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कन्नौज का आनंद भवन पैलेस बना यूपी का शाही पर्यटन द्वार: हेरिटेज होमस्टे से जुड़ेगी रोजगार और इत्र की खुशबू

  • कन्नौज के आनंद भवन पैलेस को यूपी का पहला लग्ज़री हेरिटेज होमस्टे लॉन्च किया गया।
  • प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने फीता काटकर किया उद्घाटन
  • पैलेस को इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड के अमा स्टेज एंड ट्रेल्स ब्रांड से जोड़ा गया।
  • छह सुइट कन्नौज की इत्र परंपरा से प्रेरित बनाए गए हैं।
  • मंत्री जयवीर सिंह ने कहा यह पहल पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा देगी।
  • सरकार ने अन्य हेरिटेज संपत्ति मालिकों को भी इस मुहिम में जुड़ने का आमंत्रण दिया।

कन्नौज/लखनऊ : उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने इत्र नगरी कन्नौज के तिर्वा स्थित ऐतिहासिक आनंद भवन पैलेस को राज्य के पहले लक्ज़री हेरिटेज होमस्टे के रूप में लॉन्च कर एक नया इतिहास रच दिया है। यह पहल इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) के अमा स्टेज एंड ट्रेल्स ब्रांड के सहयोग से शुरू की गई है। खास बात यह है कि आनंद भवन पैलेस अब अमा के राष्ट्रीय पोर्टफोलियो में शामिल 150वां विरासत बंगला बन चुका है। इस पहल से कन्नौज को पर्यटन की नई उड़ान मिलेगी और पर्यटक यहां विरासत, इत्र और आतिथ्य का अद्वितीय संगम अनुभव कर सकेंगे।

आनंद भवन पैलेस – इतिहास और आधुनिकता का संगम

सन 1929 में निर्मित और पांच एकड़ क्षेत्र में फैला आनंद भवन पैलेस ज़मींदारी युग की भव्यता का सजीव उदाहरण है। यह पैलेस दिग्विजय नारायण सिंह के स्वामित्व वाला है और कन्नौज रेलवे स्टेशन से मात्र चार किलोमीटर तथा लखनऊ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 136 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वर्ष 2024 में ही कन्नौज ने 13 लाख से अधिक पर्यटकों का स्वागत किया था, ऐसे में यह नया लग्ज़री हेरिटेज होमस्टे क्षेत्रीय पर्यटन को और गति देने की उम्मीद जगाता है।

इत्रों से प्रेरित सुइट और विशेष अनुभव

आनंद भवन पैलेस में कन्नौज की इत्र परंपरा से प्रेरित छह हेरिटेज सुइट तैयार किए गए हैं— जैस्मिन, पैचौली, ऊद, नेरोली, गुलाब और बख़ूर। मेहमानों के लिए यह होमस्टे सिर्फ ठहरने की जगह नहीं बल्कि एक अनुभव है, जहाँ फार्म-टू-टेबल स्थानीय भोजन, नेपाली स्वादों के साथ डिनर और खुले आसमान के नीचे बारबेक्यू नाइट जैसे विशेष पाक आनंद प्रदान किए जाते हैं। पर्यटक स्विमिंग पूल पर विश्राम कर सकते हैं, विंटेज गेम्स रूम में बिलियर्ड्स खेल सकते हैं और लाख बहोसी बर्ड सैंक्चुअरी में बर्ड वॉचिंग का आनंद ले सकते हैं। साथ ही, कन्नौज की अत्तर परंपरा को समझने के लिए गाइडेड टूर भी उपलब्ध है।

सरकार का दृष्टिकोण और सांस्कृतिक संरक्षण

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार हेरिटेज आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। कन्नौज का आनंद भवन पैलेस इस बात का जीवंत उदाहरण है कि किस तरह ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित कर उन्हें सांस्कृतिक और आर्थिक विकास का केंद्र बनाया जा सकता है।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि कन्नौज विश्व स्तर पर इत्र नगरी के रूप में विख्यात है और पिछले वर्ष यहां 13 लाख से अधिक पर्यटक पहुंचे थे। आनंद भवन पैलेस का हेरिटेज होमस्टे बनने से यहां पर्यटन को नया आयाम मिलेगा और यह प्रयास रोजगार के अवसर बढ़ाने के साथ-साथ पर्यटकों को अविस्मरणीय अनुभव भी देगा।

विरासत संपत्तियों का नया स्वरूप

निदेशक इको-टूरिज्म प्रखर मिश्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ऐसी अनेक हवेलियां, ज़मींदारी घर और महल हैं जिन्हें व्यावसायिक होटल में बदलना संभव नहीं, लेकिन उन्हें हेरिटेज होमस्टे के रूप में विकसित कर उनकी आत्मा को संरक्षित किया जा सकता है। आनंद भवन पैलेस इसका सबसे अच्छा उदाहरण है, जहाँ इतिहास और संस्कृति को ज्यों का त्यों बनाए रखते हुए यात्रियों को एक अनूठा अनुभव प्रदान किया गया है।

उद्घाटन और भविष्य की संभावनाएँ

कन्नौज में आयोजित उद्घाटन समारोह में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने फीता काटकर इस लग्ज़री होमस्टे की शुरुआत की। इस अवसर पर जिलाधिकारी कन्नौज आशुतोष मोहन अग्निहोत्री, यूपी टूरिज़्म (इको) के निदेशक प्रखर मिश्रा, अमा होमस्टे के वाइस प्रेसिडेंट सुमित बजाज और आईएचसीएल के क्लस्टर जनरल मैनेजर विनोद पांडे भी मौजूद रहे।

इस ऐतिहासिक लॉन्च के साथ उत्तर प्रदेश ने हेरिटेज होमस्टे नेटवर्क विकसित करने की दिशा में एक नई पहल की है। पर्यटन विभाग ने निजी हेरिटेज संपत्तियों के मालिकों और निवेशकों को भी आमंत्रित किया है कि वे सरकार के साथ मिलकर इस मुहिम में भागीदारी करें। महलों और हवेलियों को पुनर्जीवित कर अनुभवात्मक पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करना न केवल राज्य में पर्यटन को नई पहचान देगा, बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए रोजगार और आर्थिक विकास के नए रास्ते भी खोलेगा।

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