
लखनऊ, 28 सितंबर 2024: उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने नहरों की सिल्ट सफाई को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को चेतावनी दी है कि सिल्ट सफाई के कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह निर्देश उन्होंने सिंचाई और जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंताओं के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में नहरों की सिल्ट सफाई के गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। मंत्री ने कार्यों का भौतिक सत्यापन, जियो टैगिंग, ड्रोन वीडियोग्राफी और सिल्ट के उचित डिस्पोजल की अनिवार्यता पर भी विशेष ध्यान देने को कहा।
सिल्ट सफाई में गुणवत्ता और पारदर्शिता जरूरी: जलशक्ति मंत्री

बैठक के दौरान जलशक्ति मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सिल्ट सफाई के सभी कार्य विभागीय मापदंडों के अनुसार किए जाएं और इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता पर संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि नहरों की सिल्ट सफाई में शिथिलता या लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जलशक्ति मंत्री ने जोर देकर कहा कि नहरों की सिल्ट सफाई का कार्य शुरू करने से पहले, कार्य के दौरान और कार्य समाप्ति के बाद फोटोग्राफी अनिवार्य रूप से की जाए और इसकी जियो टैगिंग भी कराई जाए। इसके साथ ही, ड्रोन से वीडियोग्राफी कराई जाए ताकि कार्य की शुरुआत और अंत की स्थिति साफ तौर पर प्रदर्शित हो सके। इस प्रक्रिया से कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोका जा सकेगा।
ड्रोन वीडियोग्राफी और जियो टैगिंग से काम की निगरानी

स्वतंत्र देव सिंह ने बैठक में यह भी कहा कि नहरों की सिल्ट सफाई के दौरान ड्रोन से वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य होगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वीडियोग्राफी में कार्य की शुरुआत और कार्य के बाद की स्थिति दोनों स्पष्ट रूप से दिखाई दें। इसके साथ ही, नहरों की स्थिति का रिकॉर्ड रखा जाएगा ताकि भविष्य में इसका उपयोग जांच और सत्यापन के लिए किया जा सके।
उन्होंने निर्देश दिए कि नहरों से निकाली गई सिल्ट का उचित ढंग से डिस्पोजल किया जाए। सिल्ट को नहर के आंतरिक भाग में न छोड़ा जाए, और इसका उचित निस्तारण सुनिश्चित हो। मंत्री ने स्पष्ट किया कि सिल्ट के निपटान की जिम्मेदारी अवर अभियंता और सहायक अभियंता की होगी। वे व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करेंगे कि सिल्ट का सही ढंग से निपटान किया गया हो।
सिल्ट सफाई के लिए ठोस कदम: डिस्पोजल और सत्यापन पर विशेष जोर

