
- वृंदावन चौकी प्रभारी दरोगा धीरेन्द्र सिंह को रिश्वत लेने के आरोप में तत्काल निलंबित किया गया।
- भाजपा बूथ अध्यक्ष के बेटे से ₹10,000 की रिश्वत लेकर छोड़े जाने का मामला सामने आया।
- भाजपा महिला कार्यकर्ता रीना उपाध्याय की शिकायत पर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने लिया सख्त संज्ञान।
- विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह के हस्तक्षेप पर एसीपी और डीसीपी स्तर पर हुई जांच में आरोप सिद्ध पाए गए।
- पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता में विधायक की सक्रियता को लेकर विश्वास और समर्थन और मजबूत हुआ।
लखनऊ, रिपोर्ट: True News UP: सरोजनीनगर विधानसभा के वृंदावन चौकी प्रभारी दरोगा धीरेन्द्र सिंह को भाजपा कार्यकर्ता से रिश्वत लेने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई क्षेत्रीय विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह के सख्त हस्तक्षेप और भाजपा महिला कार्यकर्ता रीना उपाध्याय की सक्रिय पहल के चलते संभव हो सकी।
क्या है मामला?
दिनांक 17 मई की रात, भाजपा बूथ अध्यक्ष महेन्द्र प्रताप सिंह के बेटे को वृंदावन चौकी पुलिस ने किसी मामूली विवाद में हिरासत में ले लिया। परिजनों का आरोप है कि दरोगा धीरेन्द्र सिंह ने युवक को जेल भेजने की धमकी दी और उसे छोड़ने के बदले ₹10,000 की रिश्वत की मांग की। रकम देने के बाद ही युवक को छोड़ा गया।
इस घटना की जानकारी जब भाजपा की सक्रिय महिला कार्यकर्ता रीना उपाध्याय को मिली तो उन्होंने इस पूरे मामले को पहले पार्टी के जिम्मेदार नेताओं और फिर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह के संज्ञान में डाला।
विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह का त्वरित एक्शन
विधायक ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत गोसाईगंज एसीपी और डीसीपी दक्षिणी से संपर्क किया और निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए। एसीपी स्तर पर हुई प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए गए। इसके बाद डीसीपी दक्षिणी ने दरोगा के निलंबन की संस्तुति करते हुए विभागीय जांच के आदेश दे दिए।
डीसीपी दक्षिणी ने क्या कहा?
डीसीपी दक्षिणी ने बताया कि दरोगा धीरेन्द्र सिंह का आचरण पुलिस नियमावली और कर्तव्य के विरुद्ध पाया गया है। रिश्वत लेने की पुष्टि होने के बाद तत्काल निलंबन की कार्रवाई की गई है और विभागीय जांच चल रही है।
महिला कार्यकर्ता रीना उपाध्याय की अहम भूमिका
इस मामले में भाजपा महिला कार्यकर्ता रीना उपाध्याय की सक्रियता और साहस तारीफ के काबिल रही। उन्होंने बिना डरे, पार्टी और विधायक तक पूरी सच्चाई पहुंचाई और कार्यकर्ता के सम्मान की रक्षा की।
रीना उपाध्याय ने कहा,
“डॉ. राजेश्वर सिंह ने जिस त्वरितता से कार्रवाई की, उन्होंने हमें यह भरोसा दिलाया कि भाजपा में कार्यकर्ताओं की आवाज न सिर्फ सुनी जाती है, बल्कि उस पर ठोस कदम भी उठाए जाते हैं।”
पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता में संतोष
इस घटना के बाद न सिर्फ भाजपा कार्यकर्ताओं, बल्कि आम जनता में भी विधायक के प्रति विश्वास और सम्मान और अधिक गहरा हुआ है। लोगों का कहना है कि डॉ. सिंह हमेशा जनहित में सक्रिय रहते हैं और भ्रष्टाचार या अन्याय को कभी बर्दाश्त नहीं करते।
यह घटना क्यों है महत्वपूर्ण?
- यह साबित करता है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है। पुलिसिया भ्रष्टाचार के विरुद्ध विधायक स्तर पर भी सख्त कार्यवाही हो रही है। यहां महिला कार्यकर्ताओं की आवाज को गंभीरता से लिया गया। आम जनता को भी यह संदेश मिला कि वे अन्याय के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं।
यह घटना सिर्फ रिश्वतखोरी की एक घटना नहीं है, बल्कि एक प्रेरक उदाहरण है कि कैसे एक सजग जनप्रतिनिधि और साहसी महिला कार्यकर्ता मिलकर सिस्टम के भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई कर सकते हैं।
विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह की संवेदनशीलता और ज़ीरो टॉलरेंस की नीति ने यह साबित कर दिया कि भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता के सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
रिपोर्ट संपर्क
शिवसागर सिंह चौहान
True News UP ब्यूरो
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