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किताबें बौद्धिक विकास के साथ मानसिक स्वास्थ्य लिए भी वरदान हैं- डॉ. राजेश्वर सिंह

  • भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह की अनोखी पहल: 5 आरडब्ल्यूए को प्रदान की लाइब्रेरी, लक्ष्य सभी 104 आरडब्ल्यूए में लाइब्रेरी की स्थापना करना है लक्ष्य
  • उन्होंने बताया कि किताबें आत्मा का दर्पण हैं, 6 मिनट किताब पढ़ने से घट जाता है 68% तक तनाव, बढ़ती है मस्तिष्क की कार्यक्षमता
  • उपलब्धता, संवाद एवं समस्याओं का समाधान के संकल्प के साथ डॉ. राजेश्वर सिंह ने की जनसुनवाई, मेधावी छात्र टैब देकर किया सम्मानित

लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा आरडब्ल्यूए को पुस्तकालय दान करने की पहल के अंतर्गत बुधवार को अपने आशियाना आवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान अपनी विधानसभा क्षेत्र के 5 आरडब्ल्यूए सेलिब्रिटी गार्डन, पैराडाइस क्रिस्टल, सरयू एन्क्लेव, गोमती एन्क्लेव, कृष्णलोक कॉलोनी की रेजिडेंट वेलफेयर सोसाइटीज को लाइब्रेरी की स्थापना के लिए ज्ञान, विज्ञान और अनुसंधान से सम्बंधित पुस्तकें प्रदान कर की।

इस अवसर पर उपस्थित आरडब्लूए सदस्यों को संबोधित करते हुए विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि किताबों जितना वफ़ादार कोई दोस्त नहीं होता, उपहार के रूप में किताब देना आपकी संवेदनशीलता, विचारशीलता और देखभाल के भाव के एक गहरे संकेत के रूप में प्रदर्शित होता है। दुनिया में एकमात्र सच्ची बराबरी किताबें हैं; लाइब्रेरी सभी आने वालों के लिए एकमात्र खुला खजाना है; एकमात्र धन जो नष्ट नहीं होगा वह ज्ञान है; एकमात्र गहना जिसे आप कब्र से परे ले जा सकते हैं वह ज्ञान है। पुस्तकें ज्ञान का भंडार हैं, जो हमें जीवन जीने का तरीका सिखाती हैं। किताबे सबसे शांत और सदाबहार दोस्त हैं; ये सबसे सुलभ और बुद्धिमान काउंसलर हैं, और सबसे धैर्यवान शिक्षक हैं।

विधायक डॉ. सिंह ने कहा कि किताबें पढ़ने का महत्व मुझे तब समझ आया जब मैं सिविल सेवा की तैयारी कर रहा था। मैं हमेशा संदर्भित पुस्तकें पढ़ता हूं और पुस्तकालयों में जाना भी पसंद करता हूँ। पुस्तकालयों की स्थापना के विषय में बात करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि सार्वजानिक पुस्तकालय मायने रखते हैं! 140 करोड़ की आबादी वाले भारत में, एक बड़ी आबादी अपने मौलिक अधिकारों से अनभिज्ञ है और उन्हें हमारे समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास की जानकारी नहीं है। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अनुसार, देश भर में 54,856 सार्वजनिक पुस्तकालय हैं, पुस्तकालय हमारी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने वाली जानकारी, अधिकारों के बारे में ज्ञान और संसाधनों तक पहुंच प्रदान करके इन अंतरालों को पाटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

भारत में प्रिंट मीडिया की ऐतिहासिक भूमिका पर बात करते हुए विधायक ने कहा कि भारत में छपाई लगभग चौथी शताब्दी ईस्वी में बौद्ध धर्मग्रंथों के लिए उपयोग की जाने वाली वुडब्लॉक तकनीक से शुरू हुई, पंजाब केसरी और द हिंदुस्तान टाइम्स जैसे समाचार पत्रों ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1780 में स्थापित बंगाल गजट ने भी इस अवधि के दौरान जनमत को आकार देने और राष्ट्रवादी भावनाओं को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसलिए, एक मजबूत सार्वजनिक पुस्तकालय बुनियादी ढांचा जागरूक और सक्रिय नागरिकों के इस समूह को तैयार करने में काफी मदद कर सकता है।

