
- पीजीटीआई नेक्स्टजेन गोल्फ टूर्नामेंट 2025 का लखनऊ गोल्फ क्लब में हुआ सफल आयोजन।
- डॉ. राजेश्वर सिंह ने ₹100 करोड़ का स्पोर्ट्स प्रमोशन कॉर्पस बनाने का विज़न साझा किया।
- भारत की स्पोर्ट्स इकॉनमी 2030 तक $130 अरब तक पहुँचने की संभावना।
- गोल्फ को उम्मीद, धैर्य और अनुशासन का खेल बताते हुए युवाओं को इससे जोड़ने की अपील।
- लखनऊ को आने वाले वर्षों में राष्ट्रीय गोल्फ हब बनाने का संकल्प।

लखनऊ : ऐतिहासिक लखनऊ गोल्फ क्लब ने रविवार को एक अनोखा नज़ारा देखा जब पीजीटीआई नेक्स्टजेन गोल्फ टूर्नामेंट 2025 का सफल समापन हुआ। इस अवसर पर सरोजनीनगर विधायक और लखनऊ गोल्फ क्लब के वरिष्ठ सदस्य डॉ. राजेश्वर सिंह मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे।

उन्होंने अपने बड़े भाई रामेश्वर सिंह के साथ विजेताओं को सम्मानित किया और इस आयोजन को लखनऊ की खेल संस्कृति का गौरवशाली अध्याय बताया।
भारत की स्पोर्ट्स इकॉनमी: अवसरों का नया युग

डॉ. सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आज खेल केवल मनोरंजन या प्रतियोगिता का साधन नहीं हैं, बल्कि ये सामाजिक-सांस्कृतिक संवाद, अंतरराष्ट्रीय पहचान और आर्थिक प्रगति के वाहक बन चुके हैं। उन्होंने बताया कि भारत की खेल अर्थव्यवस्था वर्तमान में 52 अरब डॉलर की है, जो 2030 तक बढ़कर 130 अरब डॉलर तक पहुँच जाएगी। यह वृद्धि सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे करोड़ों युवाओं को रोजगार और व्यवसायिक अवसर प्राप्त होंगे।
उन्होंने विशेष रूप से कहा कि क्रिकेट की तरह अब गोल्फ, फुटबॉल, बैडमिंटन और ई-स्पोर्ट्स भी भारतीय स्पोर्ट्स इकॉनमी का अहम हिस्सा बनेंगे। गोल्फ, जो अब तक अपेक्षाकृत अभिजात्य वर्ग तक सीमित माना जाता था, अब कॉर्पोरेट, प्रायोजन और युवा निवेश की वजह से तेजी से उभर रहा है।
लखनऊ गोल्फ क्लब का भविष्य: “हेरिटेज मीट्स द फ्यूचर”
डॉ. राजेश्वर सिंह ने लखनऊ गोल्फ क्लब के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप प्रस्तुत करते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में क्लब को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्फ की पहचान दिलाना उनका संकल्प है। इसके लिए उन्होंने ₹100 करोड़ के स्पोर्ट्स प्रमोशन कॉर्पस का प्रस्ताव रखा, जो न केवल अधोसंरचना (infrastructure) विकास बल्कि खिलाड़ियों के प्रशिक्षण और कोचिंग पर भी खर्च किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि “हेरिटेज मीट्स द फ्यूचर” सिर्फ एक स्लोगन नहीं, बल्कि यह विज़न है कि किस तरह परंपरा और आधुनिकता को जोड़कर लखनऊ गोल्फ क्लब को भारत का अग्रणी गोल्फ हब बनाया जा सकता है। इस विज़न में सदस्यता का विस्तार, बड़े स्तर पर प्रायोजन (sponsorships) और युवाओं को गोल्फ से जोड़ना प्रमुख आधार होंगे।
गोल्फ: उम्मीद, धैर्य और अनुशासन का खेल
डॉ. सिंह ने गोल्फ को जीवन का दर्पण बताया। उन्होंने कहा कि “गोल्फ उम्मीद का खेल है। हर स्विंग हमें धैर्य, अनुशासन और ध्यान का महत्व सिखाता है। यह खेल हमें यह भी बताता है कि पिछले शॉट को बदला नहीं जा सकता और अगले शॉट का अनुमान नहीं लगाया जा सकता। हमें वर्तमान पर ही ध्यान केंद्रित करना होता है—यही जीवन की सफलता का मूल मंत्र है।”
उन्होंने यह भी कहा कि गोल्फ केवल शारीरिक खेल नहीं बल्कि मानसिक मजबूती का भी प्रतीक है। यह खिलाड़ियों को आत्मनियंत्रण, धैर्य और दीर्घकालिक सोच सिखाता है। यही गुण जीवन और राजनीति दोनों में सफलता की कुंजी साबित होते हैं।
लखनऊ की गौरवशाली परंपरा और व्यक्तिगत जुड़ाव
डॉ. राजेश्वर सिंह ने लखनऊ गोल्फ क्लब की ऐतिहासिक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि यह संस्थान वर्षों से राजधानी की खेल भावना को नई ऊँचाइयाँ देता रहा है। ब्रिटिश काल से लेकर आज तक लखनऊ गोल्फ क्लब खेल और संस्कृति का प्रतीक बना हुआ है।
उन्होंने बताया कि वे स्वयं 2007 से इस क्लब के सदस्य हैं और हमेशा उनकी यही इच्छा रही है कि यह क्लब राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाए। डॉ. सिंह ने कहा कि लखनऊ की खेल संस्कृति का यह धरोहर न केवल शहर बल्कि पूरे प्रदेश को गर्व महसूस कराता है।
आयोजकों और सहयोगियों का सम्मान
टूर्नामेंट के दौरान डॉ. सिंह ने विशेष रूप से आयोजकों और सहयोगियों की सराहना की। उन्होंने सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी श्री सुबाष चंद्र का नाम लेते हुए कहा कि उनके साथ उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा के दौरान कार्य करने का अनुभव रहा है और आज उन्हें इस आयोजन का हिस्सा बनते देखना सुखद है।
इसके अलावा उन्होंने कैप्टन आर.एस. नंदा, सचिव रजनीश सेठी, संयुक्त सचिव सह कोषाध्यक्ष संजीव अग्रवाल तथा पीजीटीआई सीईओ अमनदीप जोहल को धन्यवाद दिया और कहा कि उनकी दूरदृष्टि और मेहनत के कारण ही इस तरह का भव्य आयोजन संभव हो पाया है।
लखनऊ को राष्ट्रीय गोल्फ हब बनाने का संकल्प
अपने संबोधन के अंत में डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि आने वाले समय में लखनऊ न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के खेल मानचित्र पर एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि लखनऊ गोल्फ क्लब आने वाले वर्षों में देश के उन चुनिंदा स्थलों में शामिल होगा जो अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों की मेजबानी करेंगे।
डॉ. सिंह ने संकल्प व्यक्त किया कि अगले पांच वर्षों में लखनऊ गोल्फ क्लब को राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बनाया जाएगा और यहाँ से भारत को कई नए गोल्फ चैंपियन मिलेंगे। पीजीटीआई नेक्स्टजेन 2025 का सफल आयोजन न केवल खेल की उत्कृष्टता का प्रमाण है बल्कि यह लखनऊ की बढ़ती खेल संस्कृति का भी प्रतीक है। डॉ. राजेश्वर सिंह का विज़न और उनका समर्पण इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में लखनऊ गोल्फ क्लब भारत की स्पोर्ट्स इकॉनमी में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बनेगा।