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बाल्यकाल में ही विकसित होते हैं संस्कार: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा लखनऊ में बाल पथ संचलन का आयोजन

लखनऊ, उत्तर प्रदेश। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) लखनऊ पूरब भाग के तत्वावधान में बाल पथ संचलन का आयोजन किया गया। यह संचलन सेंट्रल एकेडमी, इंदिरानगर सेक्टर-9 से शुरू होकर ईश्वरधाम और अरविंदो पार्क होते हुए वापस सेंट्रल एकेडमी में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बालकों ने भाग लिया और समाज को संस्कार, देशभक्ति और समाज सेवा का संदेश दिया।

संचलन की विशेषताएं

संचलन के मार्ग पर समाज के विभिन्न वर्गों ने बालकों का उत्साहवर्धन किया और इस आयोजन की सराहना की। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम बच्चों में संस्कारों और समाज सेवा की भावना को प्रोत्साहित करने का एक उदाहरण बन गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सह विभाग कार्यवाह ब्रजेश जी ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा

“भारत सदैव ‘वीर भोग्या वसुंधरा’ की अवधारणा में विश्वास करता आया है। संस्कार बचपन में ही दिए जाते हैं, जिससे युवा पीढ़ी देश और समाज के प्रति कर्तव्यनिष्ठ बनती है।”

उन्होंने ध्रुव, प्रह्लाद, वीर हकीकत राय, बंदा बैरागी, और गुरु गोविंद सिंह के चारों पुत्रों का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके जीवन में बचपन के संस्कारों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कार्यक्रम में मुख्य सहभागिता

कार्यक्रम में कई प्रमुख अधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए, जिनमें प्रमुख हैं:

सह विभाग कार्यवाह पंकज पटवा

भाग कार्यवाह ज्योति प्रकाश

सह भाग कार्यवाह मनुदेव

भाग प्रचारक कमलेश

सह विभाग विद्यार्थी कार्य प्रमुख हर्ष

भाग विद्यार्थी प्रमुख विश्वराज

भाग विद्यार्थी शारीरिक प्रमुख अमन

इन सभी ने कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष योगदान दिया।

बालकों में संस्कार और देशभक्ति का विकास

कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में संस्कार, समाज सेवा और देशभक्ति की भावना को विकसित करना था। बालकों द्वारा निकाले गए इस संचलन ने यह स्पष्ट किया कि भविष्य की पीढ़ी को बचपन में दिए गए संस्कार ही उनके व्यक्तित्व और कर्तव्यबोध को आकार देते हैं।

समाज की सकारात्मक प्रतिक्रिया

इस आयोजन को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों ने भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने इसे भारतीय संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखने का माध्यम बताया। आयोजन में शामिल लोगों ने यह महसूस किया कि भारत का भविष्य सुरक्षित और सशक्त हाथों में है।

कार्यक्रम की मुख्य बातें: बाल्यकाल और संस्कार निर्माण पर जोर

संचलन का प्रारंभ: सेंट्रल एकेडमी, इंदिरानगर सेक्टर-9।

मार्ग: ईश्वरधाम और अरविंदो पार्क से होते हुए।

समापन स्थल: सेंट्रल एकेडमी।

मुख्य अतिथि का संदेश: बाल्यकाल में संस्कार निर्माण भविष्य की दिशा तय करता है।

समाज की सहभागिता: कार्यक्रम को व्यापक सराहना मिली।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इस प्रकार के कार्यक्रम बालकों में सामाजिक, सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों के विकास में सहायक होते हैं। यह आयोजन इस बात का प्रमाण है कि भारतीय परंपराएं और संस्कार अगली पीढ़ी के माध्यम से सुरक्षित रहेंगे।

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