नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सोमवार को देशभर में हुए प्रदर्शनों और उसमें हुई हिंसा पर गहरा दुख जताते हुए बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि जेन-जी (Gen-Z) पीढ़ी के आह्वान पर हुए विरोध के दौरान हुई दुखद घटनाओं से वह बेहद व्यथित हैं। उनका कहना था कि सरकार को विश्वास था कि युवा अपनी मांगें शांतिपूर्ण तरीके से रखेंगे, लेकिन कुछ स्वार्थी तत्वों की वजह से हालात बिगड़ गए और निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जो अत्यंत दुखद है।
सोशल मीडिया बैन पर सरकार का रुख
प्रधानमंत्री ओली ने साफ किया कि सरकार सोशल मीडिया पर स्थायी रोक लगाने के पक्ष में नहीं है और इसके उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक माहौल तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लगातार प्रदर्शन करने की आवश्यकता नहीं थी और अब स्थिति को और आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा।
हिंसा की जांच होगी
ओली ने भरोसा दिलाया कि इस घटना की पूरी जांच की जाएगी। उन्होंने घोषणा की कि एक जांच समिति गठित की जाएगी, जो घटनाओं की समीक्षा करेगी और 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। साथ ही भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव भी देगी।
युवाओं से अपील
प्रधानमंत्री ने युवाओं और नागरिकों से शांति बनाए रखने और हिंसा से दूर रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार जनता की आवाज सुनने और उनकी समस्याओं का समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध है।