
- 8 दिसंबर से शुरू होगा पल्स पोलियो अभियान, 5,68,511 बच्चों को पिलाई जाएगी दवा।
- पड़ोसी देशों में बढ़ते पोलियो मामलों के कारण वाराणसी में सतर्कता बढ़ाई गई।
- 1813 बूथ और 1265 घर-घर जाने वाली टीमों के माध्यम से होगा टीकाकरण।
- बूथ दिवस पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा होगा उद्घाटन, आंगनबाड़ी केंद्र भी खुलेंगे।
- 16 दिसंबर तक सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी बच्चा दवा से वंचित न रहे।
वाराणसी, 05 दिसम्बर 2024: जिलाधिकारी एस. राजलिंगम की अध्यक्षता में गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई। बैठक में पल्स पोलियो अभियान के सफल संचालन की रणनीति पर चर्चा की गई। वाराणसी में 8 दिसंबर से शुरू होने वाले इस विशेष अभियान का लक्ष्य 5 वर्ष तक के 5,68,511 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाना है।
जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मियों को निर्देशित किया कि अभियान के दौरान लक्ष्य समूह के सभी बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स अवश्य पिलाई जाए। उन्होंने इस कार्य में शिथिलता न बरतने की हिदायत देते हुए कहा कि सभी कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाए और बीमार या प्रतिरोधी परिवारों के बच्चों को चिन्हित कर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
पड़ोसी देशों में बढ़ते पोलियो केसों से सतर्कता जरूरी
जिलाधिकारी ने बताया कि इस अभियान की महत्ता इसलिए और बढ़ जाती है क्योंकि पड़ोसी देश पाकिस्तान में इस वर्ष 541 और अफगानिस्तान में 106 पोलियो के मामले सामने आए हैं। वाराणसी, जो एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, में अधिक आवागमन होने के कारण इस बीमारी के प्रसार की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने जनसमुदाय से अपील की कि वे अपने 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की खुराक अवश्य दिलाएं।
बूथ दिवस का महत्व और व्यवस्थाएं
मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) हिमांशु नागपाल ने कहा कि 8 दिसंबर को बूथ दिवस के अवसर पर सभी आंगनबाड़ी केंद्र और विद्यालय खोले जाएंगे। बच्चों को बूथ तक लाने के लिए बुलावा टोली बनाई जाएगी, ताकि अधिक से अधिक बच्चों को इसी दिन प्रतिरक्षित किया जा सके। इस दिन बूथों का उद्घाटन स्थानीय जनप्रतिनिधियों से कराया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि 6 दिन तक चलने वाले इस अभियान में 1813 बूथों के माध्यम से बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी। इसके अलावा, 1265 घर-घर जाने वाली टीमें और 36 ट्रांजिट टीमें बनाई गई हैं। बूथ दिवस के बाद, 9 दिसंबर से घर-घर जाकर बच्चों को दवा पिलाने का काम शुरू किया जाएगा। 16 दिसंबर तक यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी बच्चा दवा पीने से वंचित न रह जाए।
बैठक में विशेषज्ञों और अधिकारियों की उपस्थिति
बैठक का संचालन जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं डब्ल्यूएचओ एसएमओ डॉ. चेल्सिया ने किया। इस दौरान डब्ल्यूएचओ के एसआरटीएल डॉ. देवाशीष मजूमदार, यूनिसेफ के आरसी प्रदीप विश्वकर्मा, डॉ. एसएस कनौजिया, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, खंड विकास अधिकारी और कई अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने अभियान को सफल बनाने के लिए अपनी तैयारियों की जानकारी साझा की।