
- खनिज विभाग, पुलिस विभाग और परिवहन विभाग पस्त, खनन माफिया मस्त
- बांदा, चित्रकूट और कौशांबी के मोरंग/बालू घाटों में कुछ ऐसा ही मंजर देखने को मिलता है
- अवैध खनन और अवैध खनन परिवहन दोनों जिम्मेदारों की नाक के नीचे चरम पर है लेकिन जिम्मेदार आंख बंद किए हुए बैठे हैं, सिर्फ खानापूर्ति तक सीमित हैं सारे जिम्मेदार
- इन सभी जनपदों में ओवरलोड गाड़ियों को पास करवाने वाले गिरोह भी सक्रिय हैं लेकिन वो भी जिम्मेदारों की नाक के नीचे फल-फूल रहे हैं
लखनऊ: चित्रकूट जनपद में राजापुर तहसील अंतर्गत कई क्षेत्रो में अवैध खनन और अवैध खनन परिवहन दोनों स्थानीय जिम्मेदारों की नाक के नीचे चरम पर है लेकिन जिम्मेदार आंख बंद किए हुए बैठे हैं और उच्चाधिकारियों को ग़लत फ़ीडिंग कर रहे हैं । तहसील स्तर से लेकर जनपद स्तर तक के जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति तक ही सीमित हैं।

अभी हाल ही में चित्रकूट ARTO विवेक शुक्ला का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है जिसमें ड्राइवर उनके मुंह में इंट्री लेने संबंधी आरोप लगा रहा है।
लेकिन शायद जो फोटो अवैध खनन परिवहन का शनिवार को सोशल मीडिया में वायरल हुआ है ये गाडियां इंट्री की रकम देकर ही जनपद में खुलेआम अवैध खनन परिवहन कर रही है और arto साहब एसी केबिन में विश्राम फरमा रहे हैं और हरी पत्ती का आनंद ले रहे हैं। एक युवा पत्रकार से मिली जानकारी में अब तो सुनने में यहाँ तक आ रहा है की उक्त महोदय नई प्राइवेट स्कॉर्पियो में चल रहे हैं। ऐसे अधिकारियों के यहां सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स सारी एजेंसियां एक साथ जानी चाहिए, जिससे इनको इनके किए का अंदाजा हो जाएगा।
वहीं कौशांबी जनपद समेत इन सभी जनपदों में पासर गैंग भी सक्रिय है, जो न सिर्फ अधिकारियों की लोकेशन देता है बल्कि ओवरलोड वाहनों को बिना किसी तकलीफ के एक निश्चित रकम लेकर जनपदों की सीमा पार करवाता है इनका अपना पूरा रैकेट है, अब इस रकम का बंदरबांट कहां तक होता है इसके एविडेंस तो हमारे पास नहीं हैं लेकिन बिना किसी जिम्मेदार की मिलीभगत के यह कार्य इतना आसानी से संभव भी नहीं है। इससे पहले एक बार अभियान चलाया गया था जिसमे इन पासरों के आकाओं तक के दिमाग की बत्ती गुल हो गई थी लेकिन समय बीता और काम फिर से फलने- फूलने लगा ।
प्रदेश के बांदा, चित्रकूट और कौशांबी जनपदों में अवैध खनन व अवैध खनन परिवहन के मामले में चिंता की बातें उठ रही हैं। इन क्षेत्रों में धरती के निचले स्तरों से मानव गतिविधियों के लिए खतरा बन रहा है। अवैध खनन की प्रवृत्ति के कारण, भूमि के अवैध खनन से पर्यावरणीय संतुलन पर भी असर पड़ रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, अवैध खनन की रोकथाम के लिए कठोर कानूनों की आवश्यकता है और उनके पालन का पर्याप्त संवर्धन करना चाहिए। साथ ही, कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ, लोगों को इस प्रयास में शामिल करना चाहिए ताकि अवैध खनन को रोका जा सके।
अवैध खनन के खिलाफ जनजागरूकता को बढ़ावा देने की भी जरूरत है। सामाजिक संगठनों, स्थानीय प्रशासन, और सरकारी अधिकारियों को मिलकर लोगों को जागरूक करना चाहिए कि अवैध खनन के नकारात्मक प्रभाव क्या हो सकते हैं। साथ ही, स्थानीय लोगों को भी इस मुद्दे में सहयोग करना चाहिए ताकि वे स्वयं को संरक्षित रख सकें और अवैध खनन को रोकने में सहायक हो सकें। इस तरह की सामुदायिक भागीदारी और सरकारी संज्ञान का समर्थन, इस समस्या के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।