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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत तीन दिवसीय प्रदर्शनी और ट्रेड फेयर का सफल समापन: कौशल और उद्यमिता को मिला बढ़ावा

लखनऊ/कानपुर, 12 सितंबर 2024। एमएसएमई-विकास कार्यालय (भारत सरकार, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय प्रदर्शनी और ट्रेड फेयर का आज कानपुर में सफल समापन हो गया। यह आयोजन 10 से 12 सितंबर 2024 तक कार्यालय परिसर में आयोजित किया गया था। इस प्रदर्शनी और ट्रेड फेयर का उद्देश्य प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत लाभान्वित कारीगरों और उद्यमियों को उनके उत्पादों और सेवाओं के प्रदर्शन के लिए एक मंच प्रदान करना था। इस प्रकार की पहल सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों को और अधिक मजबूत बनाती है।

प्रदर्शनी और ट्रेड फेयर की विशेषताएं

इस प्रदर्शनी में उत्तर प्रदेश के 25 जिलों के पीएम विश्वकर्मा लाभार्थियों ने भाग लिया। इस राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में 65 स्टाल लगाए गए थे, जिन पर 130 पीएम विश्वकर्माओं ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया। इस प्रकार के आयोजन प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत पारंपरिक कारीगरों और उद्यमियों के कौशल को बढ़ावा देने और उनके व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का प्रयास करते हैं। प्रदर्शनी और ट्रेड फेयर में विभिन्न प्रकार के उत्पाद जैसे हस्तशिल्प, आभूषण, कपड़े, फर्नीचर, और अन्य पारंपरिक शिल्पकला का प्रदर्शन किया गया।

अधिकारियों और विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति

समापन समारोह के दौरान वी0के0 वर्मा, संयुक्त निदेशक, एमएसएमई-विकास कार्यालय, कानपुर ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य कारीगरों और छोटे उद्यमियों को आवश्यक संसाधन, प्रशिक्षण, और वित्तीय सहायता प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है। उन्होंने सभी लाभार्थियों से कहा कि वे किसी भी प्रकार की कठिनाई या समस्या के समाधान के लिए एमएसएमई-विकास कार्यालय से संपर्क करें।

कुँवर शशांक, प्रांतीय अध्यक्ष, दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, उत्तर प्रदेश ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने पीएम विश्वकर्मा कारीगरों का उत्साहवर्धन किया और उनके उत्पादों को सरकारी और बड़ी इकाइयों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन न केवल कारीगरों के उत्पादों को अधिक व्यापक दर्शक वर्ग तक पहुंचाते हैं, बल्कि उन्हें अपने व्यवसाय के विस्तार के लिए नए अवसर भी प्रदान करते हैं।

मुख्य अतिथि नीलिमा कटियार, विधायक, कल्याणपुर विधानसभा, कानपुर ने प्रदर्शनी में उपस्थित कारीगरों के उत्पादों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के माध्यम से पारंपरिक कारीगरों और छोटे उद्यमियों के हुनर को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का कार्य किया है। उन्होंने कारीगरों को यह प्रेरणा दी कि वे इस योजना के तहत प्रदान की जाने वाली सुविधाओं जैसे प्रशिक्षण, प्रोत्साहन, और ऋण का पूरा लाभ उठाएं और अपने व्यवसाय को और आगे बढ़ाएं। उन्होंने इस अवसर पर कारीगरों को प्रमाणपत्र भी प्रदान किए, जो उनकी कड़ी मेहनत और कौशल का सम्मान था।

सहयोग और सहभागिता

इस कार्यक्रम में एफ.एफ.डी.सी. कानपुर की सहायक निदेशक डॉ. भक्ति विजय शुक्ला, भारतीय रिजर्व बैंक के सहायक महाप्रबंधक प्रहलाद कुमार, ज्वैलरी एसोसिएशन, कानपुर के अध्यक्ष मुकुल वर्मा और एमएसएमई-विकास कार्यालय के अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित थे। इन अधिकारियों ने भी प्रदर्शनी के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और लाभार्थियों को अपने उत्पादों और सेवाओं के प्रदर्शन में मार्गदर्शन प्रदान किया।

