयोग सार्थक दिशा में होना चाहिए।”
उन्होंने ऊर्जा और पानी की बचत पर जोर देते हुए कहा कि विद्यार्थियों को पर्यावरण-संवेदनशील जीवनशैली अपनाने की जरूरत है। इसके साथ ही, उन्होंने समर्थ पोर्टल के उपयोग के जरिए उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों को डिजिटल बनाने में हुई प्रगति की जानकारी दी, जिससे 200 करोड़ की बचत हुई है।
कौशल विकास और रोजगार योजनाओं पर प्रकाश

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने भाषण में यह भी बताया कि भारत सरकार अगले पांच वर्षों में देश के एक करोड़ विद्यार्थियों को देश की शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप का अवसर प्रदान करेगी। साथ ही, उन्होंने विद्यार्थियों को 7.5 लाख रुपये तक का कौशल विकास ऋण प्राप्त करने का अवसर दिया जा रहा है। यह योजनाएं देश के युवाओं को अधिक आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
चाणक्य के सिद्धांतों को आत्मसात करें शिक्षक: उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय

दीक्षांत समारोह में उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने विद्यार्थियों को बधाई दी और शिक्षकों से चाणक्य के सिद्धांतों को आत्मसात करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं है, बल्कि यह अपने समाज और राष्ट्र को मजबूत बनाने का मार्ग भी है।”
मंत्री ने राज्यपाल द्वारा शिक्षा क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों की सराहना की और उत्तर प्रदेश को शिक्षा का हब बनाने के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक नैक ग्रेड प्राप्तकर्ता विश्वविद्यालय हैं, जो प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की उन्नति का संकेत है।
महिला सशक्तिकरण और सामाजिक कल्याण पर जोर
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने महिला सशक्तिकरण के महत्व पर भी प्रकाश डाला और सोनभद्र जिले की 10 विशिष्ट आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के बिना समाज की प्रगति संभव नहीं है और इसी दिशा में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां अद्वितीय योगदान दे रही हैं।
समारोह में सोनभद्र की आंगनबाड़ी केंद्रों को सुविधा संपन्न बनाने हेतु विश्वविद्यालय द्वारा 100 किट प्रदान की गईं। इसके अलावा, होप वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा गांवों को नशामुक्त बनाने के प्रयासों की सराहना की गई और ग्रीन आर्मी से जुड़ी महिलाओं और बच्चियों को भी सम्मानित किया गया।
शिक्षा के प्रति समर्पण का परिचय: विद्यार्थियों और शिक्षकों का सम्मान
राज्यपाल ने विद्यापीठ के गोद लिए गए विद्यालयों के विद्यार्थियों और प्रधानाध्यापकों को भी सम्मानित किया। कुल 36 विद्यार्थियों को विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कार दिए गए। इसके साथ ही, 100 किताबें भी विभिन्न प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों और अध्यापकों को वितरित की गईं।
दीक्षान्त समारोह के अन्य मुख्य बिंदु
समारोह में महात्मा गांधी, पं. दीनदयाल उपाध्याय, और डॉ. आंबेडकर के विचारों पर आधारित एक स्मारिका और ‘गांधी, आंबेडकर और दीनदयाल’ पुस्तक का भी विमोचन किया गया, समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी, कुलसचिव डॉ. सुनीता पांडेय, और विभिन्न संकायाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारीगण, तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का 46वां दीक्षांत समारोह, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में एक यादगार आयोजन रहा। यह समारोह न केवल शिक्षा और डिग्री वितरण का अवसर था, बल्कि विद्यार्थियों के लिए प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, और राष्ट्र निर्माण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी महत्वपूर्ण मंच बना। राज्यपाल और उच्च शिक्षा मंत्री के प्रेरणादायक संदेशों ने इस समारोह को और भी विशेष बना दिया। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का यह दीक्षांत समारोह न केवल विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी, बल्कि प्रदेश और देश के विकास में शिक्षा और कौशल विकास की महत्वपूर्ण भूमिका को भी दर्शाता है।