
किसानों की आय बढ़ाने के लिए योगी सरकार का प्रभावी प्रयास
- योगी सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए औद्यानिक योजनाओं पर कार्यरत।
- सभी योजनाओं का लाभ पात्र किसानों तक पहुंचाने का निर्देश।
- लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी।
- हाईटेक नर्सरियों और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की प्रगति को प्राथमिकता।
- मसाला, लीची, स्ट्रॉबेरी, और पुष्प उत्पादन क्षेत्रों पर विशेष जोर।

लखनऊ, 05 दिसम्बर 2024: उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आय को दोगुना करने और उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में, प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार और कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने गुरुवार को लखनऊ स्थित अपने आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्यान विभाग की योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार किसानों को उनकी फसलों का अधिकतम लाभ दिलाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
मंत्री ने बताया कि औद्यानिक फसलों को बढ़ावा देने से किसानों को कम लागत और कम मेहनत में अधिक मुनाफा हो सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य के किसानों की फसलों को प्रदेश के साथ-साथ देश और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी निर्यात करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
आधुनिक तकनीकों और प्रशिक्षण से खेती को सशक्त बनाना
उद्यान मंत्री ने कहा कि किसानों को औद्यानिक फसलों की उपयोगिता और उनके लाभों की जानकारी दी जानी चाहिए। इसके लिए प्रशिक्षण शिविर और गोष्ठियों का आयोजन कर किसानों को आधुनिक खेती की तकनीकों से अवगत कराया जा रहा है। इन तकनीकों के जरिए किसान अपनी फसलों की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं और उच्च मूल्य वाली फसलों का उत्पादन कर सकते हैं।
मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी योजनाओं का लाभ पात्र किसानों तक पहुंचे। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सभी किसानों को उन्नत बीज, पौध और अन्य संसाधन समय पर उपलब्ध कराए जाएं।
समीक्षा बैठक में योजनाओं का मूल्यांकन
बैठक के दौरान “पर ड्रॉप मोर क्रॉप-माइक्रो इरिगेशन योजना,” “एकीकृत बागवानी विकास मिशन,” “नमामि गंगे,” “गंगा के तटवर्ती औद्यानिक विकास योजना,” और अनुसूचित जाति, जनजाति, बुंदेलखंड एवं विंध्य क्षेत्र में चलाई जा रही औद्यानिक योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की गई। मंत्री ने कहा कि योजनाओं में लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि जिन जिलों में योजनाओं और निर्माण कार्यों की प्रगति धीमी है, वहां कार्यों में तेजी लाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।
उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को बेहतर पौध और संसाधन उपलब्ध कराने के लिए राज्य में 150 हाईटेक नर्सरियों की स्थापना की जा रही है। जिन स्थानों पर अब तक काम शुरू नहीं हुआ है, वहां कार्य को तुरंत शुरू कर गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित की जाए।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और क्षेत्रीय विकास पर जोर
बैठक में प्रदेश में स्थापित किए जा रहे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की प्रगति पर विशेष चर्चा हुई। मंत्री ने सभी नोडल अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इन केंद्रों के निर्माण और संचालन में तेजी लाएं। उन्होंने राजकीय पौधशालाओं और प्रक्षेत्रों के सुदृढ़ीकरण के साथ पौध उत्पादन बढ़ाने पर भी जोर दिया।
मसाला, लीची, स्ट्रॉबेरी और पुष्प उत्पादन क्षेत्रों पर भी गहन विचार-विमर्श किया गया। मंत्री ने कहा कि इन विशेष फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाए, जिससे उन्हें बाजार में अधिक लाभ मिल सके।
सख्त निर्देश और निगरानी प्रणाली
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार योजनाओं की नियमित समीक्षा की जाएगी। इसके तहत उप निदेशक हर 7 दिनों में और निदेशक हर 15 दिनों में योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे और उसकी वस्तुस्थिति से मंत्री को अवगत कराएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि योजनाओं में लापरवाही करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारियों की भागीदारी
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव बी.एल. मीणा, निदेशक उद्यान वी.बी. द्विवेदी, निदेशालय स्तर के वरिष्ठ अधिकारी और मंडल व जिला स्तर के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में जुड़े। सभी ने अपने-अपने क्षेत्रों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की और योजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया।