
- लॉरेंस जॉब्स ने सनातन धर्म को समझने के लिए ‘कमला’ नाम अपनाया।
- वे वाराणसी से प्रयागराज पहुंची हैं और महाकुंभ में एक सप्ताह तक तप करेंगी।
- मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या के प्रमुख शाही स्नानों में गंगा स्नान करेंगी।
- यह यात्रा उनके लिए भारतीय संस्कृति की गहराई को अनुभव करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
- महाकुंभ में उनकी उपस्थिति ने इस धार्मिक आयोजन को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक नई पहचान दी है।
प्रयागराज, 12 जनवरी 2025: दुनिया भर में अपने प्रौद्योगिकी योगदान के लिए पहचाने जाने वाले स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेंस जॉब्स ने भारतीय सनातन धर्म और उसकी गहरी परंपराओं को करीब से समझने के लिए एक नई यात्रा शुरू की है। उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ 2025 में भाग लेने का निर्णय लिया है, जहां वे अपने आध्यात्मिक अनुभव को और अधिक समृद्ध करने के लिए एक सप्ताह तक तप करेंगी। इस दौरान, उन्होंने महामंडलेश्वर कैलाशानन्द द्वारा दिया गया ‘कमला’ नाम अपनाया है, जो भारतीय संस्कृति के प्रति उनकी आस्था और निष्ठा को दर्शाता है।
कमला बनीं लॉरेंस जॉब्स: सनातन धर्म के प्रति एक नई पहचान
लॉरेंस जॉब्स ने सनातन धर्म को गहराई से आत्मसात करने के लिए महामंडलेश्वर कैलाशानन्द द्वारा दिया गया ‘कमला’ नाम चुना। यह नाम भारतीय परंपरा में महिलाओं के लिए पवित्रता और ज्ञान का प्रतीक है। कमला बनने का निर्णय लॉरेंस की भारतीय संस्कृति के प्रति गहरी रुचि और आध्यात्मिकता की ओर उनके झुकाव को दर्शाता है।
वाराणसी से प्रयागराज तक की यात्रा
लॉरेंस जॉब्स अपने 60 सदस्यीय दल के साथ पहले वाराणसी पहुंची थीं, जहां उन्होंने भारतीय संस्कृति और परंपराओं का अनुभव किया। अब वे प्रयागराज महाकुंभ में अपनी आध्यात्मिक यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए आई हैं। इस दौरान, वे महाकुंभ के पवित्र माहौल में रहकर ध्यान, तप और साधना करेंगी।
गंगा स्नान और शाही स्नान का विशेष महत्व
महाकुंभ में मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या के अवसर पर गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। लॉरेंस जॉब्स (अब कमला), इन शुभ अवसरों पर गंगा में डुबकी लगाकर अपनी आध्यात्मिक यात्रा को और गहरा करेंगी। शाही स्नान में भाग लेना उनके लिए भारतीय संस्कृति की गहराई को अनुभव करने का एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
सनातन धर्म की महानता को करीब से समझने की कोशिश
कमला बनीं लॉरेंस जॉब्स महाकुंभ में एक सप्ताह तक तप करेंगी और सनातन धर्म की महानता को करीब से समझने का प्रयास करेंगी। इस दौरान वे भारतीय संस्कृति की विविधता और उसकी आध्यात्मिकता से जुड़ी विभिन्न परंपराओं को जानेंगी।
महाकुंभ में अंतरराष्ट्रीय आकर्षण
महाकुंभ में लॉरेंस जॉब्स की उपस्थिति न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह महाकुंभ को एक अंतरराष्ट्रीय मंच भी प्रदान करती है। लॉरेंस जॉब्स का इस धार्मिक आयोजन में भाग लेना वैश्विक समुदाय के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन सकता है, जो भारतीय संस्कृति और उसकी गहरी आध्यात्मिकता को समझने में रुचि रखते हैं। लॉरेंस जॉब्स की उपस्थिति और उनके द्वारा अपनाई गई भारतीय परंपराओं को दर्शाती है, जो महाकुंभ के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ावा देती है।