
- सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने सीएम योगी को विधानसभा-वार लाभार्थी बैठकें आयोजित करने का सुझाव दिया।
- पत्र में पीएम स्वनिधि, मुख्यमंत्री आवास, कन्या सुमंगला और पेंशन योजनाओं जैसी योजनाओं का विशेष उल्लेख किया गया।
- प्रस्ताव के अनुसार, प्रभारी मंत्री बैठक की अध्यक्षता करें और मुख्यमंत्री का संदेश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पहुँचाया जाए।
- लाभार्थियों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याओं का मौके पर समाधान सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।
- डॉ. सिंह का मानना है कि यह पहल पारदर्शिता और सुशासन को मजबूत कर उत्तर प्रदेश को आदर्श मॉडल बना सकती है।
लखनऊ: सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक विस्तृत पत्र लिखकर विधानसभा-वार लाभार्थी बैठकें आयोजित करने का सुझाव दिया है। इस प्रस्ताव का उद्देश्य है कि राज्य और केंद्र सरकार की लोककल्याणकारी योजनाएँ केवल कागज़ों और घोषणाओं तक सीमित न रहें, बल्कि उनकी समीक्षा सीधे लाभार्थियों की मौजूदगी में की जाए।
डॉ. सिंह का मानना है कि यदि योजनाओं की सफलता और पारदर्शिता सुनिश्चित करनी है तो जनता और प्रशासन के बीच सीधा संवाद ही सबसे सशक्त माध्यम बन सकता है।
योजनाओं की अहमियत और जनता तक पहुँच
पत्र में डॉ. सिंह ने विशेष रूप से उन योजनाओं का उल्लेख किया है जो समाज के सबसे कमजोर तबकों के जीवन में बदलाव ला रही हैं।
- प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना,
- मुख्यमंत्री आवास योजना,
- कन्या सुमंगला योजना,
- विभिन्न छात्रवृत्तियाँ,
- वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांग पेंशन योजनाएँ।
उन्होंने कहा कि ये योजनाएँ गरीबों, किसानों, महिलाओं, छात्रों और वंचित वर्गों तक सीधा लाभ पहुँचा रही हैं। लेकिन असली चुनौती है कि लाभ समय पर और पारदर्शी तरीके से पहुँचे तथा समस्याओं का त्वरित समाधान भी हो।
पत्र में दिए गए मुख्य सुझाव
डॉ. सिंह ने अपने पत्र में तीन प्रमुख सुझाव रखे हैं, जिनका सार इस प्रकार है:
- विधानसभा-वार लाभार्थी बैठकें:
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में लाभार्थी बैठकें आयोजित की जाएँ। इनमें जिला और ब्लॉक स्तर के अधिकारी भी शामिल हों ताकि प्रशासनिक जवाबदेही सीधे तौर पर स्थापित हो। - प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता और मुख्यमंत्री का संदेश:
इन बैठकों की अध्यक्षता विधानसभा प्रभारी मंत्री करें। साथ ही, मुख्यमंत्री का उद्बोधन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या प्री-रिकॉर्डेड संदेश के माध्यम से सभी लाभार्थियों तक पहुँचे। इससे योजनाओं पर सरकार की गंभीरता और प्रतिबद्धता साफ झलकेगी। - सीधा संवाद और त्वरित समाधान:
लाभार्थियों से सीधा संवाद किया जाए, उनकी समस्याएँ मौके पर सुनी जाएँ और यथासंभव तत्काल समाधान सुनिश्चित हो। इससे लोगों को प्रशासन के प्रति भरोसा और संतोष दोनों मिलेगा।
जनता और प्रशासन के बीच विश्वास का पुल
डॉ. राजेश्वर सिंह ने स्पष्ट किया है कि यह पहल केवल औपचारिकता नहीं होगी, बल्कि जनता और प्रशासन के बीच विश्वास का सेतु बनेगी।
उनका मानना है कि जब लाभार्थी सीधे अपनी बात शासन-प्रशासन के सामने रखेंगे और तत्काल समाधान पाएँगे, तो योजनाओं की पारदर्शिता,