जलशक्ति मंत्री ने यह भी कहा कि सिल्ट सफाई के बाद नहरों के हेड और टेल का फोटोग्राफ लेकर रिकॉर्ड में रखा जाए। इससे यह पता चलेगा कि सफाई का अंतिम परिणाम क्या है। इसके अलावा, नहरों के सिल्ट सफाई की सूची भी तैयार की जाएगी जिसमें जनपद, विकासखंड और विधानसभा क्षेत्र का नाम दर्ज होगा। इस सूची में नहर के आंतरिक भाग में की जाने वाली सिल्ट सफाई की लंबाई और स्क्रैपिंग की जानकारी दी जाएगी।
सफाई के दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नहर का संरेखण और घुमाव सही बना रहे। पुलों के नीचे जमा सिल्ट को विशेष ध्यान देकर साफ किया जाएगा, ताकि पानी का प्रवाह बाधित न हो।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि नहरों से निकाली गई सिल्ट का संतोषजनक डिस्पोजल सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए अल्पिकाओं (छोटी नहरें) के लिए अवर अभियंता और राजवाहों (बड़ी नहरें) के लिए सहायक अभियंता उत्तरदायी होंगे। वे प्रत्येक माइनर या राजवाहा की जांच कर यह सुनिश्चित करेंगे कि सिल्ट का सही निपटान किया गया है और इसके प्रमाण के रूप में एक सर्टिफिकेट भी देंगे।
सिल्ट सफाई में तकनीकी साधनों का उपयोग: ड्रोन और जियो टैगिंग अनिवार्य
बैठक में मंत्री ने निर्देश दिए कि सिल्ट सफाई के कार्य की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इसे जियो टैगिंग और ड्रोन वीडियोग्राफी के माध्यम से मॉनिटर किया जाए। उन्होंने कहा कि कार्य स्थल की फोटोग्राफी में नहर का नाम, जनपद का नाम और स्थान के अक्षांश और देशांतर भी दर्ज होना चाहिए। इसके साथ ही, नहरों की सिल्ट सफाई के कार्यों का अभिलेखीकरण भी समुचित रूप से किया जाए।
मंत्री ने यह भी कहा कि नहरों की सिल्ट सफाई और स्क्रैपिंग के लिए एक सूची तैयार की जाए जिसमें नहर के नाम, जनपद, विकासखंड और विधानसभा क्षेत्र की जानकारी के साथ सफाई की लंबाई भी दी जाए। नहर के हेड पर या किसी प्रमुख स्थान पर एक बोर्ड लगाया जाएगा, जिसमें खंड का नाम, नहर का नाम, सफाई की लागत, सहायक अभियंता, अवर अभियंता और ठेकेदार का नाम और मोबाइल नंबर अंकित किया जाएगा। इससे स्थानीय लोगों को भी जानकारी मिल सकेगी और काम की पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
समीक्षा बैठक में मुख्य अभियंताओं की मौजूदगी
समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, अनिल गर्ग, प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष अखिलेश सचान, प्रमुख अभियंता परिकल्प एवं नियोजन संदीप कुमार सहित कई मुख्य अभियंता और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। सभी अधिकारियों ने सिल्ट सफाई कार्यों की समीक्षा की और इस दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे नियमित रूप से नहरों का निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि सिल्ट सफाई के कार्य निर्धारित मापदंडों के अनुसार हो रहे हैं। किसी भी प्रकार की अनियमितता या लापरवाही पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
नहरों की सफाई का प्रभाव: किसानों को मिलेगा फायदा
नहरों की सिल्ट सफाई से सबसे अधिक लाभ किसानों को मिलेगा, क्योंकि इससे नहरों में जल प्रवाह सुचारू रहेगा और सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता बढ़ेगी। नहरों में सिल्ट जमा होने से जल प्रवाह धीमा हो जाता है, जिससे खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाता। सिल्ट सफाई से यह समस्या दूर होगी और किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा मिलेगी।
इसके अलावा, नहरों की सिल्ट सफाई से बाढ़ और जलजमाव की समस्याओं को भी रोका जा सकेगा। नहरों में जमा सिल्ट के कारण जल प्रवाह बाधित होता है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है। सिल्ट सफाई से यह खतरा कम होगा और जलस्रोतों का समुचित उपयोग हो सकेगा।
सिल्ट सफाई का काम पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से होना चाहिए: स्वतंत्र देव सिंह
जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने स्पष्ट किया कि सिल्ट सफाई का काम पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से होना चाहिए। सभी कार्य निर्धारित मापदंडों के अनुसार पूरे किए जाएं और इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे समय-समय पर कार्यों का निरीक्षण करें और सुनिश्चित करें कि नहरों की सफाई ठीक प्रकार से हो रही है।
अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे नहरों की सफाई के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग करें और कार्यों का पूर्ण रिकॉर्ड रखें। इससे भविष्य में किसी भी जांच या सत्यापन के दौरान आवश्यक साक्ष्य उपलब्ध होंगे और पारदर्शिता बनी रहेगी।