
- एमएसएमई सचिव एस.सी.एल.दास ने कन्नौज के इत्र उद्योग के विकास और निर्यात बढ़ाने पर दिया जोर
- उद्यमियों ने सैंडलवुड के विकल्प, फूलों की खेती, और पैकेजिंग सुधार पर की चर्चा
- सचिव ने इत्र मानकीकरण और निर्यात समस्याओं के समाधान का दिया आश्वासन

कन्नौज/लखनऊ: सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव एस.सी.एल. दास ने कन्नौज के इत्र उद्योग को बढ़ावा देने और निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया। कन्नौज स्थित फ्रेगरेंस एंड फ्लेवर डेवलपमेंट सेंटर (FFDC) के सभागार में आयोजित एक विशेष बैठक के दौरान, उन्होंने इत्र उद्योग की चुनौतियों पर चर्चा की और उद्यमियों को आवश्यक समाधान सुझाए।
इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रमुख उद्यमियों, औद्योगिक संगठनों, और इत्र उत्पादकों ने भाग लिया। बैठक के दौरान इत्र उद्योग से संबंधित अनेक पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया, जैसे कि निर्यात बढ़ाने, मानकीकरण, रिसर्च एवं डेवलपमेंट, और पैकेजिंग सुधार।
सैंडलवुड की जगह अन्य बेस ऑयल की तलाश पर चर्चा, निर्यात और कस्टम से जुड़ी समस्याएं

बैठक में प्रमुख उद्यमियों ने इत्र निर्माण में सैंडलवुड (चंदन) के तेल की कमी और उसके विकल्प के रूप में अन्य बेस ऑयल की तलाश पर जोर दिया। इसके साथ ही, फूलों और मसालों की स्थानीय स्तर पर खेती को प्रोत्साहित करने की बात कही गई।
इत्र एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन त्रिवेदी ने गंगा के किनारे फूलों की खेती को बढ़ावा देने और औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इत्र उत्पादों की पैकेजिंग को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कन्नौज में एक पैकेजिंग संस्थान या उसकी शाखा स्थापित की जानी चाहिए। उद्यमियों ने इत्र निर्यात में आ रही कस्टम और अन्य तकनीकी समस्याओं को भी उठाया। खासतौर से चंदन के तेल और उससे जुड़े उत्पादों के निर्यात में आने वाली बाधाओं पर चर्चा की गई। उद्यमियों ने इत्र और परफ्यूम के लिए अलग-अलग मानक तय करने की मांग की और भारत मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा इत्र उत्पादों का मानकीकरण किए जाने का भी सुझाव दिया।
औद्योगिक आस्थान के अध्यक्ष आदित्य कुमार मिश्रा ने इत्र उद्योग में रिसर्च और डेवलपमेंट को प्रोत्साहित करने के लिए एक विशेष पैकेज की मांग की। उन्होंने सूक्ष्म इकाइयों को टेस्टिंग में सब्सिडी देने की भी अपील की, ताकि छोटे उद्योगों को भी वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिल सके।
सचिव एस.सी.एल. दास ने दिए ठोस आश्वासन

बैठक में सचिव एस.सी.एल. दास ने एफएफडीसी के प्रधान निदेशक को इत्र उत्पादों के मानकीकरण पर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वाणिज्य मंत्रालय और जीएसटी काउंसिल के साथ समन्वय स्थापित कर उद्यमियों की समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाएगा।
सचिव ने यह भी कहा कि कन्नौज में इत्र उद्योग को और अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए सामान्य सुविधा केंद्र की स्थापना के प्रयास किए जाएंगे, जिससे इत्र उत्पादकों को बेहतर संसाधन और तकनीकी सहयोग प्राप्त हो सके।
फूलों की खेती का निरीक्षण और एरोमेटिक प्लांट्स पर चर्चा
दौरे के दौरान, सचिव दास ने गोपाल सैनी फार्मलैंड में फूलों की खेती का निरीक्षण किया और एफएफडीसी कन्नौज कैंपस का दौरा किया। उन्होंने वहां एरोमेटिक प्लांट्स के बारे में जानकारी ली और आईसीएआर-डीएफआर पुणे से आए वैज्ञानिकों के साथ चर्चा की। इस दौरान उन्होंने फूलों की बेहतर खेती और उनके औद्योगिक उपयोग पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही।
एक जनपद एक उत्पाद (ODOP) योजना के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम
सचिव ने जिला उद्योग केंद्र कन्नौज द्वारा संचालित ‘एक जनपद एक उत्पाद’ (ODOP) योजना के तहत आयोजित 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में भी भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने प्रशिक्षार्थियों से संवाद कर उनकी प्रगति की जानकारी ली और प्रमाण-पत्र वितरित किए।
अपने संबोधन में, सचिव दास ने प्रशिक्षार्थियों को उद्योग स्थापित करने और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान करने के लिए तैयार है।
उद्यमियों की मांग और आगे की दिशा
कन्नौज के इत्र उद्योग को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने और निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए बैठक में कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए। सैंडलवुड की जगह अन्य बेस ऑयल विकल्पों की तलाश, फूलों और मसालों की स्थानीय खेती, इत्र उत्पादों की पैकेजिंग सुधार, और निर्यात में आ रही कस्टम समस्याओं के समाधान जैसे मुद्दों पर ठोस कार्रवाई का आश्वासन दिया गया।
सचिव दास ने कहा कि इत्र उद्योग के विकास के लिए हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा और कन्नौज को इत्र उद्योग का हब बनाने की दिशा में विशेष कदम उठाए जाएंगे।