डॉ. भक्ति विजय शुक्ला ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और छोटे उद्यमियों को दी जाने वाली प्रशिक्षण सुविधाएं उन्हें आधुनिक तकनीकों और नए व्यापारिक दृष्टिकोण से परिचित कराती हैं, जिससे वे बाजार की बदलती आवश्यकताओं के अनुसार अपने उत्पादों में सुधार कर सकते हैं।

प्रहलाद कुमार, सहायक महाप्रबंधक, भारतीय रिजर्व बैंक ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता कारीगरों और उद्यमियों को अपनी व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुसार ऋण और अन्य वित्तीय संसाधनों का उपयोग करने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन कारीगरों को अपने व्यवसाय को मजबूत बनाने और उन्हें वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करते हैं।

प्रदर्शनी का महत्व और भविष्य की संभावनाएं

इस राज्य स्तरीय प्रदर्शनी और ट्रेड फेयर का आयोजन न केवल कारीगरों और छोटे उद्यमियों के लिए एक बड़ा मंच प्रदान करता है, बल्कि यह उनके व्यवसाय के लिए नए संभावित ग्राहकों और बाजारों तक पहुंचने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत इस प्रकार के आयोजन एमएसएमई सेक्टर को सशक्त बनाने और देश की अर्थव्यवस्था में इसके योगदान को बढ़ाने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं। विधायक नीलिमा कटियार ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार ने कारीगरों और उद्यमियों के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों को न केवल प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता दी जा रही है, बल्कि उन्हें अपने उत्पादों को अधिक व्यापक बाजार तक पहुंचाने के लिए भी हर संभव सहायता दी जा रही है।

इस प्रकार के आयोजन सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य की प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि ये छोटे और मध्यम उद्यमों को सशक्त बनाकर देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करते हैं। प्रदर्शनी और ट्रेड फेयर में भाग लेने वाले कारीगरों ने भी इस अवसर पर अपने अनुभव साझा किए और कहा कि इस प्रकार के आयोजन उन्हें न केवल अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने का मंच प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें अपने व्यवसाय के विस्तार के लिए नई संभावनाएं भी दिखाते हैं। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत इस प्रकार के आयोजन भविष्य में भी जारी रहेंगे, ताकि कारीगरों और छोटे उद्यमियों को अपने उत्पादों और सेवाओं को बढ़ावा देने के और अधिक अवसर मिल सकें। एमएसएमई-विकास कार्यालय, कानपुर की यह पहल निश्चित रूप से प्रदेश के कारीगरों और उद्यमियों के लिए एक प्रेरणादायक कदम है, जो उन्हें अपनी व्यावसायिक यात्रा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। तीन दिवसीय राज्य स्तरीय प्रदर्शनी और ट्रेड फेयर का समापन इस संदेश के साथ हुआ कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और छोटे उद्यमियों के विकास के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस प्रकार के आयोजन न केवल उन्हें अपने उत्पादों के प्रदर्शन का अवसर देते हैं, बल्कि उन्हें अपने व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए आवश्यक संसाधन और समर्थन भी प्रदान करते हैं। आने वाले समय में इस प्रकार के और भी आयोजन किए जाएंगे, जिससे कारीगरों और उद्यमियों को अपने हुनर और उत्पादों को बढ़ावा देने का और अधिक अवसर मिलेगा। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और छोटे उद्यमियों को सशक्त बनाने की दिशा में यह एक और महत्वपूर्ण कदम है, जो उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में सहायक सिद्ध होगा।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना और एमएसएमई सेक्टर को समर्थन देने के इस प्रयास ने प्रदर्शनी के प्रतिभागियों और आगंतुकों को एक साथ लाकर, कौशल और उद्यमिता के क्षेत्र में एक नई दिशा दिखाई है। इस प्रकार के आयोजन से पारंपरिक कारीगरों को सशक्त बनाने और देश की अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को बढ़ाने के सरकार के प्रयास को और मजबूती मिली है।

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