
- स्मार्ट क्लास हर स्कूल का अधिकार – डॉ. राजेश्वर सिंह ने सरोजनीनगर के विद्यालयों को दिया खुला आमंत्रण
- डिजिटल समावेशन की दिशा में बढ़ते कदम : डॉ. राजेश्वर सिंह ने की 33वीं स्मार्ट क्लास की स्थापना
- सरोजनीनगर के हर विद्यालय में स्थापित हो स्मार्ट क्लास” -डॉ. राजेश्वर सिंह की ऐतिहासिक पहल

पीलीभीत / लखनऊ। एनवायरमेंट वारियर्स संस्था के तत्वाधान में मंगलवार को पिलीभीत टाइगर रिज़र्व क्षेत्र में स्थित प्राथमिक विद्यालय हुसैननगर, अमरिया में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एनवायरमेंट वारियर्स अभियान के आठवें चरण के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह उपस्थित रहे। डॉ. सिंह ने विद्यालय में स्थापित स्मार्ट क्लास रूम का लोकार्पण किया। इस लोकार्पण के साथ ही, युवा पीढ़ी को डिजिटल संसाधनों से जोड़ने की दिशा में विधायक द्वारा अब तक विभिन्न विद्यालयों में कुल 33 स्मार्ट क्लास रूम स्थापित किए जा चुके हैं।
एक Smart Class बदल सकती है पूरी पीढ़ी की दिशा :

प्राकृतिक परिवेश में आयोजित इस कार्यक्रम ने शिक्षा एवं तकनीक के संगम का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया। ग्रामीण बच्चों, अभिभावकों और स्थानीय नागरिकों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को उत्साहपूर्ण बना दिया। संबोधन के दौरान डॉ. सिंह ने कहा कि, कभी-कभी एक कक्षा, एक स्क्रीन और एक शिक्षक की दूरदर्शी सोच पूरी पीढ़ी की दिशा बदल देती है। स्मार्ट क्लास केवल एक प्रोजेक्टर या कंप्यूटर नहीं है, बल्कि बच्चों की कल्पनाशीलता, जिज्ञासा और क्षमता को खोलने वाला द्वार है, जहाँ पहले ज्ञान एक ब्लैकबोर्ड तक सीमित था, वहीं आज बच्चे NASA के प्रयोग देख सकते हैं, IIT–Oxford के प्रोफेसरों से सीख सकते हैं और गाँव की कक्षा में बैठकर वैश्विक स्तर की शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।

डॉ. सिंह ने कहा कि स्मार्ट क्लास केवल पढ़ना नहीं सिखाती, यह बच्चों को सोचना, प्रश्न पूछना और स्वयं उत्तर खोजने का साहस देती है। यह कक्षा गरीब–अमीर और गाँव–शहर के बीच की दूरी को समाप्त करती है। “हर स्मार्ट क्लास में छुपा है एक भविष्य का वैज्ञानिक, डॉक्टर, इनोवेटर या नेता; बस ज़रूरत है उस स्क्रीन को जलाने की। जब ज्ञान की स्क्रीन जलती है, तो अंधकार अपने आप मिट जाता है।”

शिक्षा के महत्व पर बोलते हुए उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता के समय देश की साक्षरता दर लगभग 20% थी, जो आज बढ़कर 80% से अधिक हो चुकी है—यह माता-पिता, शिक्षकों और समाज के साझे प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने अभिभावकों से बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजने तथा उनसे प्रतिदिन यह पूछने का आग्रह किया कि उन्होंने आज क्या नया सीखा।
पर्यावरण संरक्षण के संकल्प को दिया बल :
टाइगर रिज़र्व के मध्य हुए इस कार्यक्रम में डॉ. सिंह ने बढ़ते पर्यावरण असंतुलन पर चिंता व्यक्त की और कहा कि वन्यजीव संरक्षण तथा वृक्षारोपण आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा के लिए अनिवार्य हैं। उन्होंने ग्रामीणों से जैव-विविधता की रक्षा तथा पर्यावरण संरक्षण को जीवनशैली का हिस्सा बनाने का आग्रह किया।
कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों को कंबल वितरित किए गए तथा बच्चों को स्टेशनरी सामग्री प्रदान कर उन्हें विद्यालय आने के लिए प्रेरित किया गया।
सरोजनीनगर के हर विद्यालय में स्मार्ट क्लास का लक्ष्य :
डॉ. सिंह ने कहा, मेरा सपना है कि हर विद्यालय डिजिटल संसाधनों से सम्पन्न हो, हर बच्चे को आधुनिक शिक्षा के अवसर मिलें। उन्होंने आगे जोड़ा सरोजनी नगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जो भी विद्यालय स्मार्ट क्लास स्थापित कर बच्चों को आधुनिक शिक्षा देना चाहता है, उसके प्रबंधक/प्राचार्य मेरे कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। गौरतलब है कि 5 नवम्बर को चोखापुरी, पीलीभीत में आयोजित एनवायरमेंट वारियर्स अभियान के सातवें चरण में उपस्थित होकर डॉ. सिंह ने हुसैननगर अमरिया विद्यालय में स्मार्ट क्लास की स्थापना का संकल्प व्यक्त किया था, जो मंगलवार को साकार हुआ और बच्चों के लिए आधुनिक शिक्षा का नया द्वार खुल गया।
कार्यक्रम में विद्यालय के प्राचार्य श्री प्रबल प्रताप सिंह, प्राथमिक विद्यालय चोखापुरी के प्राचार्य श्री मुनीश पाठक, अध्यापिका हेमलता, ऋषिपाल सिंह, मो. अफसर, फराह जाफरी, चंद्रपाल एवं पूर्व ग्राम प्रधान खेमकरण लाल उपस्थित रहे। सभी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि स्मार्ट क्लास ग्रामीण शिक्षा में परिवर्तनकारी भूमिका निभाएगी।


































