
- एआई चैटबॉट से तीर्थयात्रियों को 11 भाषाओं में त्वरित सहायता।
- 22 क्षेत्रीय और 19 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में डॉक्टर-मरीज संवाद।
- साइबर थाना एआई और डार्क वेब खतरों से बचाव में सक्षम।
- 2750 सीसीटीवी और टीथर्ड ड्रोन से मेले की सतर्क निगरानी।
- गूगल नेविगेशन के जरिए पार्किंग और ठहरने की जानकारी।
महाकुम्भनगर/ प्रयागराज, 13 दिसंबर 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महाकुम्भ 2025 में डिजिटल तकनीकों का व्यापक उपयोग करके इसे दुनिया का सबसे अत्याधुनिक सांस्कृतिक समागम बनाया गया है। महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए अत्याधुनिक डिजिटल तकनीकों का समावेश किया गया है। एआई आधारित कैमरे, चैटबॉट, साइबर थाना और गूगल नेविगेशन जैसे तकनीकी साधनों ने इस आयोजन को विशेष बना दिया है।
डिजिटल सुविधा: एआई चैटबॉट से आसान नेविगेशन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 भाषाओं में सेवा प्रदान करने वाले एआई आधारित चैटबॉट का शुभारंभ किया, जो श्रद्धालुओं को पार्किंग, नेविगेशन, और ठहरने से जुड़ी जानकारी चंद सेकंड में उपलब्ध कराएगा। यह चैटबॉट सीएम योगी के विकास और विरासत के विजन का जीवंत उदाहरण है। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह तकनीक सुविधाजनक साबित होगी, जिससे उनका अनुभव सहज और यादगार बनेगा।
डिजिटल स्वास्थ्य: भाषा का बैरियर खत्म
महाकुम्भ में पहली बार हाईटेक एआई मैसेजिंग फ्लो सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है। यह तकनीक डॉक्टर और मरीजों के बीच संवाद स्थापित करने में सहायक होगी। अस्थाई अस्पतालों में डॉक्टरों को मरीजों की स्थिति को 22 भारतीय और 19 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में समझने की सुविधा दी गई है। यह नवाचार इंटेंसिव केयर के मामलों में भी मददगार साबित होगा, जिससे श्रद्धालुओं को सर्वोत्तम चिकित्सा सेवाएं मिल सकेंगी।
डिजिटल सुरक्षा: एआई आधारित साइबर थाना
श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एआई सक्षम साइबर थाना स्थापित किया गया है। यह थाना डार्क वेबसाइट, सोशल मीडिया स्कैम और ठगों के फर्जी लिंक जैसे खतरों से बचाने में सक्षम है। 2750 सीसीटीवी कैमरों और अत्याधुनिक टीथर्ड ड्रोन के माध्यम से मेले की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। विशेषज्ञों की टीम ने फील्ड में तैनात होकर ऑनलाइन और फिजिकल सुरक्षा को मजबूत किया है।
डिजिटल निगरानी: हर कोने पर नजर
महाकुम्भ क्षेत्र में आई-ट्रिपल-सी सेंटर के माध्यम से निगरानी की जा रही है। सुरक्षा के साथ-साथ मेले के सुचारु प्रबंधन के लिए डिजिटल उपकरणों का अत्यधिक उपयोग किया गया है।