
- खनन माफिया के ही कौशाम्बी के समदा स्थित वशिष्ठ इंपीरियल होटल में माफिया के गुर्गे अरुण त्रिपाठी आदि ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी
- पत्रकार ने बताया कि मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने और प्रयागराज के जवाहर पंडित हत्याकांड में उम्रकैद की सजा में जमानत पाने के लिए बालू घाट से खुद का नाम अलग करने के लिए की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस
- इतना सब कुछ लिखने-दिखाने के बावजूद घाट में रातों दिन चल रहा अवैध खनन बन्द होने का नाम नहीं ले रहा

कौशाम्बी: जिले के महेवाघाट थानांतर्गत जमुनापुर बालू घाट में प्रयागराज के तिलकनगर, अल्लापुर निवासी पट्टेधारक अरुण कुमार त्रिपाठी पुत्र भोलनाथ त्रिपाठी जो कि जवाहर पंडित हत्याकांड में उम्रकैद की सजा में जेल में बंद पेशेवर माफिया कपिल मुनि करवरिया का गुर्गा है। कौशाम्बी के समदा स्थित खनन माफिया के ही होटल में माफिया के ही गुर्गे पट्टेधारक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निराधार आरोप लगाए हैं।


इस मामले में पत्रकार शिवसागर सिंह ने बताया कि बीती 15 मई 2024 को मेरे द्वारा दैनिक स्वदेश में खबर लिखने के बाद पेशेवर माफिया कपिल मुनि करवरिया के बेटे वैभव करवरिया व उसके गुर्गों ने हमारे पिता जी के माध्यम से हमें देख लेने की धमकी दी थी। जिसके बाद हमने तहरीर दिया था लेकिन उस मामले में इन लोगों के द्वारा गलती मानने पर हमने अपने हस्तलिखित पत्र में किसी भी प्रकार की कार्रवाई न करने के लिए सम्बन्धित जिम्मेदारों को लिख कर दिया था। लेकिन उस पक्ष के लोग सुलह के लिए जो पत्र टाइप करवाकर भेजे थे उसमें हमसे कह रहे थे कि आप यह कह दो कि धमकी ही नहीं दी गई है, इसलिए वो बात मैंने लिखा नहीं और उसके बाद अधिकारियों ने संज्ञान लिया और महेवाघाट थाने में एफआईआर दर्ज कर दी गई। जिसकी विवेचना लंबित है, इसी मामले में सुलह के लिए माफिया तरह तरह के प्रयोग कर रहा है। वरना सभी जानते हैं कि प्रयागराज में जवाहर हत्याकांड जैसी जघन्य वारदात में जेल में बन्द माफिया ब्रदर्स से हम जैसा व्यक्ति रंगदारी वसूलने की कितनी क्षमता रखता है।

अब उस खबर के मामले में बिना किसी तथ्य के हमारे खिलाफ इन लोगों ने जनपद के डीएम व एसपी के यहां शिकायती पत्र दिया है। जिसकी जानकारी हमें पिताजी ने दिया तो हमने उन्हें बताया कि जिम्मेदार अधिकारियों से कहिए कि अपने स्तर से इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच करवा लें और अगर मैं कहीं भी गलत पाया जाता हूं तो मेरे खिलाफ कोई भी कार्रवाई मैं सहर्ष स्वीकार करूंगा लेकिन सिर्फ अवैध खनन करने व कार्रवाई से बचने के लिए इस प्रकार के निराधार आरोप लगाने वालों के खिलाफ पुनः एप्लीकेशन दूंगा और जनपद से लेकर शासन स्तर तक उचित कार्रवाई की मांग करूंगा।
मैं अपने सभी पत्रकार साथियों को यह भी अवगत करवाना चाह रहा हूं कि मेरी खबर को ये लोग मेरे भाई से भी जोड़ रहे हैं जबकि हमारे निजी मामलों के कारण बीते 6-7 महीने से भाई से मैं बात भी नहीं करता हूं।इस बात को मेरे गांव से लेकर पूरा क्षेत्र भी जानता है।मेरा भाई से बात न होने का प्रमाण जिम्मेदारों को मेरे नंबर की सीडीआर रिपोर्ट निकलवाकर भी मिल जाएगा। आपराधिक इतिहास के सम्बन्ध में बताना चाहता हूं कि मेरे भाई के ऊपर छुटपुट मामले जरूर दर्ज हैं लेकिन वर्तमान में उनकी पत्नी ग्राम पंचायत जमुनापुर से ग्राम प्रधान हैं और विकास खंड सरसवा के प्रधान संघ की अध्यक्ष भी हैं, जिनके प्रतिनिधि हमारे भाई ही हैं और एक जनप्रतिनिधि की भूमिका में लोगों के बीच मौजूद रहते हैं। खनन माफिया के लोग अवैध खनन लगातार जारी रखने के लिए ये नए-नए सगूफा छोड़ रहे हैं। ग्राम पंचायत जमुनापुर के स्थानीय लोग भी घाट में पार्टनर हैं जोकि राजनीतिक लाभ के लिए भी तमाम आरोप लगवा रहे हैं। जमुनापुर बालू घाट मामले में पट्टाधारक द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के जवाब में कहना चाहता हूं कि खनन माफिया और विधायक जवाहर पंडित के हत्यारे करवरिया बन्धुओं ने अपने गुर्गे पट्टेधारक से मेरे खिलाफ जहर भले ही उगलवाया हो लेकिन इस पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस को ध्यान से सुनिए और इनके मंसूबों को समझिए, प्रेस कॉन्फ्रेंस का मतलब सिर्फ इतना है कि मेरे और परिवार के ऊपर मनगढ़ंत आरोप लगाए जाएं और करवरिया बन्धुओं का नाम घाट से अलग किया जाए, जिससे जवाहर पंडित हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा में प्रयागराज की नैनी जेल में बंद तीनों भाइयों सूरजभान करवरिया, उदयभान करवरिया और कपिल मुनि करवरिया समेत साथ में बन्द लोगों को जमानत मिल जाए, जिससे ये लोग पुनः जरायम की दुनिया में आकर अपना साम्राज्य स्थापित कर सकें।
जमुनापुर घाट में नहीं बन्द हो रहा रात्रि का अवैध खनन
15 दिन से भी ज्यादा का समय हो गया, कौशाम्बी के महेवाघाट थानाक्षेत्र के जमुनापुर बालू घाट में खुलेआम मानक के विपरीत हो रहे अवैध खनन की खबर स्वदेश में लिखने के बाद लगातार एनजीटी से लेकर जिले के जिम्मेदार घाट तक तो पहुंचे लेकिन कार्यवाही सिर्फ खानापूर्ति तक ही रह गई क्योंकि उल्टा पट्टेधारक खुद ही पत्रकार के ऊपर आरोप भी लगाने लगा लेकिन जिम्मेदारों द्वारा जमुनापुर बालू घाट में खुलेआम रात-दिन हो रहे अवैध खनन को बन्द कराकर घाट संचालक के खिलाफ मामले की एफआईआर दर्ज करवा मामले की हाई लेवल जांच करवाकर कार्यवाही करने की कोशिश नहीं की गई।