पुस्तकालय के लाभ पर चर्चा करते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि पुस्तकालयों के माध्यम से बौद्धिक विकास और ज्ञान विस्तार सुनिश्विचित होता है, पुस्तकालय विविध विषयों पर व्यापक ज्ञान प्राप्ति तथा पेशेवरों द्वारा तैयार की गई विश्वसनीय जानकारी लोगों तक पहुंचाने का उत्कृष्ट माध्यम हैं। पुस्तकालय समुदायिक भावना को बढ़ावा देते हैं, पुस्तकलय सामाजिक संपर्क और विचार विनिमय को प्रोत्साहित करते है, आयोजनों और कार्यशालाओं के माध्यम से अपनेपन की भावना पैदा करते है, सभी तक पहुंच प्रदान करके समावेशिता को बढ़ावा देते हैं।

समाज में बढती इंटरनेट और मल्टीमीडिया स्क्रॉलिंग की लत पर चिंता व्यक्त करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि 88 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ताओं और 71% स्मार्टफोन पहुंच दर के साथ, भारतीय प्रतिदिन छह घंटे से अधिक इंटरनेट पर बिताते हैं, जो विश्व स्तर पर सबसे अधिक है। औसत भारतीय हर महीने 24.1 जीबी मोबाइल डेटा का उपभोग करता है, भारतीय अक्सर इंटरनेट एक्सेस के लिए प्रति घंटा डेटा पैक भी खरीदते हैं। लाइब्रेरी अनावश्यक रूप से मोबाइल स्क्रॉल करने के विकल्प के रूप में फुर्सत में पढ़ने को प्रोत्साहित करती है, जानकारियों के ध्यानपूर्वक उपभोग को बढ़ावा देती है।

लाइब्रेरी के कारण स्वास्थ्य लाभ पर चर्चा करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि लाइब्रेरी तनाव को कम करती हैं; छह मिनट तक पढ़ने से तनाव 68% तक कम हो जाता है, संज्ञानात्मक जुड़ाव के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, नए विचारों और जटिल आख्यानों के साथ मस्तिष्क की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है। विधायक ने आगे जोड़ा कि लाइब्रेरी डिवीजन से अधिक ज्ञान को बढ़ावा देती हैं, लाइब्रेरी ज्ञान के लिए पढ़ने को प्रोत्साहित करती हैं, शिक्षा, ज्ञानोदय और सामाजिक बेहतरी के मूल्यों का प्रतिनिधित्व करती है।

इस अवसर पर विधायक डॉ. सिंह ने पढने के लिए कुछ प्रसिद्ध प्रेरणादायक पुस्तकें जिनमें हिंदी की पुस्तकें रामधारी सिंह दिनकर की रश्मिरथी, सुभद्रा कुमारी चौहान की कादम्बिनी और रबीन्द्र नाथ टैगोर की गीतांजलि, अंग्रेजी में डॉ. अब्दुल कलाम की विंग्स ऑफ फायर, रॉबिन शर्मा की द मॉन्क हू सेल्ड हिज फेरारी, पाउलो कोएल्हो की अलकेमिस्ट तथा भगवत गीता और रामायण का उल्लेख किया।

कार्यक्रम के अवसर पर सेलिब्रिटी गार्डन के एक्सिक्यूटिव मेंबर अरुण कुमार, पैराडाइज क्रिस्टल के जनरल सेक्रेटरी अमित तिवारी, एक्जीक्यूटिव मेंबर डीपी सिंह, सरयू एनक्लेव की प्रेसिडेंट मीना सिंह, गोमती एनक्लेव के वाइस प्रेसिडेंट विवेक राय, सेक्रेटरी श्वेता तिवारी, मेंबर संजय पंजाबी तथा कृष्णलोक कॉलोनी के सेक्रेटरी डॉ अजीत कुमार उपस्थित रहे।

सुनीं जनता की समस्याएँ, मेधावी को टैब देकर किया सम्मानित

बुधवार को सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने पराग चौराहा आशियाना स्थित अपने कार्यालय पर बड़ी संख्या में उपस्थित क्षेत्रवासियों की समस्याएँ सुनीं और उनके शीघ्र व प्रभावी समाधान के लिए आश्वस्त किया, इस दौरान सेक्टर H, आशियाना निवासी मेधावी छात्र रवि यादव को टैब प्रदान कर सम्मानित भी किया और नेशनल सेस्टोबॉल प्रतियोगिता में पूरे उत्तर प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त करने वाली अनुकृति सिंह चौहान को भी सम्मानित किया।

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